सीपीजे कॉलेज और जीजीएसआईपीयू द्वारा “एनआरआई वैवाहिक मुद्दों में भारतीय महिलाओं को सशक्त बनाना” विषय पर महिला जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

नई दिल्ली, 4 अप्रैल 2025 — सीपीजे कॉलेज ऑफ हायर स्टडीज एंड स्कूल ऑफ लॉ और गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय (GGSIPU) ने संयुक्त रूप से एक महिला जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। यह कार्यक्रम “एनआरआई वैवाहिक मुद्दों में भारतीय महिलाओं के अधिकार” विषय पर आधारित था और राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) द्वारा प्रायोजित किया गया था। इसका उद्देश्य एनआरआई विवाहों में उत्पन्न होने वाली जटिलताओं और उनसे जुड़ी सामाजिक-वैधानिक चुनौतियों के प्रति जागरूकता फैलाना और महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति सशक्त बनाना था।

कार्यक्रम में कई प्रमुख कानूनी विशेषज्ञ, सामाजिक कार्यकर्ता, शिक्षाविद, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और विश्वविद्यालयों के पदाधिकारी उपस्थित रहे। विशिष्ट अतिथियों में शामिल थे — श्री आर.एस. गोस्वामी (पूर्व अध्यक्ष, बार काउंसिल दिल्ली), श्री राकेश कुमार और श्री राकेश आहूजा (एसीपी, दिल्ली पुलिस), श्री रोहताश सिंह सरोहा (प्रभारी, खुफिया विभाग, गृह मंत्रालय), आचार्य वेद प्रकाश, सुश्री सरस्वती सोलंकी (DLSA पैनल एडवोकेट), सुश्री फिरदोस खान (महिला और बाल अधिकार कार्यकर्ता), प्रो. शिवानी गोस्वामी और डॉ. राकेश हांडा (GGSIPU), डॉ. युगांक चतुर्वेदी (महानिदेशक, सीपीजे कॉलेज), डॉ. ज्योत्स्ना सिन्हा, डॉ. अमित जैन, डॉ. शालिनी त्यागी, डॉ. नेहा मित्तल और अन्य गणमान्य अतिथि हुए शामिल

कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ. युगांक चतुर्वेदी के स्वागत भाषण से हुआ, जिसमें उन्होंने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का गर्मजोशी से स्वागत किया। उन्होंने अपने ज्ञानवर्धक संबोधन में एनआरआई विवाहों की जटिलताओं से जूझ रही महिलाओं को व्यावहारिक सलाह और कानूनी सतर्कता बरतने के उपाय सुझाए।

आचार्य वेद प्रकाश ने सफल वैवाहिक जीवन के लिए प्रेम, आपसी समझ और सांस्कृतिक समन्वय की भूमिका पर जोर दिया। वहीं एसीपी राकेश कुमार और एसीपी राकेश आहूजा ने कानूनी अधिकारों की जानकारी और सतर्कता को ठगी से बचाव का प्रमुख उपाय बताया।

श्री रोहताश सिंह सरोहा ने विवाह से पहले लड़के और लड़की की आपसी अनुकूलता की गंभीर जांच की आवश्यकता पर बल दिया। श्री आर.एस. गोस्वामी ने दशकों के अनुभव के आधार पर बताया कि जागरूकता और सूचित निर्णय ही न्याय और सुरक्षा की कुंजी हैं। उन्होंने डॉ. चतुर्वेदी के उद्बोधन और नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए सीपीजे को एक अग्रणी संस्था बताया।

प्रो. शिवानी गोस्वामी ने विषय की प्रासंगिकता को रेखांकित करते हुए माता-पिता को भी सतर्क रहने और लड़के की पृष्ठभूमि की पूरी जांच करने का सुझाव दिया। सुश्री फिरदोस खान ने बताया कि पिछले 5 वर्षों में एनआरआई महिलाओं से कुल 1,617 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनमें उन्हें विदेश में छोड़ देने, घरेलू हिंसा और उत्पीड़न जैसे गंभीर मुद्दे शामिल हैं।

सुश्री सरस्वती सोलंकी ने कानूनी प्रक्रियाओं की स्पष्टता और पारदर्शिता की आवश्यकता पर बल दिया, विशेष रूप से तलाक, संतान की अभिरक्षा और संपत्ति के मामलों में। डॉ. शालिनी त्यागी ने महिला आयोग के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे मुद्दों पर जागरूकता फैलाना नितांत आवश्यक है।

अंत में कार्यक्रम का समापन विधि संकाय की सुश्री इश्मीत कौर सोढ़ी के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ, जिसमें उन्होंने राष्ट्रीय महिला आयोग, GGSIPU, सीपीजे कॉलेज, आयोजन टीम और सभी विद्यार्थियों का आभार व्यक्त किया, जिनके सहयोग से यह कार्यक्रम अत्यंत सफल रहा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *