सीयूएच की पूर्व डीन का 46वें दिन भी धरना जारी, आमरण अनशन की दी चेतावनी

केंद्रीय विश्वविद्यालय हरियाणा (सीयूएच) की कानून विभाग की पूर्व डीन प्रो. मोनिका मलिक का कथित उत्पीड़न के विरोध में जारी अनिश्चितकालीन धरना 46वें दिन में प्रवेश कर गया। न्याय की मांग को लेकर अपने आंदोलन को और तेज करने की बात करते हुए उन्होंने आमरण अनशन पर जाने की चेतावनी दी है।

प्रेस वार्ता में प्रो. मोनिका ने आरोप लगाया कि नए कुलपति के कार्यकाल में उन्हें लगातार कार्यस्थल पर परेशान किया गया और विरोध करने पर झूठे मामले में फँसाया गया। उन्होंने कहा,

“मैंने राष्ट्रपति, शिक्षा मंत्री, केंद्र सरकार, यूजीसी के अध्यक्ष और राष्ट्रीय महिला आयोग सहित संबंधित अधिकारियों से कई बार शिकायत की, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।”

धरने को समर्थन देने के लिए जन संघर्ष मंच (हरियाणा चैप्टर) के सदस्य भी शामिल हुए। मंच के सदस्यों ने कहा कि यह  न केवल महिला अधिकारों का उल्लंघन का मामला है, बल्कि कार्यस्थल पर न्याय सुनिश्चित करने में प्रशासन की असफलता का भी प्रतीक है।

प्रो. मोनिका ने यह भी आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने उनके कार्यालय को चोरी-छिपे खुलवाया और उनकी निजी समान और दस्तावेज़ों को नुकसान पहुँचाया गया व गायब कर दिया गया

पुलिस में शिकायत दर्ज कराने के बावजूद अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। प्रो. मोनिका ने चेतावनी दी है कि यदि उन्हें जल्द न्याय नहीं मिला, तो उनके पास आमरण अनशन के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचेगा।

प्रो मोनिका का कहना है कि यह आंदोलन सिर्फ उनके अपने खिलाफ होने वाले शोषण के खिलाफ ही नहीं बल्कि उन सभी के लिए है, जो कार्यस्थल पर किसी भी प्रकार के उत्पीड़न का सामना कर रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *