Rajender Nagar Vidhansabha Byelections : सियासी रण के योद्धाओं के बारे में जानिए-कौन कितने पानी में ?
-संदीप शर्मा-
न्यूज़ नोलेज मास्टर,NKM NEWS,दिल्ली के राजेन्द्र नगर विधानसभा उपचुनाव के सियासी रण में बीजेपी,AAP और कांग्रेस पार्टी ने अपने अपने प्रत्याशियों को उतार दिया है। इस उपचुनाव के नतीजे दिल्ली की सियासत की दिशा भी तय करेंगे । आगामी दिल्ली नगर निगम के चुनाव के मध्यनज़र भी इस उपचुनाव के नतीजे सियासी दलों के लिए खास मायने रखते हैं यही वजह है कि सियासी दलों अपनी पूरी ताकत इन चुनावों मे झोकते नज़र आ रहे हैं।
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आम आदमी पार्टी ने दुर्गेश पाठक को पहले से चुनावी मैदान में उतार रखा है। आप ने पाठक को सोची समझी रणनीति के तहत पहले विधानसभा का प्रभारी बनाया और बाद मे उन्हें प्रत्याशी घोषित कर दिया है। आम आदमी पार्टी अकसर चुनाव मे अपने प्रत्याशियों को दूसरी पार्टियो की तुलना में पहले ही मैदान में उतार देती हैं। जबतक दूसरी पार्टियां प्रत्याशी का नाम तय कर पाती है तब तक आम आदमी पार्टी का प्रत्याशी चुनाव क्षेत्र के जमीनी हालात को समझ लेता है। बता दे कि दुर्गेश पाठक को आम आदमी पार्टी ने एमसडी के प्रभारी की जिम्मेदारी भी निभा रहे है । वह पार्टी की पीएसी, यानि राजनीतिक मामलों के अति महत्वपूर्ण समिति के भी सदस्य है। हाल ही में गोआ विधानसभा चुनाव मे पार्टीउन्हें प्रभारी बनाया था । 2017 के पंजाब विधानसभा चुनाव मे भी वह प्रभारी पद की जिम्मेदारी निभा चुके है। दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल के वह विश्वावास पात्र हैं । अन्ना हज़ारे आंदोलन के समय से ही वह केजरीवाल के साथ जुडे हुए हैं।
बीजेपी ने राजेश भाटिया को यहां से चुनावी मैदान में उतारा है। राजेश भाटिया पहले राजेन्द्र नगर से ही 2012 से 2017 तक निगम पार्षद रह चुके हैं। वही वह दिल्ली प्रदेश बीजेपी 2017 से 2021 तक महासचिव रह चुके है। राजेश भाटिया बीजेपी जिला करोल बाग के भी अध्यक्ष रह चुके हैं। भाटिया स्थानीय लोगो से सम्पर्क साधे रहते हैं और अकसर सोशल मीडिया पर दिल्ली सरकार की नीतियों को लेकर घेरते नज़र आते हैं । वही वह इस इलकाे में बरसों से रह रहे हैं । यही वजह है कि पार्टी मे तकरीबन एक दर्जन दावेदारों में से पार्टी ने राजेश भाटिया के नाम पर मुहर लगाई है ।
कांग्रेस पार्टी की बात करे तो यहां से प्रेमलता को चुनावी रण मे उतारने का पार्टी आलाकमान ने फैसला लिया है । प्रेमलता इसी विधानसभा के पूसा वार्ड से स्थानीय निगम पार्षद भी रह चुकी हैं।
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राजेन्द्र नगर विधानसभा उपचुनाव के नतीजों का क्या होगा असर
दिल्ली विधानसभा के राजेन्द्र नगर सीट के उपचुनाव पर तीनो पार्टियां जीत का दावा ठोक रही है लेकिन मतादाता किस पार्टी के प्रत्याशी पर भरोसा जताते है यह एक ऐसा सवाल है जिसके नतीजे आने वाले दिल्ली नगर निगम के चुनाव पर भी प्रभाव ड़ालेंगे । हालांकि इन चुनावों का दिल्ली विधानसभा की स्थिती पर कोई असर नही पड़ने वाला है। दिल्ली विधानसभा के चुनाव में आम आदमी पर्टी के पास 62 सीटे है। उसमें राजेन्द्र नगर विधानभा से राघव चड्ढा के राज्यसभा में मनोनीत होने के चलते इस सीट पर उपचुनाव है। हालांकि दिल्ली विधानसभा में पर्याप्त संख्या बल के बावजूद आम आदमी प्राटी इस सीट पर बड़ी गंभीरता से ताकत झोंकती नज़र आ रही है। इन चुनाव नतीजों का दिल्ली नगर निगम के चुनाव पर पड़ने वाले असर और दिल्ली की जनता में जाने वाले संदेश को कोई भी पार्टी नज़र अंदाज नही कर सकती ।
किन किन मुद्दों पर पार्टियां ठोक रही हैं ताल
आप प्रत्याशी दुर्गेश पाठक दिल्ली नगर निगम की 15 साल की नाकामियों,भ्रष्टाचार,कर्मचारियों के वेतन,नगर निगम की अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई,तीनो निगमों के एकीकरण और निगम चुनाव टाले जाने,दिल्ली सरकार की उपलब्धियों के आधार पर मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश मे जुटे हुए हैं । वहीं बीजेपी दिल्ली सरकार की नाकामियों, सतेन्द्र जैन के भ्रष्टाचार, इलाके मे पानी की गंभीर समस्या,पंजाब में भगवंत मान सरकार द्वारा किये जाने वाले बलंड़र से उठे सियासी बवंड़र सरीखे मुद्दे इस सियासी रण में उछलाती नज़र आ रही है ।
बाहरी बनाम स्थानीय का मुद्दा-
बीजेपी बाहरी बनाम स्थानीय के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी को घेरने की मुख्य रणनीति के तौर काम करती दिखाई देगी। दरअबसल बीजेपी ने काफ सोच समझ कर राजेश भाटिया पर दांव खेला है। दरअसल राजेश भाटिया और उनका परिवार इस इलाके में बरसो से रह रहा है। ऐसे में बीजेपी नेतृत्व ने इस मुद्दे पर किसी स्थानीय उम्मीदवार को ही उतारने की रणनीति पर काम करते हुए भाटिया को मैदान मे उतारा।
राजेन्द्र नगर विधानसभा की पंजाबी बहुलता बनाम अन्य समुदाय –
वही राजेन्द्र नगर विधानसभा पंजाबी बहुल इलाका है। देश के विभाजन के बाद बडी संख्या में पाकिस्तान के पंजाब से प्लायन कर लोग राजेन्द्र नगर मे बसे हैं। इसमें ओल्ड और न्यू राजेन्द्र नगर का इलाका है। इस इलाके मध्यम और उच्च मध्यमवर्गीय आबादी रहती है । वावजूद इसके इस विधानसभा मे नारायणा गांव,दसघरा और टोड़ापुर है जिसमें यादाव जाट और एससी,एसटी,ओबीसी वर्ग की आबादी रहती हैं । जबकि इस विधानसभा क्षेत्र मे कई स्लम बस्तियां भी है जिसमें पूर्वाचल मतदाता बड़ी संख्या में है। ऐसे मे अगर पंजाबी बहुल राजेन्द्र नगर पर अगर बीजेपी का असर पड़ता दिखाई देगा तो वहीं दूसरी तरफ स्लम बस्तियों में रहने वाले लोग,पूर्वाचल और गांव के लोग का रवैया भी इस सीट के चुनावों पर बड़ा असर ड़ालेगा। वहीं बतादे कि पिछली बार दिल्ली विधानसभा मे राघव चड्ढा भी पंजाबी मूल के प्रत्याशी थे उन्होंन तकरीबन 20,000 हज़ार से ज्यादा मतों से जीत दर्ज की थी ।
कांग्रेस के प्रदर्शन का नतीजों पर कितना असर
वही कांग्रेस पार्टी की प्रेमलता की प्रफोर्मेंस भी इन चुनाव नतीजों पर असर ड़ालेगी। वैसे मुकाबला तो सीधा सीधा आम आदमी पार्टी बनाम बीजेपी मे ही है लेकिन अगर कांग्रेस अगर क्षेत्र मे अगर बेहतर प्रदर्शन करती है और अपने वोट प्रतिशत में थोड़ा इज़ाफा करती है तो आम आदमी पार्टी को इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है। आखिर आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस का वोट बैंक ही कबजा रखा है । हालांकि 2017 के विधानसभा चुनाव मे कांग्रेस पार्टी ने बड़ी खराब प्रदर्शन किया था..कांग्रेस पार्टी के प्रत्यशी रॉकी तुसीद को केवल 3,941 वोट ही मिले थे जोकि कुल वोट का महज 3.80 प्रतिशत था । वहीं बीजेपी के आर पी सिंह को 39 हजार 77 वोट मिले थे जोकि कुल मतदान का 37.70 प्रतिशत वोट था। जबकि आम आदमी पार्टी के राघव चढ्ढा को 59 हजार 135 वोट मिले थे और वोट प्रतिशत की बात करें तो उन्हे 57.06 प्रतिशत वोट मिले थे।
बहरहाल 23 जून को राजेन्द्र नगर विधान सभा के उपचुनाव के लिए मतदान है है जबकि 26 जून को इन चुनवों के नतीजे घोषित किये जायेगें। ऐसे मे देखने वाली बात होगी कि इन चुनावों में किसी पार्टी को जीत मिलती है।