दिल्ली सरकार द्वारा बहुमत के बावजूद विश्वास प्रस्ताव लाने पर कांग्रेस पार्टी ने भी खड़े किए सवाल
नई दिल्ली, 29 अगस्त, 2022 – दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को एक दिवसीय विशेष सत्र बुलाकर विश्वास प्रस्ताव लाने की आखिर जरुरत क्या थी जबकि उनके पास 70 में से 62 विधायक हैं। क्या दिखावे के लिए कि आम आदमी पार्टी का एक-एक विधायक, एक-एक मंत्री कट्टर ईमानदार है जबकि केजरीवाल सरकार के भ्रष्टाचार लगातार एक-एक करके दिल्लीवालों के सामने उजागर हो रहे है।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि अरविन्द केजरीवाल द्वारा विशेष सत्र बुलाने का मकसद दिल्लीवालों का ध्यान शराब घोटाले से हटाने के लिए विश्वास प्रस्ताव की ड्रामेबाजी की गई। उन्होंने कहा कि विशेष सत्र में भाजपा विधायक जिम्मेदार भूमिका निभाने की बजाय सदन से बाहर होने का ड्रामा करके आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार की मदद करने काम किया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली विधानसभा में नियम 54 के अंतर्गत ध्यानाकर्षण प्रस्ताव में दिल्ली सरकार के स्कूलों में कमरों के निर्माण कार्य में हुए भारी भ्रष्टाचार पर सीवीसी की गहन जांच रिपोर्ट पर शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने विशेष सत्र में जवाब क्यों नही दिया और भाजपा विधायकों ने सीवीसी जांच रिपोर्ट पर चर्चा करने की मांग करने की बजाय सदन से बाहर जाने का ड्रामा क्यूं किया।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के शिक्षा मॉडल को बेहतर बनाने की जगह फर्जीवाड़ा किया है। आम आदमी पार्टी के दिल्ली की सरकार बनाने के बाद सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या घटी है और कुल छात्रों के 40 प्रतिशत छात्र क्लासों से गैर हाजिर रहे है। वहीं दूसरी ओर पब्लिक स्कूलों में 7 वर्षों में एडमीशन 31 प्रतिशत से बढ़कर 43 प्रतिशत हो गया है। प्रदेश अध्यक्ष ने पूछा कि यह कैसा बेहतर शिक्षा मॉडल है जिसके तहत सरकारी स्कूलों में लगातार छात्रों की शिक्षा घट रही है, 10वीं और 12वीं के परिणामों में दिल्ली पिछड़ रही है।