पहलगाम में आतंकी हमला: देश के चारों ओर से बढ़ते खतरे पर रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल का प्रधानमंत्री को भावुक खुला पत्र
पहलगाम की वादियों में आतंकवादियों ने बेगुनाहों के खून की स्याही से जो बर्बरता पूर्वक इबारत लिखी है । आतंकी हमले ने 27 निर्दोष पर्यटकों की जान, इस्लामिक आतंकवादियों ने बेरहमी से ले ली । इस आतंकी घटना से पूरे देश में गुस्सा है
यह हमला केवल एक घटना नहीं है — यह भारत की सत्ता और सरकार को खुली चुनौती है । इन्हीं हालातों पर चिंता जताते हुए भारतीय सेना के एक पूर्व अधिकारी, रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल गुरप्रकाश सिंह विर्क ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नाम एक खुला पत्र जारी किया है और भारत की सुरक्षा व्यवस्था पर चिंता जाहिर की है और इन बिंदुओं का ज़िक्र किया है
अपने पत्र में उन्होंने लिखा:
> “मोदी जी, अगर आप सुरक्षा व्यवस्था को सच्चे ‘धरतीपुत्रों’ के हवाले नहीं करेंगे, तो भारत यूं ही पिताविहीन दिखाई देता रहेगा।
> अगर हमारी रणनीति खोखली है और सैनिकों की अनदेखी की जाती है तो भगवान भी हमें नहीं बचा सकते
> आपके पास खोने के लिए बेटे नहीं हैं, इसलिए बलिदान मांगना आपके लिए आसान है। लेकिन हम, जिन्होंने पीढ़ियों तक खून बहाया है, आपके इस खोखले नेतृत्व को बर्दाश्त नहीं कर सकते।”
1. इस्लामिक पाकिस्तान की शत्रुतापूर्ण नीयत,
2. साम्यवादी चीन की विस्तारवादी नीति,
3. इस्लामिक बांग्लादेश (पूर्वी पाकिस्तान) से बढ़ता खतरा,
4. देश के भीतर पनप रहा आतंकवाद,
5. और दुर्भाग्यपूर्ण रूप से, देश की सुरक्षा व्यवस्था को कमज़ोर करने वाली नाकाम सरकारी नीतियाँ।
लेफ्टनेंट कर्नल विर्क आगे लिखा कि सरकार के आसपास अब व्यापारी और वोट के सौदागरों की भरमार हैं, सच्चे सैनिकों की कोई सुनवाई नहीं है। गुरप्रीत सिंह विर्क ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि यह आवाज़ भी दबा दी गई, तो दुनिया को जानना चाहिए कि देश में सच्चाई बोलने वालों को बिना जमानत जेल में डाला जा रहा है।
अपने पत्र के अंत में उन्होंने ऐतिहासिक उदाहरण देते हुए लिखा:
> “गुरु तेग बहादुर जी और गुरु गोबिंद सिंह जी ने कभी व्यापार के सौदों के लिए देश की सुरक्षा नहीं बेची थी। उन्होंने रक्त, साहस और बलिदान से हिंदुस्तान बनाया था — न कि विदेशी चंदों और डॉलरों से।”
उन्होंने मोदी जी से अपील की —
**”जागिए मोदी जी, इससे पहले कि बहुत देर हो जाए।”**