बजट विरोध पर बीजेपी सांसद वीरेन्द्र सिंह का कांग्रेस पर तंज,कहा विपक्ष की समझ को बढ़ाने के लिए स्कूल खोलने की ज़रुरत
वीरेन्द्र सिंह से न्यूज़ नॉलेज मास्टर(NKM)की खास बातचीत पर आधारित
बीजेपी किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और भदोही से लोकसभा सांसद वीरेन्द्र सिहं ने केन्द्र सरकार के बजट को एक बेहतरीन बजट बताते हुए विपक्ष के विरोध की समझ पर सवाल खड़े कर दिए..वीरेन्द्र सिहं ने कहा कि विपक्ष का विरोध बेबुनियाद है…जिस तरह से विपक्ष मुख्यत: विरोधी पार्टी कांग्रेस बजट को मध्यम वर्गीय और किसान विरोधी बता रही है..उसपर कांग्रेस की समझ पर ही प्रश्नचिन्ह लग जाता है..वीरेन्द्र सिंह ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि ऐसा लगता है लिए कांग्रेस जैसे विपक्षी दलों की समझ को बढ़ाने के लिए देश में एक विशेष स्कूल खोलने की ज़रुरत है…उन्होंने कहा कि सरकार ने यह बजट मध्यम वर्ग,किसान और हाशिए पर खड़े गरीब इंसान को ध्यान में रखकर तैयार किया है..वीरेन्द्र सिंह ने कहा कि इस बजट का केन्द्र बिन्दु शिक्षा,स्वास्थय कृषि और किसान है..वीरेन्द्र सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की देश की समझ पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या राहुल को खेत-खलिहान,पशु-पालन के बारे मे क्या कुछ समझ है।
वीरेन्द्र सिंह ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा पेश किया गया आज तक का यह पहला बजट है जिसमें प्रकृति को ध्यान रख कर जैविक खेती के महत्व को ध्यान में रखा गया है..वीरेन्द्र सिंह ने कहा कि फसलों के उत्पादन मे जिस तरह से रासायनिक खादों का प्रयोग हो रहा है उसके चलते कैंसर,किडनी जैसी घातक बिमारियां पैदा हो रही है..इसलिए जैविक खेती को बढ़ावा दिए जाने की ज़रुरत को सरकार ने समझा है…वहीं पराली को जलाने से जिस तरह से प्रदूषण बढ़ रहा है, सरकार ने किसान से पराली खरीद कर उसके वैक्लपिक प्रयोग जैसे मिथाईल,ऐथेन और ईधन के तौर पर प्रयोग करने के बारे में काम किया जा रहा है।
वहीं वीरेन्द्र सिहं दालों की कीमतों में आने वाले उतार-चढ़ावों के लिए पूर्ववर्ती सरकारों की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया…उन्होंने कहा कि कांग्रेस के समय में दालों की कीमतों में बतहाशा इज़ाफा हुआ जिसका लाभ किसानों को नहीं बिचौलियों को मिला..मौजूदा मोदी सरकार किसानों को सीधा बाज़ार से जोड़ रही है..हमने विदेशों से आयात की जाने वाले दालों पर आयात शुल्क बढ़ाया है तांकि देश में रहने वाले किसान को उसकी फसल की सही कीमत मिल सके और आयात किए जाने वाले उत्पादों का वो सामना कर सके..इसी तरह से सरकार जल्द खराब होने वाले उत्पाद जैसे टमाटर,प्याज़ और आलू इत्यादि को सरकार द्वारा सैनिक और अर्धसैनिक केन्टीनों के लिए खरीदा जा सके जिसका सीधा किसानों को लाभ मिलेगा।