तलाश है एक नेगेटिव रोल की खुद को साबित करने के लिए बेहतर अभिनेता-कुलदीप सरीन

कहते हैं माया नगरी मुम्बई सपनों को नई उड़ान देती है,ऐसा ही एक सपना आंखों में संजोय लगभग डेड़ दशक पहले राजधानी दिल्ली से मुम्बई आया एक शख़्स… नाम कुलदीप सरीन, मध्यप्रदेश के ग्वालियर में जन्में कुलदीप का रूझान बचपन से फिल्मों की तरफ रहा है वो बताते है जब वो 7-8 साल के थे तभी से उन्हें फिल्में अपनी और आकर्षित करती रही हैं… और इन्हीं फिल्मों की वज़ह से अनेकों दफा उन्होंने माता-पिता की फटकार भी सही… लेकिन फिल्मों के प्रति उनका रूझान उम्र के साथ-साथ बढ़ता ही रहा… यही वजह थी की अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद वो ग्वालियर से नाता तोड़ दिल्ली आ गए… ताकि रंगमंच के जरीये अभिनय के बारिकियां सीख सकें… लम्बे अरसे तक दिल्ली के अलग- अलग ग्रुपस के साथ थियटर करने के पश्चात वो “राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय ” की रेपेटरी कंपनी के साथ जुड़ गए और प्रोफेशनल एक्टर की तरह काम करने लगे…एनएसडी रेपेटरी द्वारा मंचित अनेक ऐसे नाटक हैं जो आज भी कुलदीप सरीन के जोरदार अभिनय के वज़ह से जाने जाते हैं…जैसे ताजमहल का टेंडर इत्यादि दिल्ली में रहते हुए कुलदीप सरीन ने रंगमंच के साथ-साथ टीवी के लिए भी काफी काम किया कुछ एक फिल्में भी की जैसे पिंजर इत्यादि मगर जिस सपने के साथ वो पले ,बड़े हुए वो सपना अब भी सपना ही था शायद यही वजह थी कि कुलदीप सरीन ने दिल्ली छोड़ मुम्बई से नाता जोड़ लिया…और जल्द ही उन्हें सोनी टीवी पर प्रसारित “क्राइम पेट्रोल” से अच्छी खासी पहचान भी मिली और लोग उन्हें जानने लगे…मुम्बई में रहते हुए कुलदीप सरीन छोटे बड़े बैनर की लगभग 40 से 45 फिल्में कर चुके हैं…जैसे सुभाष घई की “ब्लैक एण्ड वॉइट”, संजय दत्त के साथ “तथा्स्तु” यशराज की हालिया रीलिज कैदी बैंड इतियादी मगर अब भी उन्हें तलाश है एक ऐसे किरदार की जो उन्हें अनकी असल पहचान दिला सकें… जिसका की सपना उन्होंने बचपन में देखा था.. NKM से हुई खास बातचित में कुलदीप सरीन ने बताया कि मुम्बई में उनका कोई गॉड फादर नही है । मुम्बई में रहते हुए उन्होंने जो भी काम किया… जितना भी काम किया है अपनी मेहनत ,अपनी लगन और अपने दम पर किया है…सरीन कहते हैं कि उनमें अभिमान,अहम,घमंड या गरुर नहीं था..काम के लिए खूब भाग दौड़ की जिसके चलते बिना किसी गॉड फादर के भी उन्हें छोटी-बड़ी भूमिकाएं मिलनी शुरु हो गई जिसका मिलना आसान नहीं होता।उनका मानना है कि अब उन्हें तलाश है एक ऐसे नेगेटिव किरदार की जिसके जरीये वो ना सिर्फ खुद को एक बेहतरीन अभिनेता के तौर साबित कर सकें बल्कि फिल्म जगत में अपनी एक अलग पहचान भी बना सकें । अब देखना ये है कि कौन सा बैनर कुलदीप सरीन को नेगेटिव किरदार ऑफर करता है । बहराल कुलदीप सरीन से हुई ख़ास बातचित से हमें ये तो पता चल ही गया है वो एक जिन्दा दिल इंसान हैं जो सिर्फ कर्म पर विश्वास करता है ।

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