देशभर में बसंत पंचमी की धूम,जानिए दिल्ली में पत्रकार कहां कर रहें मां सरस्वती की पूजा-अर्चना

आज देशभर में बसंत पंचमी का त्यौहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। आज का दिन शिक्षा,कला,संगीत और साहित्य से जुड़े लोगों के लिए खास है। इसलिए पूरे देश में शिक्षकों-विद्यार्थियों,संगीत साधकों,साहित्यकार,कला रंग-मंच,मनोरंजन जगत से जुड़े,लेखन व पत्रकारिता से जुड़े लोगों के लिए खास है। विद्या की देवी सरस्वती मां की पूजा अर्चना कर उनसे आशिर्वाद लेने का दिन है। हिंदू पंचाग के अनुसार हर वर्ष माघ माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को विद्या और बुद्धि की देवी माता सरस्वती की आराधना का दिन होता है। इसी उपासना के दिन को बसंत पंचमी कहा जाता है। यह त्योहार वसंत ऋतु के आने का सूचक है. देश के कई हिस्सों में इस दिन को वागीश्वरी जयंती और श्री पंचमी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन संगीत कला और आध्यात्म का आशीर्वाद भी लिया जा सकता है।
टीवी समाचार चैनल के वरिष्ठ पत्रकार रवि त्रिपाठी पिछले कई वर्षों से सरस्वती पूजा के कार्यक्रम का आयोजन करते आ रहे हैं इस वर्ष भी उन्होंने अपने मित्रों के साथ लोधी कॉलोनी रेलवे स्टेशन के पास बी.के.दत कॉलोनी के सनातन धर्म सभा मंदिर परिसर में सरस्वती पूजा के कार्यक्रम का आयोजन किया है…बसंत पंचमी के उत्सव पर रवि त्रिपाठी और उनके मित्रों द्वारा संचालित सारस्वतेय सोसाईटी ऑफ कंपैशन ने स्कूली बच्चों की प्रतियोगिता,सांसकृतिक कार्यक्रम,भंड़ारे का सुंदर कार्यक्रम रखा है.इसी तरह के कई कार्यक्रमों की राजधानी दिल्ली और देश भर में बसंत पंचमी का उत्सव धूम-धाम से मनाया जा रहा है।

बसंत पंचमी पर विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा की जाती है. यह पूजा विद्यार्थियों के अलावा संगीत से जुड़े लोगों के लिए भी खास महत्व रखती है क्योंकि ये माना जाता है कि देवी सरस्वती संगीत की भी देवी हैं. हिंदू परंपरा में ऐसी मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन छोटे बच्चों को शिक्षा देने की शुरुआत की जाती है। इसी के साथ बसंत पंचमी के दिन छह माह तक के बच्चे को पहली बार अन्न भी खिलाया जाता है। शास्त्रों में इस दिन को अन्नप्राशन के नाम से भी जाना जाता है। माना जाता है कि सरस्वती पूजन के साथ इस दिन कुछ उपाय करने से बच्चे की बुद्धि कुशाग्र होती है। इस दिन पीले रंग के कपड़े पहन कर पूजा करने का विशेष महत्व होता है। इस दिन पीले रंग का भोजन करने का भी दिन है.माता सरस्वती के साथ नवग्रह का भी पूजन किया जाता है।

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