प्रोमोशन मामले में नॉर्थ MCD की पदोन्नति,नियुक्ति कमेटी चेयरमैन नीरज गुप्ता ने अधिकारियों को दिया सख़्त निर्देश

दिल्ली नगर निगम के कई कर्मचारी प्रमोशन के मुद्दे को लेकर परेशान चल रहें हैं..लेकिन कई वर्षो से लंबित पड़े इस मामले की किसी ने सुध नही ली ..लेकिन अब यह मामला निगम में चर्चा का केंद्र बनता जा रहा है..इसी मुद्दे पर उत्तरी दिल्ली नगर निगम की पदोन्नति, नियुक्ति व अन्य मामले की कमेटी की बैठक निगम मुख्यालय सिविक सेंटर पर हुई… अक्सर हर मुद्दे पर टकराने वाले सत्ता पक्ष और विपक्ष भी कर्मचारियों के प्रोमोशन के मुद्दे पर सुर में सुर मिलाते दिखाई दिए। दरअसल पिछले कई वर्षों से उच्च अधिकारी लचर रवैया अपनाए हुए हैं जिसका खामियाजा कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है ।

पदोन्नति,नियुक्ति व अन्य मामले की कमेटी चेयरमैन
ने अधिकारियों को दिया सख़्त निर्देश-

सिविक सेंटर में वीरवार को हुई बैठक में कमेटी के चेयरमैन नीरज गुप्ता ने अधिकारियों से इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाते हुए साफ किया कि जल्द इस मुद्दे पर प्रक्रिया में अधिकारी तेज़ी लाएं । उन्होंने कहा कि अधिकारी बेशक इसे मेरा आदेश समझें यां निर्देश। वहीं नीरज गुप्ता ने इस मुद्दे पर संबंधित अधिकारियों को गंभीरता से लेने की हिदायत दी ।

नेता सदन योगेश वर्मा ने भी अधिकारियों के रवैये पर उठाए सवाल-
वहीं उत्तरी दिल्ली नगर निगम में नेता सदन सदन योगेश वर्मा ने इस मुद्दे पर उच्च अधिकारियों के रवैया को कर्मचारियों के प्रमोशन सबसे बड़ी बाधा बताया.. उन्होंने इस मामले में अधिकारियों के ढुलमुल रवैया और प्रक्रिया में कई खामियां की तरफ इशारा किया… योगेश वर्मा ने कहा कि जो अधिकारियों द्वारा सूची तैयार की जाती है उसमें कई कमियां है.. सूची बनाते हुए अधिकारी नए नाम जोड़ते चले जाते हैं जबकि क्रमानुसार वरिष्ठ कर्मचारी सूची में पीछे रह जाते हैं । योगेश वर्मा ने इस मामले में जांच समिति बनाये जाने की वकालत भी करते दिखाई दिये।।

नेता विपक्ष विकास गोयल ने भी उच्च अधिकारियों के रवैये पर उठाए सवाल
अक्सर हर मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष एक दूसरे से टकराता और उलझता हुआ ही दिखाई देता है लेकिन कर्मचारियों की प्रमोशन के मुद्दे पर उत्तरी दिल्ली नगर निगम में नेता विपक्ष विकास गोयल सत्ता पक्ष के साथ सुर में सुर मिलाते हुए दिखाई दिए…उन्होंने कहा कि कई वर्षों से कर्मचारियों के इस मुद्दे को लटकाए रखने के लिए अधिकारी जिम्मेदार हैं और उच्च अधिकारियों को इस मसले के समाधान के लिए गंभीर रुख अपनाना चाहिए।

कर्मचारियों के प्रोमोशन के मुद्दे पर क्या कहते हैं राजेश टॉक
वही इस मुद्दे पर कर्मचारियों के नेता राजेश टांक मानते हैं कि प्रमोशन के मामले में संबंधित अधिकारियों के निजी हित और भ्रष्टाचार आड़े आ रहा है। जिसके चलते सालों से यह मामला लटका हुआ है। अधिकारी चाहते हैं कि यह मुद्दा इसी तरह उलझा रहे । इस मामले में विभागीय भ्र्ष्टाचार इस कदर फैला हुआ है कि नए डिप्लोमा होल्डर्स को रिश्वत लेकर प्रोमोशन की सूची में नाम जोड़ दिया जाता है और वरिष्ठ कर्मचारियों के हितों की अनदेखी की जाती है। राजेश टांक कहते हैं कि जब निगम को तीन हिस्सों में विभक्त किया गया था उस वक्त उत्तरी दिल्ली नगर निगम में 133 सफ़ाई कर्मचारियों के सेनेटरी इंस्पेक्टर की सूची में नाम थे.. जिसमें 53 कर्मचारियों को प्रोमोशन दे दिया गया लेकिन शेष बचे सभी कर्मचारी आज भी धक्के खा रहे हैं और उनकी सुध लेने वाला कोई नही है। हालांकि अभी भी उत्तरी निगम में SI के 150 पद रिक्त पड़े हैं।

मामले में सत्ता पक्ष और विपक्ष के एक साथ आने से प्रोमोशन में करप्शन पर लगेगी लगाम !

जिस तरह से मजूदा कमेटी के चेयरमैन नीरज गुप्ता और नेता सदन योगेश वर्मा ने इस मामले में सक्रियता दिखाई है उससे लगता कि इस मुद्दे का जल्द निपटारा हो जाएगा क्योंकि नेता विपक्ष विकास गोयल भी कर्मचारियों इस मुद्दे को जायज़ बता रहे हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि प्रोमोशन में करप्शन के मुद्दे गर्माने से संबंधित अधिकारियों के कान खड़े हो गए हैं ।

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