आम आदमी पार्टी की मान्यता रद्द कर दिल्ली के मुख्यमंत्री समेत AAP के सभी विधायकों को जेल में डाल दीजिए-संजय सिंह

आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि केन्द्र द्वारा दिल्ली सरकार के ख़िलाफ़ राजनीतिक षडयंत्र किया जा रहा है और मुख्य सचिव का मुद्दा इसी कड़ी में एक और षडयंत्र है। आम आदमी पार्टी की सरकार को गिराने की एक साज़िश भारतीय जनता पार्टी पिछेल काफ़ी लम्बे वक्त से कर रही है । प्रैसवार्ता में पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि ‘आप सारे लोग जानते हैं कि दिल्ली में प्रचंड बहुमत से जो सरकार चुनी गई थी, जिस पार्टी को 70 में से 67 सीट देकर जनता ने सरकार में भेजा था। जनता की उसी सरकार को पहले दिन से ही काम करने से रोका जा रहा है। आम आदमी र्दिल्ली की केजरीवाल सरकार के साथ पहले दिन से ही केंद्र में बैठी मोदी सरकार सौतेला व्यवहार करती आ रही है। जैसा हमारे साथ और हमारी सरकार के साथ किया जा रहा है, उसे देखकर ऐसा लग रहा है कि जैसे हमने राजनीति में आकर कोई पाप कर दिया हो।
संजय सिंह ने आरोप लगया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री के दफ्तर पर सीबीआई का छापा डलवा दिया जाता है, डिप्टी सीएम के घर पर सीबीआई भेज दी जाती है, स्वास्थ्य मंत्री के पीछे सीबीआई छोड़ दी जाती है, आम आदमी पार्टी के 15 विधायकों को गिरफ्तार करा दिया जाता है। भारतीय जनता पार्टी की सरकार में अगर आप अपराधी हैं तो आपको कुछ नहीं कहा जाएगा और आपके ख़िलाफ़ कुछ नहीं किया जाएगा लेकिन अगर आप आम आदमी पार्टी का झंडा उठा लेंगे तो आपको पीट-पीटकर जेल में डाल दिया जाएगा और आपके ख़िलाफ़ झूठा मुकदमा बना दिया जाएगा।
संजय सिंह ने कहा कि

हमारा तो यह कहना है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री समेत आम आदमी पार्टी के सभी विधायकों को जेल में डाल दीजिए, आम आदमी पार्टी की मान्यता रद्द कर दीजिए ताकि मोदी जी को शांति मिल सके।मुख्य सचिव के आरोप पर अगर आप विधायकों को गिरफ्तार कर सकते हैं तो आम आदमी पार्टी के मंत्री इमरान हुसैन के साथ मारपीट करने वाली वीडियो देखकर और मुकदमा कराने के बाद भी अभी कोई कार्रवाई और गिरफ्तारी क्यों नहीं की जा रही है, दिल्ली पुलिस के पास इसका जवाब नहीं है।

संजय सिंह ने कहा कि हमने दिल्ली में राशन का मुद्दा उठाया, दरअसल दिल्ली में पिछले 2-3 महीनों से लोगों को राशन नहीं मिल रहा, भगवान ना करें..अगर दिल्ली में किसी की भूख से मृत्यु हो गई तो जनता मुख्य सचिव अंशू प्रकाश से सवाल नहीं पूछने जाएगी, जनता ने अरविंद केजरीवाल को चुना है और जनता सवाल अरविंद केजरीवाल से करेगी।
मुख्य सचिव ने हमारे विधायकों के ख़िलाफ़ एक आरोप लगाया तो पुलिस ने हमारे विधायकों को गिफ्तार कर लिया। वहीं हमारे मंत्री के साथ सचिवालय में मारपीट होती है तो उस मामले में पुलिस कुछ नहीं कर रही है जबकि वीडियो में साफ़ दिख रहा है कि सचिवालय में कुछ लोगों ने हमारे मंत्री और डीडीसी चेयरमैन आशीष खेतान पर हमला किया।
संजय सिंह ने कहा कि मुख्य सचिव झूठ बोल रहे हैं, उनके द्वारा मारपीट करने का आरोप एकदम ग़लत है, ऐसा तो नहीं है कि जो बात मुख्य सचिव ने बोल दी वो गीता का श्लोक हो गया? उनके कहे अनुसार अगर मान लिया जाए कि ऐसा हुआ तो मुख्य सचिव महोदय रात को ही पुलिस के पास क्यों नहीं गए? अगले दिन का इंतज़ार मुख्य सचिव महोदय ने क्यों किया? दरअसल सुबह तक पूरी प्लानिंग करके एक सुनियोजित तरीक़े से सचिवालय में भीड़ इकठ्ठा की गई और मीडिया में आकर इस मामले को फैला दिया गया और फिर डीडीसी के चेयरमैन और आप नेता आशीष खेतान पर सचिवालय में हमला कराया जाता है, मंत्री इमरान हुसैन पर हमला करके उनके सहयोगी को बुरी तरह से पीटा जाता है।

संजय सिंह ने कि दिल्ली भाजपा अध्यक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि माननीय सांसद महोदय मनोज तिवारी जी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को-नक्सली कहते हैं, और उन्हीं के उत्तर प्रदेश में एक भाजपा नेता एक महिला अधिकारी को सरेआम थप्पड़ मारते हैं तो उसमें मनोज तिवारी जी को कुछ ग़लत नज़र नहीं आता। दरअसल मनोज तिवारी हर दिल्लीवासी को अर्बन नक्सली कह रहे हैं, दिल्ली के लोगों ने अरविंद केजरीवाल को अपना नेता माना है और अरविंद केजरीवाल को नक्सली कहने का मतलब है मनोज तिवारी दिल्ली के लोगों को नक्सली कह रहे हैं, जो बेहद निंदनीय है।

आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता आशुतोष ने कहा कि

‘पूरे देश ने टीवी चैनल्स पर चल रही वीडियो को देखा कि कैसे सचिवालय में डीडीसी चेयरमैन आशीष खेतान और मंत्री इमरान हुसैन के साथ मारपीट की गई, सचिवालय में सब जगह सीसीटीवी कैमरे हैं, फुटेज निकाली जाए, पता किया जाए कि वो कौन लोग थे जिन्होंने मंत्री के साथ मारपीट की और दंगा फैलाने की कोशिश की? उन लोगों को सचिवालय में कौन लेकर आया? कितने सचिवालय का स्टाफ़ थे और कितने लोग बाहर से आए थे?इसकी जांच होनी चाहिए। मुख्य सचिव महोदय ने सिर्फ़ बयान दिया है, उसका कोई साक्ष्य पब्लिक डोमेन में मौजूद नहीं है। लेकिन हमारे नेताओं के साथ मारपीट की गई और उसका बाकायदा वीडियो साक्ष्य मौजूद है लेकिन फिर भी कोई कार्रवाई दिल्ली पुलिस नहीं कर रही है। कानून की नज़र में मुख्य सचिव और चपरासी एक बराबर होते हैं, लेकिन पुलिस बीजेपी के इशारे पर काम कर रही है और ऐसा लगता है कि इस देश में दो तरह की न्याय व्यवस्था है।
आशुतोष ने आगे कहा कि जो लोग ये कह रहे हैं कि मुख्य सचिव के साथ हुई बैठक में विज्ञापन का मामला उठाया गया था तो उनकी जानकारी के लिए बताना चाहेंगे कि दिल्ली में 36,394 कार्ड होल्डर्स के तकरीबन ढाई लाख लोगों को राशन का लाभ नहीं मिल पा रहा है, ये लोग ग़रीब लोग हैं वंचित लोग हैं, पिछले साल 6 दिसम्बर को ही खाद्य मंत्री ने लिखित में आदेश दिया था कि आधार लिंक हुई मशीन में कुछ तकनीकी दिक्कत आ रही है लिहाज़ा मशीन से राशन देना बंद करके उन ग़रीब परिवारों को पहले जैसी व्यवस्था से राशन देना शुरु किया जाए और मशीन में जो दिक्कत आ रही है उसे जल्द ठीक किया जाए, लेकिन अफ़सर मंत्री का आदेश ना सुन रहे थे और ना ही जनता को राशन मिल रहा था।

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