भारत बंद पर विपक्ष के मोदी सरकार पर तीखे वार जबकि बीजेपी ने बंद को दिया असफल करार
न्यूज़ नॉलेज मास्टर(NKM NEWS),पेट्रोल-ड़ीज़ल की बढ़ती कीमतों के खिलाफ कांग्रेस ने हल्ला बोला है… कांग्रेस द्वारा बुलाए गए ‘भारत बंद’ का कई विपक्षी दलों ने एकजुट होकर पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोत्तरी के विरोध में प्रदर्शन किया…कांग्रेस के भारत बंद का एनसीपी प्रमुख शरद पवार, द्रमुक प्रमुख एमके स्टालिन और वामपंथी नेता भी खुला समर्थन करते दिखाई दिए जबकि तृणमूल कांग्रेस ने इस बंद से दूर ही रहीं ।
कांग्रेस महासचिव अशोक गहलोत ने दावा किया कि आज देश में भारत बंद पूरी तरह से सफल रहा है …इसके लिए में सभी को धन्यावाद देना चाहता हूं। मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए अशोक गहलोत ने कहा कि यूपीए सरकार के दौरान जब बाज़ार में तेल की कीमतों मे बढ़ेतरी के चलते देश में पेट्रोल-ड़ीज़ल के दामों में बढ़ोतरी हो रही थी तो यूपीए सरकार ने आम लोगों का बोझ कम करने के लिए वैट घटा दिया था….आखिर मोदी सरकार ऐसा क्यों नहीं कर रही है।
इससे पहले दिल्ली के रामलीला मैदान में पेट्रोल-डीज़ल के दामों में बढ़ोतरी के विरोध में आयोजित भारत बंद के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री को निशाने पर लिया। राहुल ने कहा कि
मोदी जी कहते थे, जो 70 साल में नहीं हुआ, हम करेंगे, उन्होंने सचमुच ऐसा ही किया, पेट्रोल 80 रुपये के पार हो गया… मोदी जी चुप हैं, जबकि पेट्रोल-डीज़ल के दाम आसमान छू रहे हैं, किसान तकलीफ में हैं, महिलाओं पर अत्याचार हो रहे हैं
दूसरी तरफ केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस के भारत बंद को असफल करार दिया है..रविशंकर प्रसाद ने कहा कि लोकतंत्र में सभी को विरोध का अधिकार है..बिहार में बंद के दौरान हुई हिंसा पर रविशंकर प्रसाद ने सवाल उठाया कि क्या लोकतंत्र में राजनीति हिंसा के माध्यम से की जा सकती है…केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि भारत बंद के नाम पर पेट्रोल पंपों में आग लगाई जा रही है..बसों गाडियों को तोड़ा जा रहा है…कांग्रेस पार्टी उत्तर दे कि इस हिंसा के लिए कौन जिम्मेदार है।
कांग्रेंस द्वारा बुलाये गये भारत बंद पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पलटवार किया है, योगी ने कहा
“हताश विपक्ष के पास कोई रणनीति तथा नेतृत्व नहीं है, सो, उनसे उम्मीद भी क्या की जा सकती है…? मुझे आशा है, परमात्मा उन्हें सद्बुद्धि दे, ताकि वे सकारात्मक और नकारात्मक में भेद कर सकें, अन्यथा भविष्य में वे विपक्ष की पदवी तक खो बैठेंगे…”