किसने कहा ? मनमोहन सिंह ने बोलना शुरू कर दिया और मोदी हो गए मौनी बाबा

न्यूज़ नॉलेज मास्टर(NKM),बीजेपी पर शिवसेना जिस मुखरता से हमला करती है उसे देखकर कोई भी धोखा खा जाये कि यह एनडीए का घटक दल है यां फिर यूपीए का हिस्सा। शिव सेना प्रधानमंत्री पर हमला बोलने का कोई भी मौका नहीं छोड़ती दिखाई देती..बीजेपी ने अपने मुखपत्र सामना में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर जमकर हमला बोलते हुए कहा है कि अब मनमोहन सिंह ने बोलना शुरू कर दिया है और मोदी मौनी बाबा हो गए हैं । पहले मोदी मनमोहन सिंह को मौन-मौन सिंह कहते थे। यही नहीं मराठी में छपने वाले शिवसेना के मुखपत्र सामना में पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा है कि भारत की राजधानी को देश के बाहर विदेश में कहीं स्थानांतरित कर देना चाहिए क्योंकि प्रधानमंत्री सभी महत्वपूर्ण विषयों पर विदेश में ही बोलते हैं।

मोदी के भीतर की चिंगारी विदेश जाकर बन जाती है शोला

सामना में नरेन्द्र मोदी पर तंज कसते हुए लिखा है कि भारत में जो कुछ भी होता है उसे देखकर प्रधानमंत्री घृणा महसूस करते हैं और फिर वह विदेश जाते हैं और वहां घरेलू मुद्दों पर बात करते हैं। उन्हें भारत में इन मुद्दों पर बात करना अच्छा नहीं लगता है। प्रधानमंत्री ने भारत में हो रहे रेप के बारे में लंदन में बात की, यह उनके संवेदनशील दिमाग का हिस्सा है। उनके भीतर भावनाएं हैं और अन्याय के खिलाफ उनके भीतर चिंगारी है। लेकिन यह चिंगारी शोला बन जाती है, जब पीएम विदेश में होते हैं। उनके भीतर भावनाएं हैं और अन्याय के खिलाफ उनके भीतर चिंगारी है।

निर्भया मामले में पीएम मोदी की राय की दिलाई याद

याद दिलाया निर्भया मामला पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए शिवसेना ने लिखा है कि पीएम इस बात से नाराज है कि रेप जैसे मामलों को राजनीतिक मुद्दा बनाया गया है, लेकिन निर्भया केस में उनकी राय कुछ और ही थी।
मुखपत्र में शिवसेना ने मोदी सरकार पर खड़े किए कई सवाल
शिवसेना ने सवाल खड़ा किया है कि क्या यह जायज है कि पीएम विदेश में बलात्कार के मुद्दों पर बोले, आखिर क्यों भारत की छवि को विदेश में रेप और अपराध वाली बनाया जा रहा है, हम क्या दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि भारत में लोग सुरक्षित नहीं हैं। इससे पहले मोदी जापान गए थे तो उन्होंने काला धन और भ्रष्टाचार के बारे में बात की थी। भाजपा का नसीब बदला ले रहा । लेख में कहा गया है कि नीरव मोदी ने बैंकों को लूटा और वह देश से बाहर भाग गया, माल्या लंदन में है। हमारे प्रधानमंत्री उन देशों में जाते हैं जिन्होंने इन लोगों को शरण दी है, लेकिन वहां से खाली हाथ लौटते हैं। मोदी भक्तों को इन मुद्दों की आलोचना बिल्कुल अच्छी नहीं लगती है।

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