छठ पर्व पर गरमाई दिल्ली की सियासत ,BJP सांसद मनोज तिवारी ने लिखा दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल को पत्र और ट्वीट कर साधे ये सवाल
संदीप शर्मा
न्यूज़ नॉलेज मास्टर (NKM NEWS)छठ पर्व के मुद्दे पर दिल्ली का सियासी पारा चढ़ गया है। भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी में सियासी बयानबाजी जोरो पर हैं। कोरोना के चलते दोनो दल एक दूसरे को पूर्वांचल विरोधी साबित करने पर तुले हुए हैं। दिल्ली से बीजेपी सांसद और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने छठ पूजा के मुद्दे पर दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल पर पूर्वांचल विरोधी होने का आरोप लगाया है।
मनोज तिवारी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नाम एक पत्र लिखा है और एक ट्वीट कर सवाल पूछा है कि
आप DDMA के सदस्य हैं और मीटिंग में आपने इस मुद्दे पर चुप्पी क्यों साध ली। आपकी सरकार ने जमुना किनारे कट करने के लिए प्रपोजल क्यों नहीं भेजा आप शुरू से ही छठ के विरोध में खड़े थे इसलिए आप चुप हो मनोज तिवारी ने आगे ट्वीट करते करते हुए कहा कि डीडीएमए में कोई भाजपा का सदस्य नहीं है आपकी सरकार ने कोई प्रपोजल नहीं रखा यमुना तट पर छठ के लिए कृपया अपनी सरकार का प्रपोजल जनता के सामने रखें सब दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा डीडीएमए की तुरंत एक इमरजेंसी मीटिंग बुलाई जाए और उसने भाजपा के सदस्यों को भी निमंत्रित करें
अपने पत्र को सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए सांसद मनोज तिवारी ने ये भी लिखा “आदरणीय Arvind Kejriwal जी आप DDMA के सदस्य है। आपने DDMA की मीटिंग में इस मुद्दे पर चुप्पी क्यों साध ली। आपकी सरकार ने यमुना किनारे छठ करने के लिए प्रपोजल क्यों नही भेजा। आप शुरू से ही छठ के विरोध में खड़े थे इसलिए आप चुप रहे।
DDMA में कोई भाजपा का सदस्य नही है। आपकी सरकार ने कोई प्रपोजल नही रखा यमुना तट पर छठ के लिए। कृपया अपनी सरकार का प्रपोजल जनता के सामने रखे सब दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा।
DDMA की तुरंत एक एमरजेंसी मीटिंग बुलाई जाए और उसमें भाजपा के सांसदों को भी निमंत्रित करे”
मनोज तिवारी का मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र
आदरणीय केजरीवाल जी,
आपसे मैं हाथ जोड़कर विनती करता हूं कि आप हम पुर्वांचलियों के साथ अन्याय ना करें. छठ पूजा हमारी आस्था का पर्व है, ये आम लोगों का महापर्व है. इसमें राजनीति करना हम पूर्वाचलियों के साथ अन्याय करने जैसा है. मुख्यमंत्री जी छठ पूजा पर राजनीति करने का मतलब हमारी आस्था के साथ खिलवाड़ करने जैसा है. आप जो कर रहे हैं वो ओछी हरकत की श्रेणी में आता है अरविन्द जी।इससे पूरा पूर्वांचल समाज दुखी है।हम हमेशा से यमुना मइया के तट पर छठ पूजा करते आए हैं,मगर इस बार आपने मना कर दिया है. यह आप की राजनीति का हिस्सा हो सकता है लेकिन हर पूर्वांचल वासी के लिए उसकी आत्मा पर चोट है एक समय आप प्रतिबंध लगाते हैं,मीडिया में उसका समर्थन भी करते हैं बाद में उपराज्यपाल महोदय को चिट्ठी लिखकर कहते हैं कि हमें छठ पूजा की अनुमति देनी चाहिए।वहीं 29 अक्टूबर 2021 को जारी किए गए आपकी सरकार के आदेश में विभाग ने कहा है कि हम पूर्वांचलवासी यमुना मइया के तट के किनारे छठ पूजा नहीं मना सकते हैं,
आदरणीय मुख्यमंत्री जी, दिल्ली की जनता को गुमराह क्यों कर रहे हैं? क्या आप हम पूर्वांचलवासियों से इतना नफ़रत करते हैं? ज्ञात हो कि हम यहां हमेशा से छठ पूजा मनाते आए हैं. यमुना मइया की सफ़ाई कर उनके तट पर भगवान भास्कर को हम अर्घ्य देते हैं और दिल्ली की खुशहाली और समृद्धि की कामना करते हैं. मगर आपके हिन्दू और पूर्वांचल विरोधी रवैये से हम बहुत दुखी हैं।मैं छठी मइया से आपकी सद्बुद्धी के लिए प्रार्थना करता हूं.
आदरणीय केजरीवाल जी, मैं हाथ जोड़कर विनती करता हूं कि छठ पूजा हम पूर्वांचलियों के लिए एक संस्कार है जो हमारी आत्मा में समाहित है, और भारतीय संस्कृति का हिस्सा है. एक व्यक्ति के रूप में आप पूर्वांचल के विरोधी हो सकते हैं लेकिन जिस तरह बार-बार पूर्वांचल वासियों पर कटाक्ष भरे बयान और अब महापर्व पर चोट एक मुख्यमंत्री के रूप में आपके द्वारा की गई अमानवीय अनैतिक और असंवैधानिक भी है क्योंकि एक मुख्यमंत्री के लिए सभी धर्मों और संस्कृतियों का आदर करना उसका नैतिक कर्तव्य है जिससे आप विमुख नजर आ रहे हैं.
कृपया पूर्वांचल समाज के लाखों लोगों को यमुना तट पर छठ पूजा करने से ना रोकें.
आपका
मनोज तिवारी
सांसद