दिल्ली पुलिस ने किया ATM कार्ड बदल कर धोखाधडी से पैसे निकालने वाले गिरोह का भांडाफोड़

दिनाँक 05.07.2017 की सुबह लगभग 8.00 बजे, गोविंद पुरी, नई दिल्ली की रहनेवाली एक महिला अपने खाते से 1000 रु निकालने के लिये कोटक महिंद्रा बैंक के गोविंद पुरी एक्सटेंशन, कालकाजी स्थित ATM पहुंची, इसी बीच दो लड़कों ने उसके साथ ही ATMमें प्रवेश किया और उसे चालाकी से धक्का दिया जिसके परिणामस्वरूप उसका ATM कार्ड फर्श पर गिर गया, जैसे ही वह अपने ATM कार्ड को उठाने लगी उसमे से एक लड़के ने
बड़ी ही चालाकी से उसके कार्ड को बदल कर कोई दूसरा कार्ड उसे सोंप दिया I फिर, उसने अपने उस कार्ड से पैसे निकालने की कोशिश की लेकिन वह 3-4 प्रयासों के बाद भी पैसे नहीं निकल पाई, उसने सोचा कि उसका ATM कार्ड काम नहीं कर रहा है और वह ATM से बाहर निकल गई । 10 मिनट के बाद, उसे एक SMS प्राप्त हुआ कि उसके खाते से 38,000/-रुपये निकाले गए है और 12,000/- रुपये किसी और के खाते में ट्रांसफर हो गये हैI जब उसने अपने ATM कार्ड की जांच की तो उसने पाया कि उसका कार्ड बदला हुआ था तथा उसके पास किसी अन्य व्यक्ति का ATM कार्ड था जिसपर उसने पुलिस को मामले की सूचना दी। उपरोक्त सूचना के आधार पर, FIR No. 311/17, Dt. 05.07.2017, U/s 420/34 IPC
के तहत थाना कालकाजी में मुकदमा दर्ज किया गया और जांच शुरू की गई।

जाँच पड़ताल
श्नी अनंत मित्तल, ACP कालकाजी के Supervision में जांच शुरू की गयी तथा Insp.वेद प्रकाश, SHO कालकाजी की अध्यक्षता में टीम का गठन किया गया और उपरोक्त दल ने इस तरह के अपराध में शामिल अपराधियों के डेटा को पहले एकत्र कर लिया और उनसे पूछताछ की और साथ ही गुप्त मुखबिरों को भी इस तरह के कार्यप्रणाली के साथ अपराध करने वाले अपराधियों के गिरोह के बारे में जानकारी विकसित करने के लिए तैनात किया I
साथ ही कालकाजी और गोविंदपुरी के आस-पास के इलाकों में भी स्थानीय जांच शुरू की गई। दिनाक 03.01.18 को एक गुप्त सुचना के आधार पर, दोनों अभियुक्तों संजय पुत्र राज कुमार निवासी शहीद भगत सिंह, नई उस्मान पुर, दिल्ली, आयु 25 साल और इमरान पुत्र
मोहम्मद यमीन निवासी सराय काले खान, नई दिल्ली, आयु 22 साल को एक्सिस बैंक, कालकाजी के ATM के बाहर से उस समय गिरफ्तार किया, जब वह इसी तरह के अपराध को अंजाम देने के लिये शिकार की प्रतीक्षा कर रहे थे।
पूछताछ व कार्यशैली :
गहन पूछताछ में दोनों  अभियुक्तों ने बताया की वह ATM के बाहर खड़े होकर ग्राहकों पर नज़र रखते थे और वह अक्सर बुजुर्गो, महिलाओ व कम पढ़े लिखे व्यक्तियों को शिकार बनाते थे I जैसे ही शिकार ATM में जाता था वह भी उसके पीछे पीछे ATM बूथ में घुस जाते थे और बड़ी चालाकी से victim के हाथ को धक्का मारकर कार्ड गिरा देते थे और बड़ी ही सफाई से कार्ड उठाते समय victim का कार्ड बदल देते थे I और जब victim ATM PIN
डालता था तो उसे वह तिरछी नज़र से देख लेते थेI बाद में ATM कार्ड का उपयोग करके पीड़ितों के खातों से पैसे निकाल लेते थे। उन्होंने स्वीकार किया कि उपरोक्त शिकायतकर्ता के खाते से भी इसी कार्यप्रणाली द्वारा पैसे निकाले गये थे । उन्होंने यह भी स्वीकार किया
कि उन्होंने भारी मात्रा में दिल्ली व पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से ग्राहकों के खातो से इसी प्रकार पैसे निकाले हैंI उनके पूर्व के अपराधों के विवरण का पता लगाने के लिये आगे जांच की जा रही है। उन्होंने ऐसी करीब 200 वारदातों में शामिल होना कबूल किया है पुलिस को गुमराह करने के लिएदोनों अभियुक्त काफी शातिर थे तथा वह victim के खाते से छोटी छोटी रकम पुराने victims के खातो में transfer कर देते थे क्योंकि पुराने victims के ATM कार्ड मुलजिमो के पास पहले से ही होते थे और वह transfer किये पैसे निकल लेते थेI
यह सारी कार्यवाही वह दोनों एक शाजिश के तहत पुलिस को गुमराह करने के लिये करते थे I इस केस में भी उन्होंने 12000/- रुपये शिकायतकर्ता के खाते से एक पुराने victim के खाते में transfer करे थे जिसका ATM कार्ड इनके पास पहले से ही था..
जेबतराशो से साठ-गाठ
दोनों अभियुक्तों पहले भी इस प्रकार की वारदातों में गिरफ्तार हो चुके है I चूँकि उन्हें अपने धोखाधड़ी के काम में काफी बैंकों के ATM कार्ड की जरूरत पड़ती थी इसलिए उन्होंने जेल में ही दिल्ली में वारदात करने वाले जेबतराशो से साठ-गाठ कर ली तथा उनके द्वारा जेब तराशी से हासिल किये गये ATM कार्डों को ले लेते थे I
 खर्चीला रहन-सहन
दोनों अभियुक्तों मौज मस्ती व आराम दायक जीवन जीने के आदि थे I वह दोनों महंगे कपडे व जूते पहनते थे व माल आदि में घूमते फिरते थे Iउनके पास से दो जोड़ी NIKE ब्रांड के दस हज़ार रुपए कीमत के जूते मिले है I
 पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक फैला जाल:
दोनों अभियुक्त अपने धोखाधड़ी के जाल को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर, हापुड़ आदि इलाको में फैला चुके थे और वहा के बुजुर्गो, महिलाओ व कम पढ़े लिखे व्यक्तियों को शिकार बनाते थे

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