माता चिंतपूर्णी,जहां बरगद पर धागा बांधने से भक्तो की हर चिंता दूर होती है और पूरी होती है हर मनोकामना
हिमाचल में ऊना जिले की भरवाईं तहसील में स्थित उत्तरी भारत का प्रसिद्ध सिद्ध पीठ ‘श्री छिन्नमस्तिका चिंतपूर्णी धाम’ देश के 52 शक्तिपीठों में से एक है । मान्यता है कि इस स्थान पर सती माता के चरण गिरे थे। इस स्थान पर मां के पिंडी रूप में मां के दर्शन होते हैं। यह मंदिर एक बरगद के वृक्ष के नीचे बना हुआ है। मंदिर के चारों तरफ सोने का आवरण लगा हुआ है। मंदिर परिसर में प्रवेश करते ही भक्तों को एक अलोकिक अनुभूति का अहसास होता है। मां यहां पर साक्षात पिंडी रुप में विराजमान हैं। देश-विदेश से माता के आने वाले श्रद्धालू माता के दर्शनों को प्राप्त कर सभी सुखों के भागी बनते है और उनके जीवन में आने वाली सभी चिंताओं का अंत होता है। इसीलिए माता को चिंता हरण,चिंतपूर्णी कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि जिस बरगद के नीचे मां पिंडी रुप में विराजित है उस पर धागा बांधने से मां भक्तो को मनवांछित फल देती है और हर मनोकामना पूरी करती है । भक्त मनोकामना पूर्ण होने पर उस धागे को भक्त खोल देते हैं। मंदिर परिसर में प्रवेश करते ही बजने वाली शहनाई और तबले की कानों में पड़ने वाली मीठी-मीठी धुन भक्तों का आनंद दौगुना कर देती है।
इस शक्ति पीठ में पिंडी रूप में मां के दर्शन और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए देश-विदेश से वर्ष भर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। प्रत्येक मास की संक्रांति, नवरात्र और रविवार को तो यहां जैसे भक्तों का एक मेला ही लग जाता है। सावन अष्टमी के दौरान यहां बड़़ा भारी 9 दिवसीय मेला लगता है। धार्मिक पर्यटक स्थल के रूप में विकसित हो रहे इस शक्तिपीठ पर भक्तजन अपनी मन्नतों और श्रद्धा के अनुसार साइकिलों पर, नंगे पांव पैदल चलते हुए ढोल नगाड़ों के साथ मां का जयघोष करते हुए पहुंचते हैं।
माता चिंतपूर्णी की प्रतिदिन ध्यान करने और आरती गाने से मांता चिंतपूर्णी की विशेष कृपा प्राप्त होती है
माता चिंतपूर्णी की आरती
जय मां चिंतपूर्णी चिंता दूर करनी,जनको तारो भोली मां
काली दा पुत्र,पवन दा घोड़ा,सिंह पर भई स्वार भोली मां
चिंतपूर्णी चिंता दूर करनी,जनको तारो भोली मां
औखी घाटी विक्टा पैंड़ा,तले बहे दरिया भोली मां,
चिंतपूर्णी चिंता दूर करनी,जनको तारो भोली मां
सुमर चरण,ध्यानू जस गावे,भक्ता दी पैज निभावे भोली मां
चिंतपूर्णी चिंता दूर करनी जनको तारो भोली मां