मोबइल टॉवर माफियाओं के हाथो में निगम,लोगो के स्वास्थ्य से हो रहा खिलवाड़ ! SDMC स्पेशल हाउस में जमकर हुआ बवाल

दक्षिण दिल्ली नगर निगम ने मोबाइल टॉवर पर साधारण सभा की विशेष बैठक बुलाई गई। मोबाइल टॉवर से रेडिएशन के खतरे को लेकर लोगों के मन में कई आशंकायें है। वहीं इसके लगाये जाने की प्रक्रिया को लेकर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं। यही नही इन मोबाइल टॉवर्स पर निगम की भूमिका भी प्रश्नों के घेरे में हैं।

इसी पर हाउस में विशेषज्ञों ने एक प्रेजेंटेशन दिया। इस प्रेजेंटेशन से विपक्ष तो दूर सत्ता पक्ष के लोग भी संतुष्ट नज़र नही आये। सत्ता पक्ष के निगम पार्षद भो मोबइल टॉवर लगाये जाने की प्रक्रिया और प्रश्न चिन्ह लगते हुए दिखाई दिये। सत्ता पक्ष BJP की निगम पार्षद किरण चोपड़ा ने कहा कि मोबाइल टॉवर से निकलने वाले रेडियेशन की वजह से उनके क्षेत्र में 8 लोग मौत का शिकार हो चुके हैं। यही नही इस महिला निगम पार्षद का कहना है कि वह हाल ही में अपने पति को भी इसी वजह से खो चुकीं है । मोबाइल टॉवर्स को लेकर जनता में खौफ और भारी रोष भी है।

दक्षणी जोन के चेयरमैन और पूर्व उप महापौर सुभाष भड़ाना ने भी पूछा कि अगर मोबाइल टॉवर सुरक्षित है तो हवाई जहाज में मोबाइल स्विच ऑफ क्यों करवा दिया जाता है। वहीं इस मुद्दे पर अधिकतर निगम पार्षदों ने कहा कि मोबाइल टॉवर इंस्टाल करने की प्रक्रिया में स्थानीय निगम पार्षद और RWA की सहमति ली जानी चाहिए। इसके विपरीत उन्हें पता ही नही लगता और क्षेत्र में मोबाइल टॉवर्स लगा दिया जाता है।

SDMC में काँग्रेस दल के नेता अभिषेक दत्त ने मोबाइल टॉवर पॉलिसी पर सवाल खड़े हुए करते हुए कहा कि दिल्ली में बड़ी संख्या में अनाधिकृत रूप से मोबाइल टॉवर लगे हुए है। उन्होंने कहा कि अगर मोबाइल टॉवर घरों की छतों पर लगाना सुरक्षित है तो पहले सभी सांसदों, महापौर,निगम आयुक्तों के घरों पर टॉवर लगने चाहिए। अभिषेक दत्त ने पूछा कि लुटियंस जोन में मोबाइल टॉवर क्यों नही लगाये जाते । ये टॉवर्स कालोनियों में क्यों लगाए जाते हैं। निगम मोबाईल टॉवर्स माफियाओं के हाथों में हैं। लोगो के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है।

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