म्यामांर में मिली हिन्दुओं की सामूहिक कब्र,हत्यारे रोहिंग्या चरमपंथी -म्यामांर सरकार
भारत में रोहिंग्या मुसलमानों को शरण देने का मुद्दा गर्माया हुआ है। देश की सियासत मे इस मुद्दे पर सरकार और विपक्ष एक दूसरे के आमने सामने है। सरकार जहां देश में रोहिंग्या मुसलमानों को भारत में पनाह देने को आत्मघाती कदम बता रही है।वहीं विपक्षी दल और कई मुस्लिम संगठन मानवता की दुहाई देकर सरकार के रवेये को गलत बता रहे हैं। सरकार और विपक्ष के आपसी टकराव और तकरार के बीच एक ऐसी खबर आ रही है जिसे दरकिनार नहीं किया जा सकता ।
बीबीसी की एक खबर के मुताबिक म्यामांर की सरकार ने दावा किया है कि देश के रख़ाइन प्रांत में एक सामूहिक कब्र मिली है।इस कब्र में 28 लोगों के शव हैं। इनमें ज्यादातर महिलाएं हैं।सरकार के मुताबिक कब्र में जिन लोगों के शव मिले हैं वो हिंदू हैं और दावा किया है कि उनकी हत्या रोहिंग्या चरमपंथियों ने की है।म्यामांर के रख़ाइन प्रांत में दाखिल होने पर रोक लगी हुई है और म्यामांर सरकार की ओर से किए गए इस दावे की स्वतंत्र तौर पर पुष्टि नहीं की जा सकी है.म्यामांर में करीब एक महीने पहले चरमपंथियों ने सुरक्षाबलों पर हमले किए थे. इसके बाद म्यामांर की सेना ने उनके ख़िलाफ अभियान शुरू किया.सेना के अभियान को संयुक्त राष्ट्र ने ‘जातीय हिंसा’ बताया था।सेना की ओर से की गई कार्रवाई की वजह से चार लाख तीस हज़ार से ज्यादा रोहिंग्या मुसलमानों ने पलायन कर बांग्लादेश में शरण ली है।
न्यूजॉ नॉलेज मास्टर(एन.के.एम) का मत।
सवाल सियासी रोटियां सेंकने का नही है। ऐसे गंभीर मुद्दों पर सियासत नहीं होनी चाहिए। यह समझना और जानना ज़रुरी है कि क्या वजह है कि म्यांमार से इन रोहिंग्या को भगाया जा रहा है। क्या वजह है कि दूसरे मुस्लिम मुल्क रोहिंग्या को अपने देश में पनाह देने से क्यों कतरा रहे हैं। वहीं सवाल यह भी है कि सिर्फ भारत जिसके अपने साधन संसाधन सीमित है वो क्या दुनियां में किसी भी जगह पर बेघर होने वालो से अपने इन सीमित संसाधनों को बांटता रहेगा। इंग्लिश में कहावत है कि चेरिटी बिग्नस एट होम। पहले इस देश में भुखमरी,बेरोज़गारी से जूझने वाले साधनवहीन लोगों को ये देश संभालने लायक हो जाये। फिर बेशक सारी दुनिया की मानवता का ठेका ले ले