राजधानी दिल्ली में श्रद्धापूर्वक मनाया गया गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व ।

न्यूज़ नॉलेज मास्टर(NKM NEWS),
श्री गुरू नानक देव जी के प्रकाश पर्व के अवसर पर दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा नगर कीर्तन सजाया गया। जोकि श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी छत्रछाया तथा पांच प्यारे साहिबान के नेतृत्व में गुरुद्वारा शीशगंज साहिब से आरम्भ होकर चांदनी चौंक, फतेहपुरी, खारी बावली, लाहौरी गेट, कुतुब रोड, तेलीवाड़ा, आजाद मार्किट, पुल बंगस, रौशनारारोड, घंटाघर, सब्जीमंडी, गुड़ मंडी, राणा प्रताप बाग, बेबे नानकी चौंक से होता हुआ शाम को गुरुद्वारा नानक प्याऊ साहिब पहुंचा।

इस अवसर पर दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान मनजीत सिंह जी.के. एवं महासचिव मनजिन्दर सिंह सिरसा ने संगतों को प्रकाश पर्व की बधाई देते हुए कहा कि गुरु नानक देव जी ने दिलेरी से जहां हिन्दुस्तान की जनता को बेकार के कर्मकांडों एवं भ्रमां से बाहर निकालकर सावधान किया वहीं विदेशी हमलावरों को ललकारा भी। जो आये दिन देश पर हमला करके पहले से ही सताई हुई निर्बल जनता पर जुल्म करते थे एवं यहां की धन-दौलत के साथ बहु बेटियों की इज्जत भी लूटने से नहीं हिचकते थे। ऐमनाबाद के हमले के दौरान गुरु साहिब ने मुगल बादशाह बाबर को जाबर तक कहने का साहस दिखाया।

गुरू नानक साहिब के समय जनता जात-पात, ऊँच-नीच, अमीर-गरीब के भेदभाव का पूरी तरह शिकार थी। प्रजा की रक्षा करने वाले हाकिम श्रेणी के लोग स्वयं ही अपनी प्रजा पर जुल्म ढ़ाह रहे थे। धार्मिक शिक्षा देने वाले लोक भी जनता को अंधविश्वास में डूबो कर अपना घर भर रहे थे। गुरू साहिब ने समाज की इस दयनीय दशा को गंभीरता से महसूस करते हुए अपने आप को कथित नीच समझे जाने वालों का संगी साथी कहा। साथ ही उच्च श्रेणी कहलाने वाले लोगों पर करारी चोट करते हुए जात-पात का खंडन किया। गुरू साहिब ने देश-विदेश में जगह-जगह जाकर धार्मिक एवं राजकीय नेताओं के साथ-साथ दिखावे की पूजा करने वालों को भी झंझोडते हुए केवल एक अकाल पुरख का यश गाते हुए नाम जपना, किरत करना एवं बांटकर खाने का उपदेश दिया। गुरू साहिब ने कहा कि अकाल पुरख ही सभी को पैदा करने वाला, झोली भरने वाला एंव इन्साफ करने वाला है।

नगर कीर्तन में सजे हुए वाहनों में नगाड़ा, सभी खालसा कॉलेजों के वि़द्यार्थी, बैंड बाजे वाले, निंहग सिंह फौज (घुड़सवार) जहां नगर कीर्तन की शोभा बढ़ा रहे थे वहीं झाडू जत्थे सफाई तथा कीर्तनी जत्थे कीर्तन कर रहे थे। कई अखाड़ों ने इस अवसर पर गतके के जौहर दिखाये। रास्ते में ईलाके की संगतों द्वारा लंगर के स्टाल लगाये गये थे। संगतों की सुविधा के लिए मैडिकल सुविधा, पानी के लिए छबीलें एंव ऐम्बुलेंस ब्रिगेड आदि का प्रबंध किया गया था। इस अवसर पर वरिष्ठ उपाध्यक्ष हरमीत सिंह कालका, संयुक्त सचिव अमरजीत सिंह एवं अन्य कमेटी सदस्य मौजूद थे।

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