संघ प्रमुख भागवत के बयान पर भड़के मुस्लिम संगठन,स्वामी भी कूदे समर्थन में

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत के राम मंदिर पर बड़ा बयान दिए जाने के बाद सियासी पारा चढ़ गया है। भागवत ने राम मंदिर पर बयान देते हुए कहा है कि राम जनम भूमि पर सिर्फ मंदिर ही बनेगा,मंदिर के अलावा वहां कुछ नहीं बनेगा। भागवत का यह बयान मुस्लिम संगठनों के गले नही उतर रहा है । मुस्लिम संगठनों ने भागवत के बयान पर कड़ा ऐतराज़ जताते हुए इसे सुप्रीम कोर्ट को चुनौती करार दिया है। इस मुद्दे पर अब बीजेपी नेता सुब्राह्मन्यम स्वामी भी कूद गये हैं। स्वामी का कहना है कि मोहन भागवत 100 प्रतिशत सही कह रहे हैं। स्वामी का कहना है कि भागवत दूरदर्शी व्यक्ति हैं। विहिप नेताओं के महासमागम ‘धर्मसंसद’ को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने कहा था कि इस बात में कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि अयोध्या में राममंदिर ही बनेगा. भागवत ने अपने बयान में कहा, ‘‘हम उसका निर्माण करेंगे. यह कोई लोकप्रिय घोषणा नहीं बल्कि हमारी आस्था का मामला है. यह नहीं बदलेगा.’’

ऑल इंडिया मुस्लिम लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना खालिद सैफुल्ला रहमानी ने कहा कि भागवत ने ये बयान देकर कानून अपने हाथ में लिया है.उन्होंने कहा कि बोर्ड अदालत के फैसले पर यकीन रखता है लेकिन भागवत का ये कहना कि उस जगह पर मंदिर ही बनेगा यह हमें कबूल नहीं होगा. सरकार को इस बात पर एक्शन लेना चाहिए. ये कानून को अपने हाथ में लेने वाली बात है.
बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक जफरयाब जिलानी ने भी इस पर कहा कि संविधान में सुप्रीम कोर्ट सर्वोच्च अदालत है और उसका आदेश पूरे देश में बराबर लागू होता है. भागवत का ये बयान सुप्रीम कोर्ट को चुनौती है.
बाबरी मस्जिद के मुद्दई रहे हाशिम अंसारी के बेटे इकबाल अंसारी ने भी कहा कि भागवत के बयान से कुछ लेना-देना नहीं है. आरएसएस मामले में पार्टी भी नहीं है, इसलिए उनका बयान कोई अहमियत नहीं रखता. सब कुछ अदालत के निर्णय पर निर्भर करेगा.

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