सीबीआई विवाद-29 नवंबर तक सुनवाई टली,कांग्रेस ने बीजेपी पर चोरों की मदद करने का लगाया आरोप।

न्यूज़ नॉलेज मास्टर(NKM NEWS),सीबीआई विवाद सीबीआई चीफ आलोक वर्मा की याचिका पर 29 नवंबर तक कोर्ट ने सुनवाई टाल दी है… कोर्ट में तीखी बहस भी देखने को मिली और चीफ जस्टिन रंजन गोगोई ने अपनी टिप्पणी में यहां तक कह दिया कि आपमें से कोई भी सुनवाई के लायक नहीं है.
वहीं दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई के डीआईजी मनीष कुमार सिन्हा को भी आज कोर्ट में पेश होने के लिए कहा है. मनीष कुमार सिन्हा ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और एनएसए व सीवीसी पर विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ जांच में हस्तक्षेप का आरोप लगाया था..बता दें कि सीबीआई के दोनों बड़े अधिकारियों के बीच पनपे इस विवाद के बाद केस की जांच सीवीसी को सौंपी गई थी और 23 अक्टूबर को दोनों अधिकारियों को छुट्टी पर भेज दिया गया था। केन्द्र सरकार का भी यह तर्क था कि दोनों अधिकारियों के पद पर रहते हुए निष्पक्ष जांच नही हो सकती है…लिहाजा दोनो ही अधिकारियों को छुट्टी पर भेजने का निर्णय लिया गया।
वहीं इस मुद्दे पर सियासी आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी चल रहा है..कांग्रेस इस मुद्दे पर मोदी सरकार पर संवेधानिक संस्थाओं के राजनीतिकरण का आरोप लगा रही है..वहीं बीजेपी ने विपक्ष को नसीहत दी कि संवैधानिक संस्थाओ पर राजनीति कर कांग्रेस सियासी रोटियां सेंकना ठीक नही है । कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने डीआईजी मनीष सिन्हा द्वारा लगाये गये आरोपों के आधार पर मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला…सुरजेवाला ने कहा कि मनीष सिन्हा के आरोपो से साबित होता है कि इस पूरे मामले में प्रधानमंत्री कार्यलय और एनएसए की भूमिका संदिग्ध है…मनीष सिन्हा ने सीवीसी के वी चौधरी पर भी आरोप लगायें है। इस मामले पर मनीष सिन्हा ने कानून सचिव और केन्द्रीय मंत्री पर आरोप से कांग्रेस को सरकार पर हमला बोलने का एक और मौका मिल गया है।
इस मुद्दे पर जहां देश के सबसे बडी जांच एजेंसी की साख दाव पर लगी हुई है वहीं केन्द्र की मोदी सरकार पर विपक्ष को हमला करने का मौका मिल गया है।

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