जानिए कैसे मोदी सरकार ने पिछले एक साल में भारत में वीजा व्यवस्था को बनाया आसान

न्यूज़ नॉलेज मास्टर(NKM NEWS),मोदी सरकार ने भारत के वीज़ा पॉलिसी में कई महत्वपूर्ण बदलाव किये हैं…भारत के विश्व के दूसरे देशों से बेहतर संबंध बनाने में सरकार की लचीली वीज़ा नीति का दूरगामी असर होगा…देश की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए वैध उद्देश्यों के लिए देश में विदेशियों के आसान प्रवेश,उनके प्रवास और अन्य गतिविधियों की सुविधा देने के लिए भारत ने एक मजबूत वीजा व्यवस्था तैयार की है।

पिछले एक साल में गृह मंत्रालय ने भारत में वीजा प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए सिलसिलेवार कई कदम उठाए हैं। उनमें से उठाये गये कुछ प्रमुख कदम इस प्रकार है:

इलेक्ट्रॉनिक वीजा सुविधा की आसमान छूती लोकप्रियता

दुनिया के सभी देशों के लिए व्यावहारिक रूप से अब इलेक्ट्रॉनिक वीजा सुविधा शुरू की गई है। 166 देशों के विदेशी नागरिक अब 26 हवाई अड्डों और 5 बंदरगाहों पर इस नई सुविधा का लाभ ले सकेंगे। इमिग्रेशन काउंटर पर आने तक विदेशियों को किसी भी भारतीय अधिकारी से बातचीत करने की जरूरत नहीं पड़ती है। ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन (बीओआई) आम तौर पर 24-48 घंटे में यह तय करता है कि किसी विदेशी व्यक्ति को ई-वीजा देना है या नहीं। ई-वीजा की लोकप्रियता आसमान छू रही है।

ई-वीजा पर भारत की यात्रा करने वाले विदेशियों की संख्या में हुई अप्रत्याशित बढ़ोतरी

ई-वीजा पर भारत की यात्रा करने वाले विदेशियों की संख्या 2015 में 4.47 लाख थी जबकि 2017 में यह बढ़कर 17.00 लाख हो गई। 30 अक्टूबर 2018 तक भारत आने वाले विदेशियों का आंकड़ा 18.78 लाख तक पहुंच गया है।
हाल ही में ई-वीजा की दो नई श्रेणियां-पहला-ई-कॉन्फ्रेंस, जबकि दूसरी ई-मेडिकल अटेंडेंट शुरू की गई हैं। अब पांच नई श्रेणियों में ई-वीजा उपलब्ध है जिनमें (1) टूरिस्ट, (2) बिजनेस, (3) मेडिकल, (4) कॉन्फ्रेंस, (5) मेडिकल अटेंडेंट शामिल है।

अब ई-वीजा साल में अब तीन बार उपलब्ध होगा

विदेशियों के क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरआरओ) को सशक्त बनाया गया है ताकि अब वह ई-वीजा की अवधि को 60 से 90 दिन तक बढ़ा सके। इसके अलावा, ई-वीजा साल में अब तीन बार उपलब्ध होगा जबकि पहले कोई विदेशी साल में दो बार ही इसे ले सकता था।
जो विदेशी पहले से ही भारत में हैं और उन्हें अगर कंसुलर/वीजा सेवाओं की आवश्यकता है, मतलब वीजा की अवधि में विस्तार, वीजा में किसी प्रकार की तब्दीली, या वे भारत से जाना चाहते हैं, इस तरह की 27 वीजा संबंधित सेवाओं को मुहैया कराने के लिए ऑनलाइन ई-फेरा सुविधा शुरू की गई। इन सेवाओं को हासिल करने के लिए विदेशियों को एफआरआरओ तक दौड़-भाग करने की जरूरत नहीं होगी। अब वे कंसुलर/वीजा सेवाओं को हासिल करने के लिए ऑनलाइन ही अप्लाई और सेवा शुल्क का भुगतान ऑनलाइन ही कर सकते हैं।

क्रूज टूरिज्म को बढ़ावा
क्रूज टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए भारत के पांच बड़े बंदरगाहों पर आव्रजन सुविधा शुरू की गई है, जहां विदेशी यात्रियों को तटवर्ती इलाकों को देखने के लिए ई-लैंडिंग परमिट प्रदान किए जाते हैं। मुंबई, कोच्चि, मोरमुगाओ, चेन्नई और न्यू मंगलोर के बंदरगाहों पर पहुंचने वाले पर्यटकों के लिए बायोमेट्रिक नामांकन दिसंबर 2020 तक रोक दिया गया है ताकि क्रूज पर्यटक समुद्र तट पर अधिकतम समय व्यतीत कर सकें।
विदेशी नागरिकों के भारत में रहने के दौरान बीमार पड़ने पर उनके वीजा को मेडिकल वीजा में बिना बदले ही चित्किसा सुविधा मुहैया करवाई जाएगी। चिकित्सा की आपात स्थितियों का भी ख्याल रखा जाएगा।

भारत में रहने वाले विदेशियों के वीजा में विस्तार

जिस विदेशी नागरिक ने किसी भारतीय नागरिक/भारतीय क्षेत्र के व्यक्ति/भारत के विदेशी नागरिक (ओसीआई) कार्डधारक से विवाह किया हो, ऐसे विदेशी नागरिक के वीजा को किसी भी श्रेणी में रूपांतरित करने की अनुमति दी जा रही है, और उसको किसी भी समय एफआरआरओ द्वारा वीजा दिया जाएगा।
अभी पांच साल के मुकाबले भारत में दस साल तक की अवधि के लिए रोजगार और व्यापार वीजा के विस्तार जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं। इसमें 15 वर्षों तक लागातार भारत में रहने वाले विदेशियों के वीजा में विस्तार दिया जाना है, शामिल है। अभी तक यह विस्तार 5 वर्षों के लिए मिलता रहा है। साथ ही एफआरआरओ से संबंधित किसी भी विशिष्ट अनुमति के बिना अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों/संगोष्ठियों/कार्यशालाओं में भाग लेने के लिए दीर्घकालिक वीजा पर भारत में पहले से मौजूद विदेशी नागरिक को भी इसकी अनुमति दी गई है।
एफआरआरओ को वीजा विस्तार, वीजा रूपांतरण, पंजीकरण, निकास अनुमति इत्यादि जैसी विभिन्न वीजा से संबंधित सेवाओं के लिए शक्तियां प्रदान की गई हैं। ये सभी उपर्युक्त कदम विदेशियों को वीजा से संबंधित विभिन्न सेवाओं के लिए मंजूरी में तेजी लाने और उनके प्रतीक्षा समय में कटौती करने में मददगार साबित होंगे।
विदेशी लोगों को “प्रतिबंधित” या “संरक्षित” क्षेत्रों के रूप में घोषित क्षेत्रों को देखने के लिए उचित वीजा के अलावा प्रतिबंधित क्षेत्र परमिट/संरक्षित क्षेत्र परमिट की आवश्यकता होती है। कई मामलों में ऐसे परमिट संबंधित राज्य/केंद्रशासित प्रदेश सरकारों द्वारा गृह मंत्रालय से अनुमित के बाद दिए जाते रहे हैं। इस प्रक्रिया में समय लगता है और एक तरह की बाधा पैदा होती रही है। लेकिन अब गृह मंत्रालय ने इस तरह की अनुमति देने की प्रक्रिया को तर्कसंगत बनाया है। निम्नलिखित तीन प्रमुख क्षेत्रों में विदेशियों को संरक्षित क्षेत्र परमिट (पीएपी) और प्रतिबंधित क्षेत्र परमिट (आरएपी) की अनुमति के लिए गृह मंत्रालय की पूर्व मंजूरी दे दी गई है:
विदेशी पर्यटक वीजा के अलावा वीजा पर पर्यटन के अलावा अन्य गतिविधियों के लिए पीएपी/आरएपी शासन के तहत कवर की गई जगह पर जाने के इच्छुक विदेशी इसके तहत शामिल होंगे;
विदेशी पर्यटक पर्यटन के उद्देश्य के लिए उस जगह पर जा रहे हैं जिसे अभी पर्यटन के लिए खोला नहीं गया है;
व्यक्तिगत विदेशी पर्यटकों: तदनुसार, संबंधित राज्य सरकार या एफआरआरओ स्थानीय रूप से निर्णय ले सकते हैं और तत्काल विदेशियों को पीएपी या आरएपी प्रदान कर सकते हैं।

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