क्या देखकर मरना चाहते हैं केजरीवाल ? दिल्ली CM अरविंद केजरीवाल ने क्यों कही यह बात ?
नई दिल्ली,न्यूज़ नॉलेज मास्टर,NKM NEWS,
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आज नागपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में ‘आम आदमी पार्टी का 2024 के लोकसभा चुनाव में क्या भूमिका होगी?’ विषय पर अपना विचार रखते हुए कहा कि मैं भारत को दुनिया का नंबर वन देश देखकर ही मरना चाहता हूं इससे पहले मैं मरना नहीं चाहता हूं।
हम लोग इस देश के 130 करोड़ लोगों का गठबंधन बनाएंगे, जो इस देश को नंबर वन देश बनाएगा। मेरे को गठबंधन की राजनीति करने नहीं आती है। मेरे को किसी को नहीं हराना है। मेरे को देश को जिताना है। इस देश के 130 करोड़ लोगों का हाथ से हाथ पकड़ कर हमें भारत को आगे बढ़ाना है। तभी हमारा भारत आगे बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि 2024 में आम आदमी पार्टी की क्या भूमिका होगी, यह महत्वपूर्ण नहीं है। भारत को दुनिया का नंबर वन देश बनाने में ‘आप’ और केजरीवाल की क्या भूमिका होगी, यह महत्वपूर्ण है। मैं भारत को दुनिया का नंबर वन देश देख कर ही मरना चाहता हूं। हमारे देश में एक बहुत बड़ी पार्टी है, जो पूरे देश में दंगई व लफंगई कराती है। ऐसे तो देश आगे नहीं बढ़ सकता। अगर आपको कट्टर ईमानदारी और कट्टर देश भक्ति चाहिए तो, आइए हम सब मिलकर 130 करोड़ लोगों का एक नया गठबंधन बनाते हैं।
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज महाराष्ट्र के नागपुर में एक मीडिया हाउस की तरफ से आयोजित कार्यक्रम में ‘आम आदमी पार्टी का 2024 के लोकसभा चुनाव में क्या भूमिका होगी?’ विषय पर अपना विचार रखते हुए कहा कि 2024 का चुनाव हमारा लक्ष्य नहीं है। आम आदमी पार्टी के लिए 2024 का चुनाव लक्ष्य नहीं है। हमारा लक्ष्य, हमारा देश है। हमारा लक्ष्य भारत माता है। हम यहां राजनीति में एन-केन-प्रकारेण सत्ता हासिल करने के लिए नहीं आए हैं, यहां कैरियर बनाने के लिए नहीं आए हैं। हम लोग अपना-अपना कैरियर छोड़कर आए हैं। हम देश के लिए आए हैं। भारत माता के लिए आए हैं। पहली बार जब दिसंबर 2013 में दिल्ली का मुख्यमंत्री बना, तो 49 दिन के बाद इस्तीफा दे दिया था। भारत ही नहीं, पूरी दुनिया के इतिहास में ऐसा कोई मामला नहीं है कि कोई आदमी 49 दिन में खुद ही सीएम की कुर्सी छोड़ दे। हम यहां पर सत्ता भोगने और सत्ता पाने के लिए नहीं आए हैं। देश बचाने के लिए आए हैं। देश बनाने के लिए आए हैं। इसलिए 2024 हमारा लक्ष्य नहीं है। उन्होंने आम आदमी पार्टी का लक्ष्य बताते हुए कहा कि हम सभी लोग भगवान को मानते हैं। मैं भी भगवान को मानता हूं और मंदिर जाता हूं। जब आदमी मंदिर भगवान के पास जाता है और उनसे बात करता है, तो कई बार कुछ मांगता है। मैं भी दो चीजें मांगता हूं। एक यह कि हे प्रभु! मेरा भारत जल्द से जल्द दुनिया का नंबर वन देश बन जाए और उसे नंबर वन देश बनाने में जो भी मैं भूमिका अदा कर सकूं, मैं वो भूमिका अदा करूं। इसलिए 2024 में आम आदमी पार्टी का क्या भूमिका होगी, यह महत्वपूर्ण नहीं है। भारत को दुनिया का नंबर वन देश बनाने में आम आदमी पार्टी और केजरीवाल की क्या भूमिका होगी, यह महत्वपूर्ण है। दूसरी चीज यह भगवान से मांगता हूं कि हे भगवान! जब तक मैं अपने देश को दुनिया का नंबर वन देश न देख लूं, मुझे इस पृथ्वी से मत उठाना। तब तक मुझे मौत मत देना। मैं भारत को दुनिया का नंबर वन देश देख कर ही मरना चाहता हूं। इससे पहले मैं मरना नहीं चाहता हूं।
हमें चोरी, भ्रष्टाचार, गुंडागर्दी, दंगे और नफरत फैलाना नहीं आता, हमें सिर्फ काम करना आता है- अरविंद केजरीवाल*
‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मुझे राजनीति करनी नहीं आती है। 2012 में आम आदमी पार्टी बनी थी और अब करीब 10 साल हो गए। हम लोगों को राजनीति करनी नहीं आती है। हम लोगों को सिर्फ काम करने आता है। राजनीति मतलब भ्रष्टाचार, चोरी, डकैती। जब दिल्ली में नई-नई सरकार बनी थी, तो हम देखते थे कि इतनी चोरी होती थी। अब पंजाब में सरकार बनी है। भगवंत मान जी से चर्चा होती है तो पता चलता है कि पिछली सरकारों में इतनी चोरी होती थी। हमें चोरी करनी नहीं आती, हमें भ्रष्टाचार करना नहीं आता है। हमें राजनीति करनी नहीं आती है। हमें गुंडागर्दी करना नहीं आता है। हमें दंगे और नफरत फैलाना नहीं आता। हमें स्कूल और अस्पताल बनाना आता है। ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के स्कूल और अस्पताल देखने के लिए सभी आमंत्रित करते हुए कहा कि मुझे पता चला है कि महाराष्ट्र में सरकारी स्कूलों का बहुत बुरा हाल है। पहले दिल्ली में भी बहुत बुरा हाल था। दीवारें टूटी पड़ी थीं, छत टूटी पड़ी थीं, बच्चे स्कूल आते नहीं थे, शिक्षक पढ़ाते नहीं थे। सरकारी स्कूलों का इतना बुरा हाल था। रिजल्ट भी बहुत खराब आता था। आज दिल्ली के सरकारी स्कूल बहुत शानदार हो गए हैं। इस बार दिल्ली के सरकारी स्कूलों के 12वीं क्लास के नतीजे 99.7 फीसद आए हैं। प्राइवेट स्कूलों को सरकारी स्कूलों ने बहुत पीछे छोड़ दिया है। इस साल दिल्ली में चार लाख बच्चों ने प्राइवेट स्कूलों से नाम कटवा कर सरकारी स्कूलों में दाखिला कराया है। पहले गरीब आदमी भी अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में नहीं भेजना चाहता था। अब अमीर लोग भी अपने बच्चों के नाम प्राइवेट स्कूल से कटा कर सरकारी स्कूलों में भेज रहे हैं, क्योंकि सरकारी स्कूलों में बहुत सुविधा हो गई हैं, जो प्राइवेट स्कूलों में भी नहीं है।
*पहले दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 16 लाख बच्चों को भविष्य अंधकार में था, अब उनका भविष्य उज्जवल है- अरविंद केजरीवाल*
‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 16 लाख बच्चे पढ़ते हैं। इन 16 लाख बच्चों का भविष्य अंधकार में था। अब इन बच्चों का भविष्य उज्जवल हुआ है। पिछले तीन साल से हर साल दिल्ली के सरकारी स्कूलों के 450 बच्चों का का आईआईटी के अंदर एडमिशन हो रहा है और नीट के अंदर अलग से एडमिशन हो रहा है। यह करके हमें संतुष्टि मिलती है। इससे हमें लगता है कि हम लोग यही करने के लिए आए थे। हमने पहले सरकारी स्कूलों को ठीक किया। सारी बिल्डिंग को तोड़कर प्राइवेट स्कूलों जैसी शानदार नई बिल्डिंग बनाई। उसके बाद सरकारी स्कूलों के प्रिंसिपल को लंदन, स्वीटजरलैंड, यूरोप, कनाडा, सिंगापुर ट्रेनिंग करने के लिए भेजा। शिक्षकों को आईआईएम अहमदाबाद और आईआईएम लखनउ ट्रेनिंग करने के लिए भेजा। अब उसके नतीजे आने लगे हैं। अब हमें शिक्षा को अगले लेवल पर लेकर जाना है। हमने स्कूलों के अंदर हैप्पीनेस क्लास शुरू की है। हमें लगता है कि शिक्षा के जरिए हमें इंसान बनाना जरूरी है। आज बहुत तनाव है। कई बच्चे बहुत गरीब परिवार से आते हैं। उनके घर में टेंशन है। मां-बाप लड़ रहे हैं। पड़ोसी लड़ रहे हैं। हमने यह तय किया है कि हर रोज जब बच्चा स्कूल आएगा, तो पहले 45 मिनट हम उसको मेडिटेशन कराएंगे। उसको स्टोरी सुनाते हैं और तरह-तरफ की गतिविधियां देते हैं। कहते हैं कि अच्छे काम की खुश्बू पूरी दुनिया में फैल जाती है। यह हैप्पीनेस क्लास की चर्चा अमेरिका में भी चली गई। अभी तीन साल पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दिल्ली आए। उनके साथ उनकी धर्मपत्नी मिलेनिया ट्रंप भी आई। मिलेनिया ट्रम्प ने कहा कि मुझे दिल्ली के सरकारी स्कूलों की हैप्पीनेस क्लास अटेंड करनी है। यह बड़ी बात है। केंद्र की बीजेपी सरकार ने उनको बहुत समझाया कि उधर मत जाओ। आप हमारे दूसरे राज्य के किसी स्कूल या किसी प्राइवेट स्कूल में चली जाओ, वहां दिखा देंते हैं। लेकिन मिलेनिया ट्रंप ने कहा कि मैं तो केजरीवाल के स्कूल में ही जाऊंगी। मिलेनिया ट्रंप ने डेढ़ घंटे बैठकर के हैप्पीनेस क्लास अटेंड की। अब सरकारी स्कूलों से प्राइवेट स्कूल हैप्पीनेस क्लास की ट्यूशन लेकर जा रहे हैं कि वे कैसे अपने बच्चों को पढ़ाएं।
*मैकॉले ने हमारे देश के लोगों को क्लर्क बनाने और अंग्रेजों का गुलाम बनाने के लिए शिक्षा पद्धति बनाई थी- अरविंद केजरीवाल*
‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यह जो पूरी शिक्षा पद्धति है, वह अंग्रेजों ने बनाई थी। 1830 के अंदर मैकॉले ने हमारे देश के लोगों को क्लर्क बनाने और अंग्रेजों का गुलाम बनाने के लिए शिक्षा पद्धति बनाई थी। देश आजाद हो गया, लेकिन वही शिक्षा पद्धति अभी तक चली आ रही है। हमारे बच्चे बीए, बीकॉम करते हैं और तमाम डिग्री लेते हैं, लेकिन बाहर निकलने के बाद उनको नौकरी ही नहीं है। कुछ तो समस्या है कि इतने पढ़े-लिखे लोग बेरोजगार घूम रहे हैं, तो क्यों घूम रहे हैं। हम लोगों ने इसका समाधान निकाला। हमने अंत्रप्रेनोरशिप प्रोग्राम शुरू की। 9वीं 10वीं, 11वीं और 12वीं के बच्चों को हमने बिजनेस बिजनेस करना सिखाया। दिल्ली में 11वीं और 12वीं के हर बच्चे को दिल्ली सरकार की तरफ से दो-दो हजार रुपए देते हैं और उसको कहते हैं कि आप बिजनेस करो। वह बच्चा अकेला भी कर सकता है और अपनी टीम भी बना सकता है। मान लीजिए कि पांच बच्चों ने टीम बनाई, उनके पास 10 हजार रुपए हो गए। अब यह पांच बच्चे 10 हजार रुपए से बिजनेस आइडिया सोचते हैं और फिर उस आईडिया को लागू करते हैं। इसके बाद उस पैसे से पैसा कमाते हैं। ऐसे बच्चों की 52 हजार टीम बन चुकी है। इनमें से जिनके आइडियाज अच्छे थे, उनके लिए देश के बड़े-बड़े उद्योगपतियों को बुलाया। उनके सामने हमारे बच्चों ने प्रजेंटेशन दिया। उन अमीर लोगों को जो-जो आइडिया पसंद आया, उसमें उन्होंने पैसा निवेश किया। कल यह बच्चे जब डिग्री पूरी करके बाहर निकलेंगे, तो ये नौकरी नहीं ढूंढ रहे होंगे, इनके पास पहले से ही बिजनेस आईडिया है। इन लोगों ने बिजनेस करना शुरू कर दिया है। यह बहुत बड़ी बात है।
*हमने सभी सरकारी अस्पतालों को बहुत शानदार बना दिया है और दिल्ली के दो करोड़ लोगों का सारा इलाज मुक्त कर दिया है- अरविंद केजरीवाल*
‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमने दिल्ली में शानदार हॉस्पिटल बनाया है। पहले सरकारी अस्पतालों का बहुत बुरा हाल था। महाराष्ट्र में भी सरकारी अस्पतालों का बुरा हाल होगा। दवाइयां मिलती नहीं है, टेस्ट होते नहीं है, डॉक्टर लिख देते हैं और कहते हैं कि बाहर जांच करा कर आओ। मशीनें काम नहीं करती हैं। दिल्ली में भी पहले ऐसा था। हमें दिल्ली के सरकारी अस्पतालों को अब इतना शानदार बना दिया है। दिल्ली में हमने 3 स्तर का सिस्टम बनाया है। प्राथमिक स्तर पर मोहल्ला क्लीनिक है। हमने हर मोहल्ले में एक-एक क्लीनिक खोल दिया है। उसमें एक डॉक्टर बैठता है। आपको जुखाम, बुखार, खांसी, छोटी-छोटी बीमारियां हैं, तो मोहल्ला क्लीनिक में जाइए। वहां आपको सारे टेस्ट और दवाइयां फ्री है। दूसरे स्तर पर पाली क्लीनिक है। यहां आठ तरह के विशेषज्ञ डॉक्टर बैठते हैं। अगर किसी को एडमिट करना है, तो एक दिन काएडमिशन भी हो सकता है। तीसरे स्तर पर सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल हैं। अगर कोई गंभीर बीमारी है, आप सुपर स्पेशयलिटी और मल्टी स्पेशयलिटी अस्पताल जा सकते है। मैंने सबसे पहले सभी मेडिकल सुपरिटेंडेंट को हर सोमवार को रिपोर्ट भेजने को कहा कि सीटी स्कैन मशीन काम कर रही है या नहीं कर रही है। एक्सरे मशीन काम कर रही है या नहीं कर रही है। कौन-कौन सी दवाइयां अस्पताल में है और कौन सी नहीं है। हर सोमवार को सुबह 11ः00 बजे मेरे पास जब रिपोर्ट आने लगी, तो अपने आप सब ने काम करना शुरू कर दिया। आज दिल्ली में लोग अपोलो और मैक्स में नहीं जाते हैं, दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में आते हैं। दिल्ली में दो करोड़ लोग रहते हैं। हमने ऐलान किया कि दिल्ली के हर आदमी, हर औरत और हर बच्चे का सारा इलाज दिल्ली सरकार की तरफ से मुक्त किया जाएगा। अगर आप सरकारी अस्पताल में इलाज कराएंगे, तो सारा इलाज मुक्त है। आपको चाहे कितनी भी बड़ी बीमारी हो, चाहे छोटी बीमारी हो, सारा इलाज फ्री है।
*दूसरी पार्टी वाले कहते हैं कि केजरीवाल फ्री शिक्षा और इलाज क्यों दे रहा है, क्योंकि मैं इन प्राइवेट स्कूल और अस्पतालों के साथ सेटिंग नहीं करता- अरविंद केजरीवाल*
आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दूसरी पार्टी वाले मेरे को खूब गालियां देते हैं और फ्री बी-फ्री बी कहते हैं। मैं देश के लोगों से पूछना चाहता हूं कि क्या इस देश के बच्चों को अच्छी शिक्षा मिलनी चाहिए या नहीं मिलनी चाहिए। अगर इस देश के अंदर कोई बच्चा पैदा हुआ है और वह गरीब है, तो उसका क्या कसूर है? भारत के अंदर कोई भी बच्चा पैदा हुआ है, तो क्या भारत सरकार या राज्य सरकार का फर्ज नहीं है कि उस बच्चों को अच्छी शिक्षा दे। अगर मैं बच्चों को फ्री शिक्षा देता हूं, तो क्या गलत करता हूं। वो कहते हैं कि केजरीवाल फ्री शिक्षा क्यों देता है, क्योंकि केजरीवाल की प्राइवेट स्कूल वालों के साथ सेटिंग नहीं है। यह लोगों ने ऐसा माहौल कर दिया है कि आज प्राइवेट अस्पतालों में इलाज कराना इतना महंगा हो गया है कि अगर आपको कोई गंभीर बीमारी हो जाए, तो जमीन भी बिक जाती है, जेवर भी बिक जाते हैं, कर्जा चढ़ जाता है और आदमी आत्महत्या कर लेता है। अगर मैं लोगों का इलाज मुक्त में कर रहा हूं, तो क्या गलत कर रहा हूं? यह कहते हैं कि केजरीवाल मुफ्त में इलाज क्यों कर रहा है, क्योंकि मैं इन प्राइवेट अस्पतालों के साथ सेटिंग नहीं करता। दिल्ली में हमने योग शुरू किया है। मैंने कहा कि आप 25 लोग इकट्ठे हो जाओ। अगर आप योग करना चाहते हो, तो मेरे को मिस्ड कॉल मारो, मैं आपके यहां फ्री में योगा टीचर भेजूंगा। आज पूरी दिल्ली में योग शुरू हो गया है। अगर मैं फ्री में योग करा रहा हूं, तो क्या गलत कर रहा हूं। दिल्ली में पहले 8-8 घंटे के पावर कट लगा करते थे। अब 24 घंटे और मुफ्त बिजली आती है। बीजेपी वाले कहते हैं कि मुफ्त बिजली क्यों देते हो। इसलिए मैंने अभी एक नई स्कीम चालू की है। मैंने कहा कि जिसको नहीं चाहिए, मत लो। जो मांगेगा, उसी को मुफ्त बिजली मिलेगी। पिछले साल तक हम सबको मुफ्त बिजली देते थे। उन्होंने कहा कि हम, लोगों को तीर्थ यात्रा पर भेजते हैं। रामलला के दर्शन करने के लिए आयोध्या में भेजते हैं, तो हम क्या गलत करते हैं? तीर्थ यात्रा कराने का भी पूण्य होता है और तीर्थ यात्रा करने का भी पुण्य होता है।
आजकल दूसरी पार्टी के नेता अपने भाषण में कहते हैं कि ‘फ्री बी’ नहीं होनी चाहिए और फिर कहते हैं कि हमारी सरकार बनी तो हम 200 यूनिट बिजली फ्री देंगे- अरविंद केजरीवाल
आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आजकल कई सारे नेता अपने भाषण में एक ही सांस में बोलते हैं कि फ्री बी बड़ा गलत है, फ्री बी नहीं होनी चाहिए और फिर कहते हैं कि हमारी सरकार बनी तो हम 200 यूनिट बिजली फ्री देंगे। नेताओं का फ्री बंद करो। एक-एक नेता को चार-चार हजार यूनिट बिजली मुफ्त मिलती है, तो कोई तकलीफ नहीं है, एक गरीब आदमी फ्री बिजली मिल जाए है तो सारे नेता ‘फ्री बी’ चिल्लाते हैं। नेताओं का सारा इलाज मुक्त होता है और वे अमेरिका में इलाज करा कर आते हैं। अगर एक गरीब आदमी के लिए सरकारी अस्पताल में दवाइयां भी कर दी, तो तो ‘फ्री बी’ कहते हैं। आजकल अखबारों के अंदर बड़े-बड़े अर्थशास्त्री आर्टिकल लिखते हैं कि अगर ‘फ्री बी’ का कल्चर चालू रहा रखा, तो देश बर्बाद हो जाएगा। मैंने एक भी अर्थशास्त्री यह आर्टिकल लिखते नहीं देखा कि अगर भ्रष्टाचार चालू रहा, तो देश बर्बाद हो जाएगा। भ्रष्टाचार चलते रहना चाहिए। मैं यह ‘फ्री बी’ कैसे दे रहा हूं। मेरे पास पैसा कहां से आ रहा है। मैंने भ्रष्टाचार खत्म कर दिया। जो पैसा पहले नेताओं और अफसरों की जेब में जाता था, वही मैं आप लोगों में बांट देता हूं। किसी की बिजली फ्री कर देता हूं और किसी की दवाई फ्री कर देता हूं। जितने भी बड़े-बड़े अर्थशास्त्री मेरे खिलाफ लिख रहे हैं, उनमें से कोई यह नहीं लिख रहा है कि भ्रष्टाचार खत्म होना चाहिए। वो कहते हैं कि भ्रष्टाचार चलते रहना चाहिए, अच्छी चीज है। हमें भी उसमें से मिलता है। लेकिन ‘फ्री बी’ बंद होना चाहिए। किसी अर्थशास्त्री ने यह भी नहीं लिखा कि नेताओं की ‘फ्री बी’ बंद होनी चाहिए। सिर्फ जनता की ‘फ्री बी’ बंद होनी चाहिए। यह नहीं चलेगा।
हम लोग इस देश के डॉक्टर्स, इंजीनियर्स, चार्टर्ड अकाउंटेंट, पत्रकारों, मजदूरों, किसानों, वकीलों और आम आदमी का गठबंधन बनाएंगे
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कई लोग पूछते हैं कि राष्ट्रीय स्तर पर किसके साथ गठबंधन करेंगे। मेरे को यह राजनीति करने नहीं आती है। इनका 10 पार्टियों और 20 पार्टियों का गठबंधन मेरे को समझ में नहीं आता है। मेरे को किसी को नहीं हराना है, मेरे को देश को जिताना है। मैं एक ही गठबंधन करूंगा। हम लोग इस देश के 130 करोड़ लोगों का गठबंधन तैयार करेंगे। हम लोग इस देश के 130 करोड़ लोगों का गठबंधन बनाएंगे। इस देश के डॉक्टर्स, इंजीनियर्स, चार्टर्ड अकाउंटेंट, पत्रकारों, मजदूरों, किसानों, वकीलों और आम आदमी का गठबंधन बनेगा, जो इस देश को नंबर वन देश बनाएगा। आज यह देश जहां पर है, यह नेताओं की वजह से नहीं है। मैं प्रेरित करने वाली कहानियां पढ़ते रहता हूं। उनमें से एक भानु श्रीवास्तव है। वो केनरा बैंक में काम करते हैं। बैंक वालों को बड़ी मेहनत करनी पड़ती है। घर आने के बाद रोज शाम को दो घंटे झुग्गी बस्तियों में रहने वाले बच्चों को फ्री में पढ़ाते हैं। ऐसे लोगों की वजह से यह देश जिंदा है। एक केदार प्रसाद हैं। वो झारखंड के एक गांव में रहते हैं। उनके गांव में बिजली नहीं है। उन्होंने डोनेशन लेकर अपने गांव के लिए एक हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट बनाया। जिससे उनके गांव की गलियों में लाइट आ गई और मंदिर में लाइट आ गई। ऐसे लोगों की वजह से आज हमारा भारत जिंदा है। इन नेताओं की वजह से नहीं है। नेताओं ने तो लूटने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इस देश के 130 करोड़ लोगों का हाथ से हाथ पकड़ कर हमें भारत को आगे बढ़ाना है, तभी हमारा भारत आगे बढ़ेगा। आज हमारे देश में एक बहुत बड़ी पार्टी है। पूरे देश में कहीं पर कोई गुंडागर्दी हो जाए, कहीं कोई दंगे हो जाए, तो उस पार्टी लोग पहुंच जाते हैं। ये लोग पूरे देश में दंगई कराते हैं, पूरे देश में लफंगई कराते हैं। कहीं बलात्कार हो जाए तो बलात्कारियों के लिए यह लोग शोभायात्रा निकालते हैं। बलात्कारियों को माला पहना कर आते हैं। ऐसे देश आगे बढ़ेगा, ऐसे तो देश आगे नहीं बढ़ सकता है। इस तरह की गुंडागर्दी और लफंगई से तो देश आगे नहीं बढ़ सकता। इसलिए अगर आप लोगों को दंगे चाहिए, तो उनके साथ चले जाना। अगर आप लोग गुंडागर्दी चाहिए तो उनके साथ चले जाना। अगर आप लोगों को तरक्की, स्कूल-अस्पताल चाहिए, तो मेरे साथ आ जाना। अगर आप लोगों को भ्रष्टाचार चाहिए, उनके साथ चले जाना, अगर आपको कट्टर ईमानदारी और कट्टर देश भक्ति चाहिए तो, आइए हम सब लोग मिलकर 130 करोड़ लोगों का एक नया गठबंधन बनाते हैं।