AAP सरकार के अस्पतालों के भ्रष्टाचार पर मनीष सिसोदिया और मनोज तिवारी का वार पलटवार। देखिए AAP और दिल्ली BJP के दो बड़े नेताओं की जुबानी जंग का सियासी रंग

न्यूज़ नोलेज मास्टर, NKM NEWS,दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और भाजपा सांसद मनोज तिवारी में ज़ुबानी जंग तेज़ हो गई है। दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता और मनोज तिवारी ने सोमवार को संयुक्त प्रेस वार्ता करके दिल्ली सरकार पर जमकर हमला बोला और दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर निशाना साधते हुए इन्हें राजनीतिक गिद्दों से भी बदतर करार दिया और कोरोना काल मे 1256 करोड़ का घोटाला करने का आरोप लगाया था । मनीष सिसोदिया मनोज तिवारी के आरोपों का जवाब देने के लिए मंगलवार को मीडिया के सामने आए।

दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया आज दिल्ली सरकार के बचाव और अपने ऊपर BJP द्वारा लगाए आरोपों का जवाब देने के लिए सामने आए। मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा दिल्ली के लोगों की तरक्की के लिए जो काम किए जा रहे है, साजिश कर उसे रोकने के लिए भाजपा के नेता फर्जी शिकायतें कर रहे है और उपराज्यपाल ने इन फर्जी, बेबुनियाद और पुरानी शिकायतों को बिना ‘भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम’ में दिए गए नियमों का पालन करते हुए उसे वापस उठाकर जांच के लिए एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) को भेज रहे हैं, ताकि दिल्ली सरकार द्वारा लोगों के लिए किए जा रहे काम प्रभावित हो। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को एक प्रेस-कांफ्रेंस के दौरान कहा कि मनोज तिवारी ने एक साल पहले अस्पताल बनाने में भ्रष्टाचार को लेकर पूर्व एलजी अनिल बैजल से शिकायत की थी और पूर्व एलजी ने जांच में शिकायत को राजनीति से प्रेरित पाया था। आम आदमी पार्टी ईमानदार और कट्टर देशभक्त पार्टी है। पिछले 8 सालों में भाजपा ने हमारे ऊपर सैकड़ों बार जांच करवाई है। वो सैकड़ों बार और जांच करवा लें, पर हम किसी जांच से डरते नहीं है। हमारी लड़ाई दिल्ली की तरक्की की लड़ाई है और हम हर उस व्यक्ति से लड़ेंगे, जो दिल्ली के काम को रोकने की कोशिश करेगा।

डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि भाजपा द्वारा काम रुकवाने की नीयत से अधिकारियों को जांच के दायरे में फंसाने की कोशिश करना घटिया हरकत है। भाजपा की इतने राज्यों में सरकारें हैं, वहां तो वो काम नहीं करती है, लेकिन दिल्ली सरकार लोगों की बेहतरी के लिए मेहनत कर रही है तो यहां अधिकारियों में डर फ़ैलाने और काम रुकवाने के लिए भाजपा फर्जी शिकायतें कर रही है। उपराज्यपाल भी सभी नियम कायदे-कानूनों को दरकिनार करते हुए इन फर्जी और पुरानी शिकायतों पर एसीबी को जांच के आदेश दे देते हैं।

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भाजपा सांसद मनोज तिवारी के ने दावा और शिकायत की थी कि सरकार द्वारा स्कूल बनवाने में भ्रष्टाचार किया गया है और जब वो कोर्ट में कोई तथ्य व सबूत पेश नहीं कर सकें और उन पर मानहानि का मुकदमा किया गया, तो मानहानि के मुक़दमे से बचने के लिए मनोज तिवारी व भाजपा के अन्य नेता शीर्ष अदालतों में जाकर खुद को बचाने की गुहार लगाने लगे। आज दोबारा मनोज तिवारी फर्जी शिकायत करने लगे हैं।

सिसोदिया ने कहा कि सांसद मनोज तिवारी द्वारा अस्पताल बनाने में भ्रष्टाचार को लेकर की गई फर्जी शिकायत एक साल पुरानी है और तब पूर्व उपराज्यपाल अनिल बैजल जी ने उसकी पड़ताल के बाद पाया कि यह शिकायत राजनीति से प्रेरित है। इसलिए उन्होंने इसमें आगे जांच के आदेश नहीं दिए, लेकिन नए उपराज्यपाल ने इस एक साल पुरानी शिकायत को फिर उठाकर एसीबी को जांच के लिए सौंप दिया है। उन्होंने कहा कि हम जांच से नहीं डरते, लेकिन उपराज्यपाल इसके लिए निर्धारित प्रक्रिया का पालन करें।

उन्होंने कहा कि ‘भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम’ के सितम्बर 2021 के तात्कालिक एसओपी के अनुसार, किसी भी अधिकारी के खिलाफ जांच करने का आदेश देने के लिए राज्य सरकार की मंजूरी जरुरी होती है, लेकिन नए उपराज्यपाल ने इसका उल्लंघन करते हुए बिना राज्य सरकार की मंजूरी लिए यह केस एसीबी को सौंप दिया है। इसका सीधा मतलब है कि भाजपा के नेताओं की झूठी शिकायतों द्वारा दिल्ली में काम रुकवाने की कोशिश की जा रही है या फिर उपराज्यपाल किसी प्रक्रिया का पालन किए बिना काम करना चाहते है।

डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने सवाल करते हुए कहा कि क्यों नए एलजी पिछले एलजी के निर्णय को गलत मान रहे हैं और ‘भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम’ के नियमों का पालन न करते हुए एसीबी को जांच के आदेश दे रहे है, वह भी भाजपा के इशारों पर। इस बाबत उन्होंने उपराज्यपाल को पत्र भी लिखा है और कहा है कि यदि उपराज्यपाल को दिल्ली में भ्रष्टाचार रोकना है, तो वो भाजपा के नेताओं की जगह आम जनता से शिकायतें मांगे और देखे कि कैसे एमसीडी, दिल्ली पुलिस और डीडीए ऊपर से नीचे तक भ्रष्टाचार से लिप्त हैं। उन्होंने कहा कि एलजी साहब दिल्ली सरकार के विभागों की भी जांच करवा सकते है। हम इसमें उनके साथ खड़े है, लेकिन वो भाजपा के नेताओं के फर्जी शिकायतों की राजनीति में आकर दिल्ली की जनता के लिए हो रहे काम न रुकवाएं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के बेंच ने उपराज्यपाल व सरकार दोनों को साथ मिलकर काम करने के लिए कहा है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि भाजपा के नेता काम रुकवाने आएं, तो कानूनों को दरकिनार करें।

मनोज तिवारी ने मनीष सिसोदिया पर फौरन किया पलटवार-देखिये

भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा है की यह दुर्भाग्यपूर्ण है की उप मुख्य मंत्री मनीष सिसोदिया अस्थाई अस्पतालों के निर्माण के मामले में अपनी सरकार के भ्रष्टाचार को छुपाने के लियें ओछी पत्र बाजी कर रहे हैं जबकि न्यायलय भी इसकी जांच के आदेश किये हैं।

यह दुखद है की जनता एवं न्यायालय की जांच का जवाब देने के मनीष सिसोदिया लोगों को भ्रमित करने में लगे हैं। मामले की जांच के आदेश न्यायालय ने किये हैं और सिसोदिया उपराज्यपाल को पत्र लिख भ्रमित कर रहे हैं।

श्री तिवारी ने कहा है की हमने अस्थाई अस्पताल निर्माण पर जो आरोप लगाये हैं वह तथ्यों पर आधारित हैं, हमें लगता सिसोदिया इनका जवाब देते हुऐ कुछ वैकल्पिक तथ्यों के आधार पर बात करेंगे पर वह केवल झूठ एवं भ्रम फैलाने दिखे।

सिसोदिया ने कहा की उन्होने मुझ पर मानहानि का केस किया पर यह छुपा गये की माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने उस केस पर रोक लगा दी है। इसके कारण उन पर न्यायालय की मानहानि का मामला बन सकता है।

सांसद तिवारी ने कहा अरविंद केजरीवाल विडिओ क्लिप के आधार पर भ्रष्ट लोगों पर कार्रवाई की बात करते थे पर आज सिसोदिया कानूनी दाव पेंच खेल जांच से बचना चाहते हैं।
हम उप मुख्यमंत्री से जानना चाहते हैं अस्थाई अस्पतालों के निर्माण के लियें अवंटित रूपए 1256 करोड़ का क्या हुआ।

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