हाई कोर्ट के करंट से डरी AAP महापौर ने MCD स्थाई समिति के पुनः चुनाव की मानी मांग

स्टैंडिंग कमेटी के छह सदस्यों के चुनाव को रद्द किए जाने की मांग को लेकर भारतीय जनता पार्टी के निगम पार्षद शरद कपूर ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। कोर्ट इस मामले की सुनवाई 27 तारिख को करेगी

संदीप शर्मा

दिल्ली नगर निगम के चल रही उठापटक में एक दिलचस्प घटनाक्रम में आम आदमी पार्टी ने स्टेंडिंग कमेटी के चुनाव को पुनः करवाये जाने की भाजपा पार्षदों की मांग को मान लिया और आज ये चुनाव प्रक्रिया पूरी भी हो गई। स्थाई समिती के 6 सदस्यों के चुनाव के बाद मतपत्रो की गणना का काम चल रहा है

शुक्रवार को बैठक की कार्रवाई पुनः प्रारंभ हुई और आम महापौर ने स्टैंडिंग कमेटी के चुनावों को दुबारा करवाने की मांग को आसानी से मान लिया ? सवाल इसलिए पैदा होता है कि क्योकि भारतीय जनता पार्टी की मांग को इतनी आसानी से महापौर शैली ओबरॉय ने कैसे मान लिया ?

दरअसल भाजपा निगम पार्षद शरद कपूर ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा कर स्टैंडिंग कमेटी के चुनावों को रद्द करने की मांग की है। बुधवार पूरी रात जमकर
सियासी ड्रामे की तस्वीरें सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही हैं। हमारे चुने माननीयों द्वारा मारपीट करने,थप्पड़ कांड,पानी की बोतल एक दूसरे पर उछालने,माइक -पोडियम तोड़ने की तस्वीरें देखकर दिल्ली के हर बाशिंदे का सीना फक्र से चौड़ा हो रहा है। कितने सभ्य हैं हमारे जनप्रतिनिधि।

BJP पार्षद शरद कपूर कोर्ट पहुंच गए, कहा मतदान की प्रक्रिया में गोपनीयता के नियमों की अवहेलना हुई है लिहाजा चुनाव को रद्द कर दिया जाए। आज याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट से इस पर तुरंत सुनवाई किए जाने की मांग की ।

आम आदमी पार्टी को यह एहसास जल्दी हो गया कि कहीं ऐसा ना हो कि उनको भारतीय जनता पार्टी की तरह मुँह की खानी पड़े । जो भद्द भाजपा की पिटी वो कहीं उसकी भी न पिटे। लिहाज़ा समय रहते आप आलाकमान ने महापौर चुनी गई शैली ओबेरॉय को इस सबंध में संकेत दे दिए।

गौरतलब है कि मनोनीत निगम पार्षदों के महापौर, उपमहापौर व स्थायी समिति चुनाव में मतदान किए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट से भाजपा को झटका लग चुका है। भाजपा जबरदस्ती दिल्ली नगर निगम के कानून व संविधान को ताक पर रखकर मनमाने तरीके से मनोनीत पार्षदों के मतदान के मामले पर अड़ंगा लगाए हुए थी इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी की चुनी गई महापौर शैली ओबरॉय ने सुप्रीम कोर्ट से 24 घण्टे में चुनाव करवाने का आदेश जिस तरह लेकर आई वो सबके सामने है और भाजपा के लिए सबक भी है कि हर जगह बेवजह टांग अड़ाने से नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।

ऐसे में आम आदमी पार्टी अगर बुधवार को हुई चुनाव प्रक्रिया को रद्द न करने करती और पुनः चुनाव न कराती तो AAP को भी हाई कोर्ट के करंट का झटका झेलना पड़ता। शायद यही वजह रही होगी की आम आदमी पार्टी से चुनी गई महापौर शैली ओबराय ने भारतीय जनता पार्टी के निगम पार्षदों की मांग को आसानी से मान लिया और चुनाव दोबारा करवाने की इजाजत दी। वहीं निगम प्रशासन ने भी पुनः मतदान करवाये जाने को लेकर अपना मत स्पश्ट कर दिया था।

बुधवार को स्थायी समिति के चुनाव को रद्द करने व पुनः नए सिरे से चुनाव की मांग को लेकर भाजपा पार्षद ने वीरवार यानि 23 तारीख को दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका लगाई । आज कोर्ट में याचिका कर्ता के वकील ने मामले पर फौरन सुनवाई की गुहार लगाई। अब कोर्ट इस मुद्दे पर सोमवार 27 तारीख को सुनवाई करेगा। इसी दौरान कल तक दूबारा चुनाव न करवाने की बात कहने वाली AAP ने आज यू-टर्न ले लिया और स्थाई समिति चुनाव की प्रक्रिया दोबारा से शुरू की

इस मामले को मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा की बेंच के सामने वरिष्ठ अधिवक्ता कीर्ति उप्पल ने भाजपा निगम पार्षद शरद कपूर की तरफ से पेश होकर कहा कि इसमें गुप्त मतदान के नियमों की अवहेलना हुई है लिहाजा इस मुद्दे पर फॉरेन सुनवाई की जाए इस मामले को सिंगल बेंच के न्यायाधीश पुष्पेंद्र कुमार गौरव के सामने रखा गया उन्होंने इसकी सुनवाई 27 तारीख निश्चित की है कपूर ने अपनी याचिका में कहा है कि 4 दिसंबर 2022 को वार्ड नंबर 140 अमर कॉलोनी के चुनाव हुए जिसमे याचिककर्ता विजयी हुआ है ।
इस याचिका में सुप्रीम कोर्ट द्वारा 17 फरवरी को एमसीडी के महापौर और उपमहापौर और स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों के चुनाव में मनोनीत पार्षदों के द्वारा मतदाना किए जाने को लेकर न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायाधीश पीएस नरसिमा और जे पी पारदीवाला ने 24 घंटे के अंदर महापौर उपमहापौर और स्थाई समिति के चुनाव पूरे कार्य कराए जाने की प्रक्रिया का आदेश दिया था
इस याचिका में कहा गया है कि कहा गया है कि उच्चतम न्यायालय के दिशा निर्देशानुसार सम्पन हुआ। इस चुनाव में महापौर के रूप में शैली ओबरॉय और उपमहापौर के लिए आले मोहम्मद का 22 फरवरी का चुनाव गुप्त मतदान की तय प्रक्रिया से किया गया । महापौर चुने जाने के बाद शैली ओबरॉय ने 6 स्थाई समिति के सदस्य सदस्यों के लिए चुनाव की प्रक्रिया प्रारंभ की। याचिका में कहा गया है कि इसके बाद संवैधानिक रूप से तय किए गए गुप्त मतदान नियमों की प्रक्रिया में अवहेलना की गई है । सदस्यों को मतदान प्रक्रिया के दौरान मोबाइल ले जाने की इजाजत दी गई जोकि नियमों के मुताबिक गलत है। याचिका में कहा गया है कि इस मामले पर भारतीय जनता पार्टी के पार्षद कपूर ने अपनी आपत्ति दर्ज करवाई कि यह असंवैधानिक है गैरकानूनी है और निगम के तय नियमों के विरुद्ध है ।
याचिका में यह भी कहा गया है कि भाजपा पार्षदों ने महापौर शैली ओबरॉय थी पुनः चुनाव करवाने और इन चुनावों को रद्द करने की मांग की तब 50 से अधिक मतदान गैरकानूनी रूप से डाले जा चुके थे याचिका में यह भी कहा गया है कि महापौर से यह कहा कि वह निष्पक्ष रुप से चुनाव नहीं करवा रही है ।

याचिका में चुनावों को पुनः करवाए जाने की मांग की गई है और कहा गया है पर्याप्त मात्रा में मतपत्र द्वारा बिना किसी इलेक्ट्रॉनिक गजेट पर प्रतिबंध लगाकर चुनाव पुनः करवाए जाने के आदेश दिए जाएं।
कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई की 27 तारीख मुकर्रर की है। हालांकि आज स्थाई समिति के चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। और मतगणना पूरी हो चुकी है लेकिन कुछ तकनीकि कारणों से मामला उलझ गया है और महापौर ने पुनः मत गणना का आदेश दिया है । बहरहाल देखिए परिणाम कब तक आता है।

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