यमुना संसद: यमुना को बचाने के लिए उमड़ी दिल्ली-गोविंदाचार्य
दिल्ली में यमुना नदी को बचाने के लिए बुलाई गई यमुना संसद में रविवार सुह 6:30 बजे दिल्लीवासियों की भीड़ उमड़ी। इस मौके पर यमुना नदी की अविलता और निर्मलता के लिए दिल्ली के लोगों ने 22 किमी लंबी मानव श्रृंखला बनाई। खराब मौसम के बावजूद यमुना प्रेमी आईटीओ, वजीराबाद, कालिंदीकुंज, गीता कॉलोनी, पुराना उस्मानपुर गांव, निजामुद्दीन ब्रिज और डीएनडी के घाटों तक पहुंचे। इसमें सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के नेता, सामाजिक-धार्मिक संस्थाओं, व्यापारिक संगठन, ट्रांसपोर्ट एसोशिएशन, युवा संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। सबने मिलकर यमुना जी के साफ हो जाने तक यमुना संसद जारी रखने की हुंकार भरी।
दिल्ली-एनसीआर के पूरे समाज ने सरकार पर नदी की अविरलता सुनिश्चित करने का जन-दबाव बनाने का दावा करते हुए अपने लिए भी ऐसे पांच कदम उठाने का संकल्प लिया, जिसका यमुना की सेहत पर बेहतरीन असर पड़ेगा।
माता ललिता देवी सेवाश्रम की जनसंवाद कायम करने की अनूठी पहल लोक संसद के तीसरे चैप्टर के तौर पर यमुना संसद का रविवार सुबह करीब 6:30 बजे आयोजन हुआ। इसमें वजीराबाद से कालिंदी कुंज के बीच के 22 किमी हिस्से में लोगों ने मानव श्रृंखला बनाई गई। यह यमुना का वही हिस्सा है, जहां वह सबसे ज्यादा प्रदूषित है। दिलचस्प यह कि इस दौरान यमुना में अतिरिक्त पानी पीछे से छोड़ा गया है, इससे नदी में बहाव है।
इस पर बोलते हुए यमुना संसद के संयोजक रविशंकर तिवारी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि यह यमुना संसद की पहली बड़ी जीत है कि आईटीओ घाट पर जहां अभी एक दिन पहले झाग ही झाग था, और प्रवाह भी धीमा था, अतिरिक्त पानी आने से आज वह सब कुछ गायब है। यमुना जी की इस तस्वीर को स्थाई तौर पर बनाए रखने के लिए यमुना संसद सरकार से संवाद कायम करने को तैयार है। दूसरी तरफ पूरे समाज ने भी शपथ लेने के साथ अपने लिए पांच कदम उठाने का संकल्प भी लिया हे। समाज और राज के साथ चलने से ही बेहतर रास्ता निकल सकता है।
यमुना संसद के संरक्षक केएन गोविंदाचार्य ने कहा कि दुनियाभर में नदियों के किनारे ही बड़ी-बड़ी सभ्यताओं का विकास हुआ। दीगर बात यह कि सभी शहरों ने अपनी दहलीज पर बहती नदियों की कद्र नहीं की। दिल्ली की हालत तो और भी बदतर है। मानव श्रृंखला से लोगों को यमुना के तट पर लाकर इस बात का गहरे तक अहसास कराना था कि हमने अपनी नदी की हालत क्या की है। और जिस तरह का उत्साह यहां दिख रहा है, उससे साबित होता है कि बात लोगों के दिल तक पहुंची है।
रोटी बैंक के संस्थापक राजकुमार भाटिया ने कहा कि यमुना जी के इतिहास के पन्नों में आज का दिन महत्वपूर्ण है। त्रस्त यमुना ने आज प्यासी आंखों से अपनी पुत्रियों व पुत्रों को देखा है। संकल्प से ओतप्रोत दिल्ली वासियों ने अविरल प्रवाह की आस जगाई है। और आने वाले दिनों में अविरल व निर्मल यमुना दिल्ली में हकीकत बनेगी।
आयोजन बेशक सुबह का था, लेकिन यमुना जी के तटों पर लोगों का आना समय से पहले हुआ। तट पर पहुंचे हर यमुना प्रेमी के चेहरे पर उत्साह दिखा। प्रमुख भागीदारों में अखिल भारतीय विश्व गायत्री परिवार, निरंकारी समाज, दिल्ली, हरियाणा व पंजाब तक का नामधारी समाज, ईश्वरीय ब्रम्हाकुमारी प्रजापति, दिल्ली सिख गुरूद्वारा प्रबंध कमेटी, इस्कॉन, फतेहपुरी मसजिद के इमाम समेत सभी धार्मिक संस्थाओं और 1,800 से ज्यादा सामाजिक, स्वयंसेवी, व्यापारिक संस्थाओं, दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन, ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन, दिल्ली विश्वविद्यालय के तमाम कालेज के प्रिंसिपल व प्रोफेसर अपने बच्चों के साथ पहुंचे। वहीं,एक्शन कमेटी ऑफ रिकॉग्नाइज प्राइवेट स्कूल दिल्ली, स्वाभिमान देश का, दिल्ली पंचायत संघ, सदर बाजार व चांदनी चौक के व्यापारिक संगठनों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
दिलचस्प यह कि इसमें सत्ता पक्ष, विपक्ष समेत भारी संख्या में आम लोग शामिल हुए। इसमें दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय, सौरभ भारद्वाज, नेता प्रतिपक्ष रामबीर सिंह बिधूड़ी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा, दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष सोमनाथ भारती प्रमुख थे। सबने हाथ से हाथ मिलाकर यमुना जी को बचाने की बात कही है। वहीं, आईआईटी पूर्व छात्र परिषद के अध्यक्ष रवि शर्मा, रानी लक्ष्मीबाई कॉलेज प्रत्सला के प्राचार्य, जल जन जोड़ो अभियान के संयोजक संजय सिंह,संतूर वादक अभय रुस्तुम सोपोरी, युवा हल्ला बोल के अनुपम,समाज सेवी अजीत सिंह, अरूण सिंह सचिन गुप्ता समेत बड़ी संख्या में सामाजिक सख्शियतें मौजूद रहीं।