भाजपा में राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा की उपस्थिति में आज शामिल होंगे दिल्ली की सियासत के बड़े सिख चेहरे
संदीप शर्मा
लोकसभा चुनाव के चलते सियासी दलों में नेताओं का पर्यटन जोरो पर चल रहा है । जहां नेता एक दल से दूसरे दल में आ जा रहे हैं,वहीं सियासी दलों में विभिन्न प्रभावशाली समुदायों की अहम शख्सियतों को अपनी पार्टी में शामिल करने का सिलसिला भी जोरो से चल रहा है । भाजपा के दीन दयाल उपाध्याय स्थित राष्टीय कार्यलय विस्तार में पार्टी में कल 11 बजे राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा सिख समुदाय के कुछ महत्वपूर्ण लोगो को पार्टी में शामिल करेंगे ।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक भाजपा के राष्ट्रीय सचिव मनजिंदर सिंह सिरसा दिल्ली के सिख नेताओं को भाजपा में शामिल करवाने में मुख्य सूत्रधार की भूमिका निभा रहे हैं । भाजपा में शामिल होने जा रहे इन सिख नेताओं का संबंध दिल्ली की सिख सियासत से बताया जा रहा है । बतादें की दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी राजधानी में सिखों की सर्वोच्च संस्था है और शामिल होने जा रहे सिख नेताओं का संबंध DSGMC से बताया जा रहा है । वैसे भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा भी DSGMC कमेटी के अध्यक्ष व महासचिव पद पर रह चुके हैं। लिहाज़ा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सत्ता पक्ष व विपक्ष के नेताओं से उनके पुराने संबंध हैं ।
भाजपा दिल्ली से लेकर पंजाब तक सिख व पंजाबी समुदाय में अपनी पैठ मजबूत करने की भरसक कोशिश कर रही है । पंजाब में भी भाजपा ने अकाली दल के साथ गठबंधन को दरकिनार कर अकेले लोकसभा चुनाव में उतरने का फ़ैसला बताता है कि पार्टी की रणनीति दूरगामी है । अभी बीते हफ्ते ही पंजाब कांग्रेस के नेता तजिंदर पाल सिंह बिट्टू और करमजीत कौर चौधरी कांग्रेस नेतृत्व से असंतोष का हवाला देते हुए लोकसभा चुनाव से पहले नई दिल्ली में भाजपा में शामिल हो गए। तजिंदर पाल सिंह बिट्टू कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव थे जबकि संतोख सिंह चौधरी की पत्नी श्रीमती चौधरी ने पिछले साल अपने पति, जो सांसद थे, की मृत्यु के बाद जालंधर में लोकसभा उपचुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था । वहीं पंजाब से उपचुनाव जीते AAP के इकलौते सांसद रिंकू पहले ही कमल थाम चुके हैं ।
दिल्ली में कभी सिख व पंजाबी समुदाय का भाजपा को बड़ा समर्थन मिलता था, लेकिन हाल के कुछ वर्षों में पंजाबी समुदाय भाजपा से छिटकता गया । मदनलाल खुराना,केदारनाथ साहनी,वीके मल्होत्रा,ओमप्रकाश कोहली सरीखे नेताओं के वक्त कभी बीजेपी की तूती बोलती थी । पार्टी ने यही वजह है कि राष्ट्रीय नेतृत्व ने एक लंबे अरसे बाद दिल्ली प्रदेश की कमान वीरेंद्र सचदेवा को सौंपी है । पार्टी नेतृत्व को उनसे काफी उम्मीदें हैं। पंजाबी समुदाय को पार्टी से पुनः जोड़ना उनके लिए बड़ी चुनौती है । तो वहीं सचदेवा के लिए चुनौती मौजूदा लोकसभा व आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव परिणाम भी हैं और यही उनकी नेतृत्व क्षमता की परीक्षा भी माना जायेगा ।