भाजपा पूर्व विधायक पर पूर्व सैनिक की पत्नी के यौनशोषण का आरोप,मामला पहुंचा केंद्रीय मंत्री व हरियाणा के पूर्व सी.एम मनोहर लाल खट्टर के पास
हरियाणा में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी तापमान बढ़ता जा रहा है। इस बीच, केंद्र सरकार में ऊर्जा मंत्री और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री के दिल्ली आवास पर टिकट के दावेदारों की भीड़ उमड़ रही है। वहीं, एक अलग ही मुद्दे को लेकर पूर्व सैनिक गुरचरण सिंह अपनी पत्नी हरविंदर कौर (परिवर्तित नाम) के साथ मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मिलने पहुंचे।
गुरचरण सिंह का आरोप है कि भाजपा के हरियाणा की गुहला चीका विधानसभा सीट से पूर्व विधायक कुलवंत बाजीगर ने उनकी पत्नी का यौन शोषण किया और उनकी संपत्ति को भी धोखे से हड़प लिया। आरोप है कि साल 2007 में पूर्व विधायक ने धमका कर महिला से शारीरिक संबंध बनाए और उनके मकान पर भी कब्जा कर लिया। उनका कहना है कि यह मामला कोर्ट में चल रहा है और मीडिया में भी इसकी काफी चर्चा हो चुकी है। अब दबंग भाजपा नेता उनके परिवार को जान से मारने की धमकी दे रहा है ।
गुरचरण सिंह और उनका परिवार न्याय की मांग के लिए कोर्ट से लेकर सड़कों तक संघर्ष कर रहा है, और इलाके के कई लोग भी उनका समर्थन कर रहे हैं। इसी क्रम में आज ये दोनों पति पत्नी मनोहर लाल खट्टर से मिलने उनके लोधी एस्टेट आवास पर पहुंचे हैं ।
वहीं बतादे की हरियाणा विधानसभा चुनाव की पहली सूची भी बहुत जल्द जारी होने वाली है । पूर्व विधायक कुलवंत बाजीगर फिर से चुनावी टिकट के दावेदार हैं, हालांकि पिछली बार उनका टिकट काट दिया गया था। पीड़ित गुरचरण सिंह का कहना है कि अगर भाजपा ऐसे विवादित व्यक्ति को फिर से उम्मीदवार बनाती है, तो पार्टी की इस सीट से हार निश्चित है ।
हालांकि पूर्व विधायक कुलवंत बाजीगर ने मीडिया में अपने पर लगे इन आरोपों को लेनदेन का मामला बताते हुए खारिज किया है। उन्होंने कहा कि 2014 से 2019 के दौरान महिला से कोई संबंध नहीं रहा और इन आरोपों को राजनीतिक साजिश का हिस्सा बताया।
यह मामला चुनावी माहौल में भाजपा के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है, खासकर जब कुलवंत बाजीगर फिर से टिकट के दावेदार हैं। पार्टी को ऐसे आरोपों के साथ किसी व्यक्ति को टिकट देने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे न केवल सीट हारने का खतरा है, बल्कि पार्टी की छवि पर भी सवाल उठ सकते हैं
पार्टी के लिए महिलाओं के यौन शोषण के आरोपों से घिरे लोगों को टिकट देना बड़ा नुकसानदायक साबित हो सकता है। ऐसे में पार्टी को साफ छवि वाले लोगों को मौका देना चाहिए, क्योंकि हरियाणा में तीसरी बार सरकार बनाने की चुनौती पहले से ही बड़ी है। भाजपा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद तभी कर सकती है अगर बेदाग छवि वाले कार्यकर्ताओं को मौका दिया जाएगा । दागी चेहरों के सहारे पार्टी की हैट्रिक लगाने की मंशा पर पानी फिर सकता है