MCD शिक्षा विभाग की ट्रांसफ़र नीति में हो रहा भ्रष्टाचार मेयर साहिबा ने निगमायुक्त को पत्र लिखकर किया स्वीकार
संदीप शर्मा
दिल्ली नगर निगम की महापौर डॉ. शैली ओबेरॉय ने शिक्षा विभाग में हो रही ऑफ़लाइन ट्रांसफरों पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने निगम के आयुक्त को पत्र लिखते हुए शिक्षा विभाग में केवल ऑनलाइन ट्रांसफर नीति लागू करने का समर्थन किया है, ताकि भ्रष्टाचार पर लगाम लगाई जा सके। महापौर का कहना है कि ऑफ़लाइन ट्रांसफर होने से ऑनलाइन ट्रांसफर नीति का उद्देश्य ही खत्म हो जाता है और इससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है।
महापौर ओबेरॉय ने इस मामले की प्राथमिकता के आधार पर जाँच की मांग की है और एक स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करने की सिफारिश की है, ताकि शिक्षा विभाग का कार्यप्रणाली में सुधार हो सके। महापौर ने पत्र में साफ़ लिखा है कि यदि इस दिशा में तुरंत कदम नहीं उठाए गए तो भ्रष्टाचार पर नियंत्रण पाना मुश्किल हो जाएगा।
हालांकि, इस पत्र के निष्कर्ष में महापौर की भूमिका पर भी सवाल खड़े होते हैं। बतौर महापौर, डॉ. ओबेरॉय के पास निगम की शिक्षा नीतियों और प्रक्रियाओं में सुधार के लिए शक्ति और संसाधन हैं। सवाल उठता है कि अगर निगम में आम आदमी पार्टी की सत्ता है, तो क्या महापौर के तौर पर उनकी यह जिम्मेदारी नहीं बनती कि वह खुद इस समस्या का समाधान सुनिश्चित करें? केवल अधिकारियों को कटघरे में खड़ा करके वह अपनी जिम्मेदारी से कैसे बच सकती हैं ।
वैसे AAP पार्टी के संवैधानिक पदों पर बैठे ये तमाम नेता बड़ी होशियारी से अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ते दिखाई देते हैं । दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हों यां मौजूदा मुख्यमंत्री आतिशी अक्सर उपराज्यपाल व चीफ सेक्रेटरी को अपनी नाकामियों के लिए जिम्मेदार ठहराते हैं तो अगर मेयर साहिबा कमिश्नर को कटघरे में खड़ा कर रहीं हैं तो कौन से बड़ी बात है। एक तरह से देखा जाए तो महापौर द्वारा लिखा गया यह पत्र इस बात की स्वीकार्यता है कि AAP के शासनकाल में निगम के शिक्षा विभाग में ट्रांसफर नीति में जमकर भ्र्ष्टाचार हो रहा है ।