पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री विजय गोयल के नेतृत्व में लाल किले से फतेहपुरी मस्जिद तक संविधान सम्मान यात्रा आयोजित
संदीप शर्मा
पूर्व केंद्रीय मंत्री और गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति के उपाध्यक्ष विजय गोयल ने 25 नवंबर, 2024 को 76वें संविधान दिवस की पूर्व संध्या पर ऐतिहासिक लाल किले से भव्य संविधान सम्मान यात्रा का नेतृत्व किया। न्याय, समानता और संविधान की रक्षा के नारे लगाते हुए इस यात्रा में सैकड़ों लोगों ने भाग लिया। यात्रा का मुख्य आकर्षण संविधान की 8 फुट की प्रतिकृति थी, जिसे एक भव्य घोड़ा बग्घी पर रखा गया था। गोयल ने इस कार्यक्रम के दौरान संविधान की प्रतिकृति पर पुष्प अर्पित कर संविधान का सम्मान भी किया।
इस अवसर पर विजय गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सही कहा है कि संविधान की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है। संविधान सभी को समानता का अधिकार देता है, सभी के लिए न्याय और निष्पक्षता सुनिश्चित करता है।
गोयल ने कहा, “संविधान हमारे लोकतंत्र का आधार है और हमारे राष्ट्र की एकता का सूत्रधार है। यह यात्रा हमारे संविधान निर्माताओं की दूरदृष्टि को सम्मान स्वरूप है। इसके जरिए न्याय, समानता, स्वतंत्रता और बंधुत्व जैसे संवैधानिक मूल्यों को आज हम याद कर रहे हैं।”
गोयल ने 2010 में गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की एक अनूठी पहल को भी याद करते हुए कहा कि, “जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने गुजरात के सुरेंद्रनगर में संविधान के 60 वर्ष पूरे होने के अवसर पर ‘संविधान गौरव यात्रा’ का आयोजन किया था। इस यात्रा में संविधान की प्रतिकृति को एक हाथी पर रखा गया था, और यह शोभायात्रा शहर के विभिन्न हिस्सों से गुजरी थी। यह संविधान की भावना को सम्मानित करने का एक अनोखा और यादगार तरीका था।”
गोयल ने कहा, “महात्मा गांधी, जिनके आदर्श हमें आज भी प्रेरित करते हैं, अधिकारों और कर्तव्यों के अटूट संबंध पर विश्वास करते थे। वे अक्सर कहते थे कि जब हम अपने कर्तव्यों को ईमानदारी से निभाते हैं, तो हमारे अधिकारों की सुरक्षा स्वाभाविक रूप से सुनिश्चित हो जाती है। हमारे संविधान में भी बापू के इन्हीं विचारों का समावेश किया गया है।”
दिल्ली के पूर्व महापौर जय प्रकाश ने कहा कि जब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी है कोई हमारे संविधान के खिलाफ नहीं जा सकता। वे देश में समानता और न्याय के प्रतीक हैं।
यात्रा में बच्चों के मार्चिंग बैंड ने यात्रा में जीवंतता और मनमोहक आकर्षण पैदा किया। ढोल, बिगुल और झांझ पर उनकी जोशीली धुनों चाँदनी चौक क्षेत्र के लोगों में जोश भर दिया। लाल किले से फतेहपुरी मस्जिद तक के मार्ग पर लोगों ने पुष्पवर्षा कर और तालियाँ बजाकर यात्रा का स्वागत किया। यह यात्रा फतेहपुरी मस्जिद पर पँहुचकर सम्पन्न हुई।