श्री गुरु तेग बहादर साहिब सम्मान यात्रा गुरुद्वारा शीश गंज से हुई आरंभ
नई दिल्ली (6 जनवरी 2018): गुरुद्वारा शीशगंज साहिब से तख्त श्री केशगढ़ साहिब, आनंदपुर साहिब के लिए श्री गुरु तेग बहादर साहिब सम्मान यात्रा आज आरंभ हुई। यात्रा की शुरूआत करने से पहले सैंकड़ां कश्मीरी पंडितों ने गुरु साहिब को सिजदा करते हुए कश्मीर में अपने परिवारों के पुनर्वास की अरदास की। इस अवसर पर हुए संक्षिप्त कार्यक्रम में कमेटी अध्यक्ष मनजीत सिंह जी.के., महासचिव मनजिन्दर सिंह सिरसा, फिल्मी अदाकारा जयाप्रदा, प्रीती सप्रू, पंजाबी गायिका सतविन्दर सत्ती तथा वर्ल्ड पंजाबी संगठन के प्रमुख विक्रमजीत सिंह साहनी ने अपने विचार रखे।
जी.के. ने कहा कि गुरु तेग बहादर साहिब जैसी शहादत का इतिहास में कोई मुकाबला नहीं है क्योंकि गुरू साहिब ने दूसरे लोगों की आस्था को बचाने के लिए जुल्म से टक्कर ली थी। अपने धर्म तथा राज को बचाने के लिए हुए कई युद्धों के बारे में हमने सुना है। परन्तु गुरु साहिब की शहादत के बाद भी शहादतों का सिलसिला सिख कौम को बर्दाशत करना पड़ा। गुरु साहिब ने कश्मीरी पंडितों के जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए स्वयं को कुर्बान कर दिया। जिसको आज 342 वर्ष बाद भी कश्मीरी पंडित नतमस्तक होकर एहसानमंद होने का संदेश दे रहें हैं।
सिरसा ने बताया कि 1990 में कश्मीरी पंडितों ने ऐसी ही यात्रा निकाली थी। हमारा वजूद आज इन्हीं शहादतों के कारण ही सुरक्षित है। गुरु साहिब ने मानवता के लिए शहादत थी। गुरु साहिब को शहीद करने का फतवा सुनाने वालों के दर लाल किले पर आज कोई दीया जलाने नहीं जाता। परन्तु गुरु तेग बहादर साहिब के इस शहीदी स्थान पर लाखों संगतें नतमस्तक होती है। कश्मीरी पंडित जिस भावना तथा सोच के साथ यहां आयें हैं। हम उसका स्वागत करतें हैं।
प्रीती सप्रू ने यात्रा में सहयोग देने के लिए दिल्ली तथा शिरोमणी कमेटी का धन्यवाद करते हुए कहा कि कश्मीरी पंडित पूरे देश में सरबंसदानी लाईट एंड साऊंड शो के जरिये लोगों को गुरु साहिब की शहादत के बारे जानकारी देंगे। गुरु तेग बहादर साहिब प्रमात्मा की ज्योति थे, जिन्होंने मानवता पर हो रहे जुल्म के खिलाफ बड़े अवतार पुरुष की तरह अपनी शहादत देकर कश्मीरी पंडितों के धर्म की रक्षा की थी। जयाप्रदा ने गुरु साहिब की शहादत को धर्म की रक्षा के रूप में मिसाल बताते हुए शहीदी स्थान पर नतमस्तक होने के मिले मौके को सौभाग्य के तौर पर परिभाषित किया। जयाप्रदा ने सेविका बनकर धर्म रक्षा की इस मुहिम के प्रचार के लिए सेवा करने की पेशकश की।
सत्ती ने प्रीती सप्रू की मेहनत तथा लगन की प्रशंसा करते हुए कहा कि सम्मान यात्रा मानवता के लिए रास्ता बनाने की निशानदेही करेगी। क्योंकि आज भी कश्मीर में पंडितों के लिए काला दौर चरम पर है। गुरु साहिब द्वारा दी गई कुर्बानी व्यर्थ नहीं जायेगी। साहनी ने कश्मीरी पंडितों द्वारा दिखाई जा रही भावना को अच्छा कदम बताया। इस अवसर पर दिल्ली कमेटी सदस्य परमजीत सिंह चंढ़ोक, अमरजीत सिंह पिंकी, जतिन्दरपाल सिंह गोल्डी तथा हरविन्दर सिंह के.पी. मौजूद थे। कमेटी द्वारा जयाप्रदा, प्रीती सप्रू, सत्ती, फिल्म अदाकार रंजीत, गायक सुक्खी बराड़, निधि शर्मा तथा स्वामी कुमार जी महाराज को शाल भेंटकर सम्मानित किया गया।