तोगडिया की कुर्सी को खतरा ! पहली बार विश्व हिन्दु परिषद के अन्तराष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए होगा चुनाव
न्यू दिल्ली,न्यूज़ नॉलेज मास्टर(NKM),प्रवीण तोगडिया की कुर्सी पर खतरा मंड़राता दिखाई दे रहा है..वीएचपी यानी विश्व हिन्दु परिषद अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद के लिए पहली बार चुनाव कराने जा रहा है। दिलचस्प बात यह है कि इस चुनाव में मौजूदा विहिप के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया के भविष्य का फैसला होगा.. इस चुनाव की बड़ी वजह यह है कि विहिप के सदस्य दो लोगों के नाम पर आपसी सहमति से अंतिम फैसला नहीं ले सके। यह चुनाव 14 अप्रैल को गुरुग्राम में होगा। जिन लोगों उम्मीदवारों के नाम पर यह आम सहमति नहीं बन पाई है उनसे से एक हैदराबाद के राधव रेड्डी और दूसरे हिमाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल और मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के जज विष्णु सदाशिव कोकजे हैं।
पिछले कई वर्षों में हिन्दुत्व के फायर ब्रांड़ तोगड़िया लोगों के बीच काफी लोकप्रिय चेहरे के तौर पर जाने जाते रहे हैं लेकिन साथ ही मोदी से उनका अंदरखाते विरोध भी जग जाहिर रहा है… लेकिन हाल ही में केन्द्र में मोदी के सत्ता संभालने के बाद पहली बार जिस तरह से उन्होंने गुजरात सरकार और पुलिस पर सनसनीखेज आरोप लगाए थे और केन्द्र की मोदी सरकार की कार्यशैली पर सवाली उठाये उसके बाद उनका भविष्य भी दांव पर लगा दिखाई दे रहा था। तोगड़िया को लेकर सियासी जानकारों का मानना है कि तोगड़िया को लेकर अब विहिप में एकमत नहीं रह गया है। विहिप इस बात पर भी मंथन कर रहा है कि क्या अब तोगड़िया आरएसएस के हिंदुत्व एजेंडा को आगे ले जाने में सक्षम है। आपको बता दें कि विहिप में अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद चुनाव के आधार पर होता है, जबकि कार्यकारी अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष नामांकन प्रक्रिया से होता है, जिसे खुद अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनता है। गौर करने वाली बात यह है कि दोनों बार रेड्डी ने तोगड़िया के नाम को चुना है।
विहिप ने की पुष्टि विहिप के ज्वाइंट जनरल सेक्रेटरी सुरेंद्र जैन ने बताया कि 14 अप्रैल को गुरुग्राम में हम अपने अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए चुनाव कराने जा रहे हैं। यह चुनाव राघव रेड्डी बनाम कोकजे के बीच है, पिछली बार आम सहमति नहीं बन सकी थी, लिहाजा एक बार फिर से प्रक्रिया को पूरा करने के लिए हम मिलने जा रहे हैं।
प्रवीण तोगडिया ने कहा
मैं रेड्डी का समर्थन करुंगा, वह युवा हैं, हिंदुत्व के लिए समर्पित हैं और उन्हें अशोक सिंघल जी ने चुना था। अगर कोकजे चुने जाते हैं तो यह तय है कि मैं कैबिनेट में नहीं रहुंगा। जो व्यक्ति संवैधानिक पद पर रह चुका है वह कैसे धार्मिक-सामाजिक संगठन में पद के लिए सामने आ सकता है। वह 20 वर्ष पहले संवैधानिक पद से रिटायर हुए हैं, उन्होंने हिंदुत्व के लिए कुछ नहीं किया है, बावजूद इसके वह इस पद के लिए खड़े हो रहे हैं।