25 करोड़ में ड़ालमिया का हुआ दिल्ली का लाल किला
न्यू दिल्ली,न्यूज़ नॉलेज मास्टर(NKM),डालमिया ग्रुप भारत का पहला उद्योगिक घराना बन गया है जो किसी ऐतिहासिक विरासत को गोद लेगा । 77 साल पुराना डालमिया उधोग घराना अब अगले पांच साल तक भारत की ऐतिहासिक धरोहर लाल किले की देखरेख करेगा । इसके लिए केन्द्र सरकार से डालमिया ग्रुप का 25 करोड़ रुपये का अनुबंध हुआ है।इस बाबत डालमिया भारत ग्रुप का पर्यटन मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के साथ ने 9 अप्रैल को एक समझौता हुआ है.. डालमिया ग्रुप लाल किला को पर्यटकों के बीच लोकप्रिय बनाने के लिए उसे नए सिरे से विकसित करने के तौर-तरीकों पर विचार कर रहा है.
मुगल बादशाह शाहजहां ने लालकिले का 17वीं शताब्दी में निर्माण करवाया था.अंग्रेजों के भारत छोड़ने के बाद स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले पर हर साल 15 अगस्त को प्रधानमंत्री तिरंगा फहराते हैं और देश की आजादी का जश्न मनाया जाता हैं।प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर से हर स्वतंत्रता दिवस पर देश को संबोधित करते हैं। यह परम्परा देश की आज़ादी के बाद से चली आ रही है।
केन्द्र सरकार की ‘अडॉप्ट ए हेरिटेज’ नीति के तहत लिया गोद
डालमिया ग्रुप ने नरेंद्र मोदी सरकार की ‘अडॉप्ट ए हेरिटेज’ नीति के तहत इसे गोद लिया है. लाल किला को गोद लेने की होड़ में इंडिगो एयरलाइंस और जीएमआर ग्रुप जैसी दिग्गज कंपनियां भी शामिल थीं. लेकिन, डालमिया भारत ग्रुप ने इन्हें पछाड़ते हुए पांच साल के कांट्रैक्ट पर ऐतिहासिक इमारत को गोद लिया है…
डालमिया भारत ग्रुप के सीईओ महेंद्र सिंघी ने कहा कि लाल किला में 30 दिनों के अंदर काम शुरू कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा,
“लाल किला हमें शुरुआत में पांच वर्षों के लिए मिला है. कॉन्ट्रैक्ट को बाद में बढ़ाया भी जा सकता है. हर पर्यटक हमारे लिए एक कस्टमर होगा और इसे उसी तर्ज पर विकसित किया जाएगा. हमारी कोशिश होगी कि पर्यटक यहां सिर्फ. एक बार आकर ही न रुक जाएं, बल्कि बार-बार आएं”