MCD सदन की बैठक में AAP करने जा रही बड़ा खेल !निगम पार्षदों को नही मिला बैठक का एजेंडा,इस पार्षद ने किया डंडा

संदीप शर्मा,नई दिल्ली,24 अक्टूबर,न्यूज़ नॉलेज मास्टर (NKM) दिल्ली नगर निगम की 27 अक्टूबर को सदन की बैठक है । इस बैठक से पहले ही सत्तापक्ष आम आदमी पार्टी व विपक्ष में बैठी भाजपा में टकराव के आसार दिखाई दे रहें हैं । वैसे दोनों दलों में टकराव की कोई एक वजह नही है,यहां तो हर मुद्दे पर टकराव होना तय है ।

भाजपा निगम पार्षद अमित नागपाल ने निगम आयुक्त ज्ञानेश भारती को एक पत्र लिखकर आम आदमी पार्टी की महापौर शैली ओबेरॉय की शिकायत की है । नागपाल ने कहा कि

दिल्ली नगर निगम में आम आदमी पार्टी के राज में  27 अक्टूबर को MCD सदन होना है और जो एजेंडा 72 घंटे पहले सभी पार्षदों को मिल जाना चाहिए आज अभी 5:30 बजे तक भी किसी पार्षद को नहीं मिला 4:00 बजे मेरे द्वारा कमिश्नर और सेक्रेटरी को मेल भी की गई पर उसका भी अभी तक कोई जवाब नहीं मिला,वहीं हैरानगी है की आप पार्टी की मेयर क्यों नहीं एजेंडा देना चाहती क्यों पार्षदों को अंधेरे में रखना चाहती हैं हर बार यही होता है सदन चलने नहीं दिया जाता दिल्ली के मुद्दे रखने नहीं दिए जाते यह है आप पार्टी की नीति

इस पत्र में अमित नागपाल ने दिल्ली नगर निगम के नियमों का हवाला देते हुए कहा है कि सदन की बैठक से 72 घन्टे पहले हर पार्षद को एजेंडा मिल जाना यही नही किसी भी समान्य नागरिक भी इसे प्राप्त कर सकता है तांकि निगम कार्यवाही की प्रक्रिया पूर्णतः पारदर्शी बन सके ।

एजेंडा न देने के पीछे का खेल

आगामी 2024 में होने वाले लोकसभा व 2025 के विधानसभा चुनावों को लेकर श्रेय बटोरने का खेल का आगाज़ अभी से हो चुका है । अब आम आदमी पार्टी सफाई कर्मचारियों के मुद्दे के नियमतिकरण पर श्रेय बटोरने का खेल खेलने जा रही है । एमसीडी सदन की शुक्रवार को होने वाली बैठक में सफाई कर्मचारियों को पक्का करने का प्रस्ताव पेश किया जाएगा। दिवाली से पहले पांच हजार सफाई कर्मचारी नियमित किए जाएंगे।  इसे आप कर्मचारियों के दीपावली के तोहफा के रूप में प्रचारित और प्रसारित करेगी । अभी
अगस्त महीने में भी केजरीवाल ने 317 सफ़ाई कर्मचारियों को नियमतिकरण के सर्टिफिकेट बांटे थे ।केजरीवाल दिल्ली सरकार में तो अपनी जड़ें जमा ही चुके हैं अब दिल्ली नगर निगम में भी अपनी जड़ें  गहरी करने की कवायद में जुट चुके हैं ।

सफाई कर्मचारियों के प्रस्ताव में पुराने फैसलों से जुड़े तथ्यों का ज़िक्र

बतादें पेश के जाने वाले प्रस्ताव में निगम के पुराने फैसलों से जुड़े कुछ तथ्यों का जिक्र भी किया गया है जिसके मुताबिक पांच हजार सफाई कर्मचारियों के नियमितीकरण के प्रस्ताव के पास होने की तारीख से अब तक 583.10 करोड़ रुपये निगम पर बकाया हैं। सफाई कर्मियों के बढ़े वेतन, सेवानिवृत्ति लाभ के लंबित बकाए का भुगतान एमसीडी ने नहीं किया है ।प्रस्ताव के मुताबिक, पूर्ववर्ती ईडीएमसी ने 18 अप्रैल 2013 को सदन में 5000 सफाई कर्मचारियों के पदों के सृजन का प्रस्ताव पास किया था और एक अप्रैल 1996 से 31 मार्च 1998 के दौरान भर्ती सफाई कर्मचारियों को एक अप्रैल 2013 से नियमित करने की अनुमति दी गई थीबाद में ईडीएमसी ने 13 दिसंबर 2014 को एक और प्रस्ताव पारित किया, जिसमें कहा गया कि सफाई कर्मचारियों के नियमितीकरण की तारीख एक अप्रैल 2013 की जगह एक अप्रैल 2004 कर दी गई है, लेकिन निगम की वित्तीय स्थिति लगातार खराब होने के कारण कर्मियों को नियमित नहीं किया गया।

गौरतलब है कि सफाई कर्मचारी पक्की नौकरी के लिए आए दिन निगम से मांग करते हैं। समय समय पर सफाई कर्मचारियों की अलग अलग यूनियन इस पर प्रदर्शन करती हुई भी नजर आती हैं। आम आदमी पार्टी ने भी निगम चुनाव से पूर्व गारंटी दी थी कि  निगम की सत्ता में आने पर इन कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा ।

स्टैंडिंग कमेटी के न चलते अधर में लटका दिल्ली का विकास

फिलहाल, एमसीडी के एकीकरण और इसके चुनाव को करीब दस महीने बीत चुके है। पूरे नाटकीय घटनाक्रम के बाद मेयर का चुनाव हो गया लेकिन  एमसीडी की स्टैंडिंग कमेटी अब तक नहीं बनी। जिसके चलते दिल्ली नगर निगम से जुड़े विकास कार्यों से संबंधित आर्थिक व कानूनी फैसले नहीं हो पा रहे।

मीट की दुकानों पर भी सदन में प्रस्ताव

दिल्ली नगर निगम में मीट की दुकानों से संबंधित नया प्रस्ताव लाया जा रहा है । नए प्रस्ताव में जो नियम हैं वो उन दुकानों पर लागू नहीं होंगे, जो पहले से ही नियमों के मुताबिक चल रही हैं. नई नीति पूर्व के दक्षिण दिल्ली नगर निगम में तय नीति पर आधारित हैं.

मीट की दुकानों के लिए लाइसेंस अनिवार्य

दिल्ली नगर निगम अधिनियम की धारा 415 के तहत किसी भी मांस की दुकान या मीट प्रोसेसिंग प्लांट खोलने से पहले एमसीडी से लाइसेंस लेना जरूरी है..खुले में और धार्मिक स्थलों के आस पास मांस बेचने को लेकर कई बार बवाल मच चुका है. मांस की दुकानों की दूरी धार्मिक प्रबंधन की सहमति से तय की जाएगी.एमसीडी (Delhi MCD) के नए प्रस्ताव में मांस की दुकानों के बीच की दूरी धार्मिक प्रबंधन समिति की सहमति से तय की जाएगी. बतादें कि धार्मिक स्थलों में मंदिर, गुरुद्वारा, श्मशान और कब्रिस्तान व अन्य स्थान शामिल हैं..वहीं सुअर मास की दुकानों व मस्जिद में दूरी भी मस्जिद प्रबंधन समिति की सहमति से तय की जाएगी । वहीं मांस की दुकानों का लाइसेंस पाने के लिए उसके शुल्क में भी इजाफा किया जा सकता है.

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