मजदूरों के नाम पर केजरीवाल सरकार की मिलीभगत से करोडो डकार के गए AAP कार्यकर्ता ! BMS ने की केंद्रीय श्रम मंत्री से मुलाकात कर कर दी यह मांग
सरकार योजनाएं तो गरीबों के लिए बनाती है लेकिन इन योजनाओं का लाभ उनके नाम पर कुछ और लोग उड़ा ले जाते हैं । यह कमाल सब सरकारी तंत्र की मिलीभगत से ही संभव होता है। जब सैंया भये कोतवाल तो डर काहे का। देश की राजधानी दिल्ली में भी मज़दूरों के कल्याण के नाम पर करोड़ों के घोटाले के मुद्दे पर भारतीय मजदूर संघ (BMS) के एक प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेन्द्र यादव से मुलाकात की व एक शिकायत पत्र भी सौंपा।
इस पत्र के माध्यम से दिल्ली प्रदेश BMS महामंत्री डॉ दीपेंद्र चाहर ने दिल्ली बोर्ड एंड अदर कंस्ट्रक्शन वर्क्स वेलफ़ेयर बोर्ड के फर्जीवाड़े पर केंद्रीय मंत्री का ध्यानाकर्षण किया है व वित्तिय अनियमितताओं की जांच व कानून सम्मत कार्रवाई की मांग की है ।
गौरतलब है कि BMS ने अपने पत्र में बताया है कि दिल्ली सरकार के DBAC बोर्ड के अंतर्गत 17 लाख मज़दूर पंजीकृत है। केजरीवाल सरकार के अंतर्गत आने वाले इस बोर्ड ने विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के नाम पर मजदूरों को 900 करोड़ों रुपए आवंटित किए हैं। मज़दूरों के नाम पर आबंटित धन राशि में घपला और घोटाला किया गया है।
मज़दूरों के नाम पर आम आदमी के हकों की लूटने वाला कोई और नही आम आदमी पार्टी की सरकार है। आम आदमी को दिए जाने वाली धनराशि को आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर लुटाया जा रहा है हैरत की बात तो यह है कि जिन आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं को मजदूर बनाकर पैसा बांटा जा रहा है । उनमें से बहुत सारे लोग तो एमटेक और बीटेक डिग्री धारी है ।
विनिर्माण क्षेत्र में मजदूरों के नाम पर होने वाली अनियमितताओं के मुद्दे पर भारतीय मजदूर संघ ने केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव से मुलाकात करके एक पत्र सौंपा । जिसमे बीएमएस ने दिल्ली बिल्डिंग एंड अदर कंस्ट्रक्शन वेलफेयर बोर्ड़ में होने वाली धांधली के मुद्दे पर श्रम मंत्री का ध्यान आकर्षित किया । बीएमएस ने कहा कि इसके अंतर्गत दिल्ली सरकार 900 करोड रुपए पंजीकृत कर्मियों को विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के तहत वितरित कर चुकी है लेकिन उन्हें यह विश्वस्त सूत्रों के द्वारा जानकारी मिली है कि इन पंजीकृत मजदूरों में से आधे मजदूर का विनिर्माण क्षेत्र से कोई लेना-देना नहीं है बल्कि यह स्थानीय विधायक के द्वारा आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं का इसमें पंजीकरण किया गया है। यह न केवल मजदूरों के साथ अन्याय हैं बल्कि फंड का दुरुपयोग भी है।
भारतीय मजदूर संघ ने कहा दिल्ली एंटी करप्शन ब्यूरो ने 800 कर्मचारियों का सेम्पल निरीक्षण किया जिसमें पाया की जिसमे 424 पंजीकृत लोग M.Tech व M.Com डिग्री धारी है जिनका विनिर्माण क्षेत्र से दूर दूर तक कोई लेना-देना नहीं है । यही नही बल्कि ये ऐसे लोग हैं जो आम आदमी पार्टी के पूर्णकालिक कार्यकर्ता है ।
बतादें कि इस मुद्दे पर भाजपा भी दिल्ली सरकार को घेर चुकी है।