गहरी नींद में बिहार की नीतीश सरकार,गुंडों के सामने पुलिस लाचार,इंसाफ मांग रहा पत्रकार

संदीप शर्मा

बिहार में नीतीश बाबू की सरकार है और कानून व्यवस्था लाचार है । बिहार में लालू राज में भी जंगल राज था और आज उनके तेजस्वी बिटुआ व नीतीश बाबू के समय भी जंगल राज है ।  दरभंगा जिले में दबंगों का आतंक इस कदर है कि पुलिस किस चिड़िया का नाम है, बदमाशों को पता नही । लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहे जाने वाले पत्रकार की ही अगर कहीं सुनवाई न हो तो फिर आम आदमी की क्या बात करें,जो मुसीबत पड़ने पर बड़ी उम्मीद से मीडिया का चेहरा ताकता है । गुंडाराज का यह आलम है कि प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया पूर्व सेक्रेटरी जनरल नदीम काजमी की जान पर खतरा मंडरा रहा है

बेख़ौफ़ दबंग नदीम काज़मी पर दो बार जानलेवा हमला कर चुके हैं ।यदि समय रहते पुलिस प्रशासन ने दबंगो के खिलाफ उचित कार्रवाई नहीं की तो यह मामला गंभीर रूप ले सकता है और कल कुछ भी घटित हो सकता है । पहले तो पुलिस प्राथमिकी दर्ज के लिए ही तैयार नहीं थीं हालांकि काफी प्रयास के बाद स्थानीय पुलिस ने प्राथमिक रिपोर्ट तो दर्ज कर ली है, लेकिन नदीम और उसके परिवार को सुरक्षा अभी तक नहीं मिल सकी है जिसकी वजह से पूरा परिवार दहशत के साये में है। नदीम ने सुरक्षा की मांग की है ताकि उनकी जान माल की सुरक्षा हो सके।

वरिष्ठ पत्रकार नदीम अहमद काज़मी ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में कहा कि 18 दिसंबर को दिन 12 बजकर 16 मिनट पर मेरा ग्रामीण निवासी बटोहिया, पिता कल्लू मेरे घर पर आए तथा मरे भाई नेहाल परवेज के मोबाइल से मुझे काल करके धमकी दी। कॉल के समय मैं घर पर नहीं था। उसने कॉल करके बोला कि तुम बबन की हत्या वाले केस में पंचनामा पर गवाह थे तथा उसकी मदद की है तथा उस केस में 5 लोग जेल में है। तुम अपनी हरकत से बाज आ जाओ नहीं तो तुम्हारा भी अंजाम बबन जैसा होगा। उसके बाद फोन काट दिया। उसी दिन शाम 7 बजकर  30 मिनट पर जब मैं बाजार से घर वापस आ रहा था। आते समय अचानक मौ. फैजान पुत्र गुफरान, बटोहिया पुत्र कल्लु, मो. एहसान पुत्र मो. गुफरान, मो. शादाब पुत्र मो. रफीक, चिस्ती पुत्र स्व. नसीम, न्युटन पुत्र हीरा और कुछ अज्ञात लोग जो सभी सोभन, जिला दरभंगा के स्थायी निवासी हैं। ये सभी पिस्टल एवं अन्य हथियार से लैस होकर मेरे घार के बाहर रोड पर आ गए और आते ही कहने  लगे कि आज साले को जान से मारकर घर लूट लेंगे। जान जाने के डर से रोड से भाग घर में आ गया और दरवाजा बंद कर लिया। उसके बाद हथियारबंद बदमाशों ने घर के दरवाजे को तोड़ने की कोशिश की और कुछ लोग दीवार कूद कर घर घुसे और उत्पात मचाने लगे। उस वक्त बदमाशों ने पिस्टल से फायर किया तथा दरवाजे से बाहर आकर शादाब ने मेरे तरफ फायर किया तो मैंने किसी तरह अपनी जान बचाई। इस बीच परिवार के लोग छत पर चढ़कर हल्ला करने  लगे। जिस पर बहुत सारे ग्रामीण जमा होने लगे। लोगों को देख बदमाश भाग गए। इसके बाद पीड़ित वरिष्ठ पत्रकार ने अपने मोबाइल से थाना पुलिस और पुलिस अधीक्षक को जानकारी दी। जिस पर पुलिस आई लेकिन पुलिस के जाने के बाद फिर रात को बदमाश आए और घर के दरवाजे को पीटने लगे और घर में कोशिश करने लगे। वरिष्ठ पत्रकार नदीम ने कहा कि वह काफी भयभीत हैं और उन्होंने पुलिस से कानूनी कार्रवाई की मांग करने के साथ खुद की और अपने परिवार की सुरक्षा की मांग की। वरिष्ठ पत्रकार नदीम काजमी ने आज बताया कि उनकी शिकायत पर तीन बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। और अब कार्रवाई का इंतजार है। वहीं  उन्होंने कहा कि उनकी जान को खतरा है इसलिए वह कल एसपी से मिलकर अपनी व परिवार की सुरक्षा की मांग करेंगे।

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