BMS ने कतर में प्रवासी कामगारों के मानवीय अधिकारों के उल्लंघन पर जताई चिंता
संदीप शर्मा
न्यूज़ नॉलेज मास्टर NKM NEWS, भारतीय नागरिक रोजगार के लिए खाड़ी देशों का रुख कर रहे है लेकिन खाड़ी देशों में काम करने वाले भारतीयों की स्थिति काफी चिंताजनक है। भारतीय मजदूर संघ यानि बीएमएस भारत का सबसे बड़ा केंद्रीय ट्रेड यूनियन होने के नाते मानव अधिकारों से गहरा संबंध रखता है लिहाज़ा भारतीय नागरिकों के मानवीय अधिकारों के हनन के मुद्दे पर अपनी चिंता व्यक्त की है । भारतीय मजदूर संघ के राष्ट्रीय महासचिव विनय सिन्हा ने खाड़ी देशों में काम करने वाले भारतीय नागरिकों को लेकर एक जारी प्रेस विज्ञप्ति में अपनी चिंताएं जाहिर की है।
कतर में प्रवासी कामगारों, विशेषकर भारतीयों के अधिकारों का उल्लंघन। कई मानवाधिकार पर नज़र रखने वाली संस्थाओं ने हाल ही में कतर में भारतीय कामगारों की गुलाम जैसी काम करने की स्थिति की सूचना दी है । फीफा विश्व कप की मेजबानी करने जा रहे खड़ी देश के संबंध में यह ध्यान रखना जरूरी है कि 2014 से अब तक इस देश में 1611 भारतीय प्रवासियों की मौत हो चुकी है । वहीं मृतकों के अवशेषों की घर वापस के लिए परिवारों को लम्बे समय का इंतजार करना पड़ा।
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काफला प्रणाली ने भारत के साथ-साथ अन्य दक्षिणी एशियाई के श्रमिकों के लिए गंभीर चिन्ताएं पैदा की हैं।
कतर में एशियाई देशों के नागरिकों के पासपोर्ट की जब्ती, ओवरटाइम का काम, यहां तक कि कैदियों जैसी स्थिति, तंग आवास, यौन शोषण, जबरन काम करवाना श्रमिकों के लिए बड़ी मानसिक पीड़ा का कारण रहा है।
जेनेवा में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय श्रम सम्मेलन के 110वें सत्र में बीएमएस प्रतिनिधि 27 मई से 11 जून 2022 के दौरान सरकार और ट्रेड यूनियन के सामने इस मुद्दे को उठा चुके हैं। वहीं कतर के राजदूत से बीएमएस ने इस मामले में विरोध दर्ज कराया है । भारत में भी BMS ने श्रम मंत्रालय और विदेश मंत्रालय, भारत सरकार से इन मुद्दों पर ध्यान देने मांग की है
● कतर में सभी भारतीय कामगार के मानवाधिकारों का सम्मान किया जाने को सुनिश्चित करे कि मृत्यु के मामले में, मृतक के अवशेषों को तुरंत भारत वापस ले जाया जाए और यह लागत कतर सरकार या HR कम्पनियों द्वारा वहन की जाए ।
● प्रभावित परिवार को मुआवजा देने व प्रवासन के किसी भी उल्लंघन के मामले में HR एजेंसियों से सख्ती से निपटा जाए
यदि कतर सरकार इन मोर्चों पर सकारात्मक कार्रवाई नहीं करती है तो BMS राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर पर इस मुद्दे को उठाएगी।