दधीचि देहदान समिति,वेस्ट जोन ने आयोजित किया देहदानियों का 44वाँ उत्सवब

रविवार को आर्मी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज,धोला कुआँ में सुबह 10 बजे से 12 बजे तक कार्यक्रम का आयोजन किया । इस कार्येकर्म का आयोजन 350 से अधिक देहदानियों, नेतरदानियो व अंग दानियो को प्रमाण पत्र , विल व सम्मान पत्रों के वितरण के साथ शुरू किया गया

कार्यक्रम का आगाज़ की प्रो कुलविंदर सिंह ने देहदान पर प्रेरक कविता से किया। कार्यक्रम में गीता जी ने मंत्रोचारण किया । दीप प्रज्वलन के बाद मुख़्य वक्ता NOTTO के डायरेक्टर डॉ रजनीश सहाय जी का स्वागत वक्तव्य हुआ जिसमें उन्होंने न केवल 35 वर्ष सफदरजंग हॉस्पिटल रहने के बाद कई प्रयासों के पश्चात असज देहदान का पत्र भर अलौकिक अनुभूति प्राप्त करने का अनुभव बताया बल्कि सरलता से उत्तमता का मार्ग बताया

आदरणीय शुशील जी महाराज ने देहदान पर धर्म पक्ष बड़े ही सादे अंदाज से सबके मन मे पहुचने का अद्भुद वक्तव्य रखा व खुद भी फार्म देहदान करने के फार्म भरा।

डॉ शेफाली ने एनोटॉमी के जरिये से ppt बना विज्ञान का जीवन उपयोगी पक्ष रखा व सबको देहदान हेतु प्रेरित किया,ये प्रेजेंटेशन आंखे खोलने वाला था।

वहीं कार्यक्रम में देहदान से जीवन पाने वाले राहुल जी ने जिन्हें हृदय मिला है,अपने हृदय स्पर्शी अनुभव सांझा किया। उनके अनुभव को सुनकर सबकी आंखे नम हो आई

माता जी का देहदान करने वाले अमरपाल जी को अपने ही परिवार का विरोध सहन पड़ा पर माँ की इच्छा को दान कर पूरा किया ,ये बताया सभी 27 देह-अंग-नेत्र दानियों को मोमेंटो देकरसम्मानित किया गया। ये अद्भुत दृश्य रहा

महामंत्री कमल खुराना जी ने शुरू में जो दधीचि देहदान समिति के 25 वर्षों की यात्रा, वालंटियर्स की अथक सेवा का समग्र वर्णन किया वही सबको बार बार आंदोलित कर रहा था। प्रो कुलविंदर सिंह द्वारा लिखित एक कमाल की प्रस्तुति सीमा जी के सहयोग से 6 छोटे बच्चो द्वारा नुक्कड़ नाटक अभिनीत करवाया गया। ये नुकड़ नाटक पूरे कार्येक्रम में सबके आकर्षण व चर्चा का विषय बन गया । वहीं जगमोहन सलूजा जी ने वेस्ट के कार्यो का विवरण दिया तो हेमा जी ने धन्यवाद भाषण दिया
मेजर जनरल सुरेंदर मोहन जी , रामधन नांगरू जी स्वास्थ्य कारणों व अध्यक्ष हर्ष मलहोत्रा जी पारिवारिक कारणों से अनुपस्थित रहे पर सब ने इनके सहयोग की भूरि भूरी प्रशंशा की फीडबैक की क्लिप्स जलज व ऐश्वर्य जैसे युथ ने कमाल का प्रेरक माहौल बनाया ।सब टीम का काम व बाकी ज़ोन्स के सभी संचालको ने व सभी उच्च पदाधिकारियों ने आकर समा बांध दिया । ऐसे आयोजनों से समाज मे नई चेतना आती है

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