दिल्ली सरकार के तुगलकी फरमान,’ सड़कों पर लोगों की जोखिम में जान ,दे रहे गालियां होकर परेशान
रिपोर्ट-संदीप शर्मा
दिल्ली में प्रदूषण से ज़्यादा सरकार के इसे दूर करने के ‘तुगलकी’ उपायों ने जनता का जीना मुहाल कर दिया है। प्रदूषण से राहत दिलाने के नाम पर सड़कों पर किए जा रहे गंदे पानी के छिड़काव ने दिल्ली की जनता को
रोने को मजबूर कर दिया है।
पश्चिम विहार के पॉश इलाके में शनिवार की शाम एक अजीब तमाशा देखने को मिला। जीसस मेरी व नियो कॉन्वेंट स्कूल के पास, जहां दिन में बच्चे पढ़ने आते हैं, वहां शनिवार की रात को अचानक स्कूटी और बाइक सवार ‘पटकनी’ खाकर जमीन पर गिरते नजर आए। किसी के दांत टूटे, तो किसी के होंठ। कुछ के घुटने ऐसे घायल हुए कि डॉक्टरों और स्कूटी मैकेनिकों की चांदी हो गई।
लोगों से पूछताछ करने पर मालूम चला कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए सड़कों पर जो पानी का छिड़काव हो रहा है, उसमें तेल जैसा कोई चिकना रसायन मिला हुआ था। नतीजा यह हुआ कि सड़कों पर कीचड़ फैल गया और स्कूटी, बाइक वाले ऐसे फिसले जैसे बर्फ पर स्केटिंग कर रहे हों।
दिल्ली की गड्ढे वाली पेरिसनुमा सड़कों का हाल: कमाल कर दिया केजरीवाल
दिल्ली की सड़कों की हालत पहले ही ‘गड्ढा पुराण’ जैसी है। कहीं सड़कों पर इतने गड्ढे हैं कि लोग पूछने लगे हैं, “ये सड़क है या चंद्रमा की सतह?” ऐसे में इन गड्डों पर पानी का छिड़काव करके सरकार ने अपनी ‘दूरदर्शिता’ का परिचय दे दिया है।
लोगों का गुस्सा: ‘दिल्ली को लंदन मत बनाओ, दिल्ली ही रहने दो’**
घटना के बाद स्थानीय लोगों ने सड़कों पर टूटी हड्डियों के साथ सरकार को कोसना शुरू कर दिया। एक सरदार जी ने तंज कसते हुए कहा, “दिल्ली को लंदन या पेरिस मत बनाओ, इसे यूपी-बिहार जैसा ही बना दो। अब तो ये राज्य भी हमसे अच्छे हैं “
सरकार के नाम जनता का संदेश
दिल्लीवालों का कहना है कि प्रदूषण कम करने के उपाय इतने खतरनाक हैं कि अब प्रदूषण से ज्यादा डर इन उपायों से लगने लगा है। जनता को सड़कों पर फिसलने से बचाने के लिए कुछ लोगो ने मिलकर पुलिस बैरिकेड को फिसलन वाले सड़क के हिस्से के पास लगा दिया। अब हमारा बिन मांगे मशवरा यह है कि सरकार भी अपनी नई योजनाओं की घोषणा करने से पहले अपनी पुरानी योजनाओं पर ज़रा ज़रूर सोचे
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