दिल्ली की शिक्षा मंत्री को शीतकाल और आपातकाल में कोई फर्क नहीं दिखाई देता,नाराज़ शिक्षकों ने सरकार को..
संदीप शर्मा, न्यूज़ नॉलेज मास्टर(NKM NEWS)
दिल्ली गैस चेम्बर में तबदील हो चुकी है । देश की राजधानी में सांसों का आपातकाल लगा हुआ है,टोपी ट्रांसफर में मास्टर केजरीवाल सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने ऐसी फटकार लगाई है कि जो आजतक के इतिहास में किसी सरकार को न लगी हो। आम आदमी पार्टी की सरकार की नाकामियों का खामियाजा आम आदमी भुगत रहा है । प्रदूषण से बचाव के लिए दिल्ली सरकार के तुगलकी फरमान अब सवालों के घेरे में हैं ।
ऑड इवन लागू करने का फ़ैसला अभी सुप्रीम कोर्ट के रिव्यू की बाट जो रहा है, वहीं अब सरकार ने प्रदूषण काल मे की गईं छुटियों को शीतकालीन अवकाश का नाम देते हुए स्कूल 19 नवंबर तक बंद करने का निर्णय लिया है ।
सरकार के इस फैसले का शिक्षक विरोध करते दिखाई दे रहे हैं । शिक्षकों का कहना है कि जब सर्दी ही नहीं आई है तो शीतकालीन अवकाश कैसा ? दिल्ली नगर निगम (MCD) न्याय मंच के अध्यक्ष कुलदीप सिंह खत्री ने बयान जारी कर केजरीवाल सरकार को कटघरे में खड़ा किया है ।
खत्री ने कहा ग्रेप 4 लागू है हालात बेकाबू हैं तो DDMA एक्ट लागू होना चाहिए.. यह आपातकाल है दिल्ली में .. इन सब को दरकिनार कर दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशक द्वारा शीतकालीन अवकाश की घोषणा करके दिल्ली का शिक्षा विभाग पूरे देश में मजाक का कारण बन गया है।
खत्री ने आगे कहा कि अधिकारी बिना सोचे समझे कोई भी आदेश निकाल देते हैं और उसका खामियाजा छात्रों और शिक्षकों को भुगतना होता है।खत्री ने सवाल किया कि क्या नवंबर में इतनी ठंड पड रही है कि शीतकाल का अवकाश अभी किया जाए।क्या उन्हें पूर्ण विश्वास है की इस बार सर्दी नहीं आयेगी,शर्म आनी चाहिए इन्हें।
हमारी दशहरे की पांच छुट्टी और एक मई से 10 मई तक की गर्मी की छुट्टी काटकर जनवरी का 1 जनवरी से 15 जनवरी तक का शीतकालीन अवकाश बनाया गया था। वहीं क्रिसमिस की छुट्टी खत्म ही कर दी गई जो साल के अंत में पांच छुट्टी मिलती थी अब वह केवल 1 रह गई है और आज इन छुट्टियों पर भी डाका डाल दिया गया है।*
खत्री ने कहा कि निगम के सभी छात्रों और शिक्षकों की और से हम इस आदेश का विरोध करते हैं और दिल्ली सरकार से निवेदन है इस आदेश को तुरंत वापिस लें अन्यथा दिल्ली के डेढ़ लाख शिक्षक अब विरोध करने के लिए तैयार हो रहे हैं जल्द सामूहिक धरना होगा।