यमुना की सफाई कार्य में विफल रहे विभाग प्रमुखों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्यवाही की मांग ।
नई दिल्ली । यमुना नागरिक परिषद (सिटीज़न कौंसिल फॉर यमुना ) यमुना की सफाई व आसपास के क्षेत्र का सौंदर्यीकरण कर पाने में विफल रहने पर
सम्बंधित विभागों के अधिकारियों को शीघ्र ही कारण बताओ नोटिस (शो कॉज नोटिस) भेजेगी । साथ ही इस
कार्य में देरी और लापरवाही करने के लिए संबंधित विभागों के अधिकारियों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई करने की माँग करेगी ।
यह फैसला आज शनिवार को यमुना नागरिक परिषद की बैठक में लिया गया। बैठक में यमुना स्वच्छ कार्य योजना के क्रियान्वयन और राष्ट्रीय हरित
प्राधिकरण (एन जी टी ) द्वारा निर्देशित विभिन्न गतिविधियों की समय-सीमा की उपलब्धियों की समीक्षा की गई।
परिषद के प्रमुख डॉ प्रेम अग्रवाल ने नवगठित दिल्ली की भाजपा सरकार की यमुना नदी की सफाई को लेकर गंभीरता व सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता और जल संसाधन मंत्री श्री प्रवेश वर्मा ने एनजीटी के निर्देशों को समय सीमा में पूरा करने के जो निर्देश संबंधित विभागों के अधिकारियों को दिए हैं वे बेहद सराहनीय हैं।
परिषद के डॉ ओंकार मित्तल ने इस बात पर चिंता जतायी कि एसटीपी (STP)और पीटीपी (PTP)
संयंत्रों की स्थापना, नालों के समुचित प्रबंधन तथा अनाधिकृत कॉलोनियों में सीवेरेज की व्यवस्था जैसे
कार्य समय-सीमा से काफ़ी पीछे चल रहें हैं ।
परिषद के मुताबिक़ हाई लेवल कमेटी की 10वीं बैठक की रिपोर्ट यह दर्शाती है कि एनजीटी के निर्देशों के अनुसार किए गए वायदे और कार्य निर्धारित समय सीमा में पूरे नहीं हो पाए।पिछली बैठक में दिल्ली के मुख्य सचिव ने नोडल अधिकारी व अन्य संबंधित अधिकारियों को यमुना की सफाई सुनिश्चित करने संबंधी निर्देश दिए थे लेकिन अभी तक इस संबंध में किसी भी अधिकारी ने अपनी ज़िम्मेदारी सही ढंग से नहीं निभाई है जिससे यमुना सफाई का कार्य कोई ख़ास गति नहीं पकड़ पाया है ।