डेरा सच्चा सौदा की मासूम चेहरों पर मुस्कान लाने की अनूठी कोशिश..घर से मस्जिद है बहुत दूर,चलो किसी रोते हुए बच्चों को हंसाया जाए

न्यूज़ नॉलेज मास्टर,डेरा सच्चा सौदा के अनुयायियों ने झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले गरीब परिवार के बच्चों को खिलौने बांट कर उनके चेहरे पर मुस्कान लाने की अनूठी कोशिश की है। दिल्ली के ईस्ट आज़ाद नगर में आयोजित एक कार्यक्रम में सेवादारो ने बड़ी संख्या में गरीब वंचित वर्ग के बच्चों को खिलौने और खाने का सामान बांट कर उनके चेहरे पर मुस्कान लाने का सराहनीय प्रयास किया है

डेरा सच्चा सौदा की दूसरी पातशाही परम पूज्य शाह सतनाम सिंह जी महाराज की पवित्र याद में शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेलफेयर फोर्स विंग के सेवा द्वारा मासूम बच्चों के चेहरे पर मुस्कान लाने की मुहिम के तहत जरूरतमंद बच्चों को खिलौना और खाने का सामान वितरित किया गया। डेरा सच्चा सौदा की तीसरी पातशाही डॉक्टर गुरमीत राम रहीम सिंह जी इंसा द्वारा मानवता भलाई के एक सौ पैंतीस कार्य चलाए जा रहे हैं । इसी कड़ी के तहत हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, दिल्ली सरीखे राज्यों के सेवादार मिलकर पच्चीस हजार सात सौ सतहत्तर जरूरतमंद बच्चों को खिलौने और खाने का सामान वितरित कर रहे हैं । वहीं देश की राजधानी दिल्ली में 1953 बच्चों को सामान और खिलौने वितरित किये गए। गौरतलब है कि डेरा सच्चा सौदा सत्संग दिसंबर महीने को याद-ए-मुर्शीद के रूप में मनाते है । जिसमे मानवता भलाई के कई कार्य किये जाते हैं ।

डेरे की इस मुहिम को देखकर निदा फ़ाज़ली की लिखी पंक्तियां याद आती है कि घर से मस्जिद है बहुत दूर,चलो यूँ करें किसी रोते हुए बच्चे को हंसाया जाया।

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