एकीकृत MCD में भी कर्मचारियों से भेदभाव ! वेतन मुद्दे पर सवालों के घेरे में निगम प्रशासन

न्यूज़ नोलेज मास्टर, NKM NEWS,दिल्ली के तीनों नगर निगमों को बेशक एक कर दिया गया हो लेकिन निगम प्रशासन का कर्मचारियों के प्रति भेदभावपूर्ण सिलसिला बदस्तूर जारी है। कर्मचारियों को तीनों निगमो के एक होने के बाद बड़ी उम्मीद थी कि वेतन और पेंशन को लेकर उनकी समस्याओं का अब अंत हो जाएगा। सभी कर्मचारियों को वक्त से वेतन मिलेगा । उत्तरी और पूर्वी निगम के कर्मचारियों की उम्मीदों पर पानी तब फिर गया जब SDMC के कर्मचारियों के खाते में वेतन डाल दिया गया लेकिन पूर्वी दिल्ली और उत्तरी दिल्ली नगर निगम के कर्मचारियों की अनदेखी की गई । ज़ाहिर है निगम के उन कर्मचारियों के मन पर क्या गुज़र रही होगी जिनके खाते में वेतन नही पहुंचा है। सवाल उठ रहे हैं कि तीनो निगमो के एकीकरण की कवायद का मायना क्या ?

वेतन की क्या है स्थिति

गौरतलब है कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम के कर्मचारियों के दो महीने (अप्रैल, मई) का वेतन और पेंशन नहीं मिला, सिर्फ मार्च तक का मिला है। वही पूर्वी दिल्ली नगर निगम के कर्मचारियों को फरवरी से वेतन नहीं मिला और पेंशन की भी लगभग यही स्थिति है। बात अगर SDMC की करें तो उसके सभी वर्ग के कर्मचारियों को वेतन मिल चुका है ।

ऐसे में कर्मचारियों में निगम प्रशासन के भेदभावपूर्ण रवैये को लेकर रोष बढ़ता जा रहा है। नगर निगम के कर्मचारियों की यूनियन इस सिलसिले में सोमवार या मंगलवार को एक डेलिगेशन के रूप में निगम आयुक्त से मिलने का विचार बना रहे हैं। उत्तरी और पूर्वी दिल्ली नगर निगम के कर्मचारियों माने तो अब उनके सब्र का बांध टूटने को है ।

एक कर्मचारी ने अपनी व्यथा को इन शब्दों में बयान किया है

3 महीने हो गए यूनिफिकेशन की घोषणा हुए 2 महीने हो गए एकीकरण को अमलीजामा पहनाने के लिए नोडल अधिकारियों को नियुक्ति किए हुए और 1 महीना हो गया है एकीकरण हुए हुए, पर 5-5 साल से लंबित पड़े एरियर की तो बात छोड़ो यहां तो अधिकारी, वेतन न देने का भी नया रिकॉर्ड‌ 6 महीने, स्थापित करने के इच्छुक ज्यादा दिखते हैं, जिस 5-5 महीने से लंबित वेतन के कारण, आपात परिस्थितियां में तीनों निगमों का यूनिफिकेशन किया गया था, उसका टॉप प्रिऑर्टी पर समाधान करने के बजाय अधिकारियों की अपनी अनुकूलता वाले बाकि सारे काम हो रहे हैं, कार्यपालन के स्तर पर इससे अधिक शर्मनाक स्थिति नहीं हो सकती है ।

प्रशासन को निगम कर्मचारियों की नाराज़गी का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।

दिल्ली नगर निगम के कर्मचारी एकीकृत निगम होने के बाद प्रशासन की और बड़ी उम्मीद से देख रहे हैं लेकिन प्रशासन के इस भेदभाव पूर्ण रवैये ने उत्तरी और पूर्वी निगम के कर्मचारियों में प्रशासन के प्रति रोष को बढ़ाने का काम किया है। अगर प्रशासन का यही रवैया रहा तो निगम कर्मचारियों की नाराज़गी का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। यही नही और भी कई मुद्दे हैं जिसपर उत्तरी और पूर्वी दिल्ली नगर निगम के कर्मचारियों का कहना है कि SDMC के कर्मचारियों को कई मामलों में तरजीह दी जाती है । ऐसे में सवाल उठता है कि अगर निगम एक हो चुका है तो फिर उसी पुराने काम पुराने ढर्रे पर क्यों चल रहा है।ज़ाहिर है निगम के उन कर्मचारियों के मन पर क्या गुज़र रही होगी जिनके खाते में वेतन नही पहुंचा है। उनके मन मे सवाल उठ रहे होंगे कि तीनो निगमो के एकीकरण की कवायद का क्या फायदा जब उनके हालात में कोई बदलाव नही आया। क्या निगमो को एकीकृत कर्मचारियों और जनता के हित मे किया गया यां फिर इसका मक़सद सियासी है।

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