सुप्रसिद्ध गज़लकार दुष्यंत कुमार की जयंती पर परिचर्चा और काव्य गोष्ठी का आयोजन

हिन्दी अकादमी, दिल्ली के सहयोग से यमुना युवक केंद्र दिल्ली द्वारा सुप्रसिद्ध गज़लकार श्री दुष्यंत कुमार की जन्म जयंती के अवसर पर एक विशेष परिचर्चा और काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम प्रेस क्लब ऑफ इंडिया , दिल्ली में आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम हिंदी साहित्य प्रेमियों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर रहा, जिसमें दुष्यंत कुमार के योगदान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

देश के प्रतिष्ठित कवियों और साहित्यकारों की उपस्थिति ने इस विशेष परिचर्चा और काव्य गोष्ठी को और भी आकर्षक बना दिया। काव्य गोष्ठी में श्री राम श्याम हसीन, श्री शिवकुमार बिलगरामी, श्री भारत भूषण आर्य , डॉ. ओंकार त्रिपाठी, श्री आलोक श्रीवास्तव ‘अविरल’ आमंत्रित किए गए। यह आयोजन साहित्य प्रेमियों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव रहा। कार्यक्रम की अध्यक्षता यमुना युवक केंद्र के महामंत्री श्री विजय शंकर चतुर्वेदी ने की। जबकि पद्मश्री से सम्मानित शिक्षाविद श्री जे एस राजपूत मुख्य अतिथि थे और हिंदी अकादमी दिल्ली के उपसचिव श्री ऋषि कुमार शर्मा विशिष्ठ अतिथि के रूप में उपस्थित थे।

कार्यक्रम की शुरुआत एक परिचर्चा से हुई, जिसमें दुष्यंत कुमार की साहित्यिक धरोहर, उनके लेखन की प्रासंगिकता और समाज पर उनके प्रभाव पर गहन चर्चा की गई। इस परिचर्चा में विभिन्न साहित्यिक हस्तियों और विशेषज्ञों द्वारा अपने विचार प्रस्तुत किए गए। जबकि डॉ. ओंकार त्रिपाठी, शिवकुमार बिलगरामी, भारत भूषण आर्य, आलोक श्रीवास्तव ‘अविरल’, राम श्याम हसीन, नीना शहर , सौरभ शेखर, नीलम अरोड़ा, सपना अहसास, वंदना कुंअर, अल्का मिश्रा, दर्शनी प्रिय, सत्यम भास्कर आदि कवियों के द्वारा प्रस्तुत की जाने वाली रचनाएँ दुष्यंत कुमार की साहित्यिक धरोहर को समर्पित रहीं और उनकी रचनाओं की गूंज से कार्यक्रम स्थल गुंजायमान हुआ।

इस कार्यक्रम के दौरान अपने अध्यक्षीय भाषण में श्री विजय शंकर चतुर्वेदी ने कहा, “दुष्यंत कुमार की रचनाएँ आज भी उतनी ही प्रासंगिक और प्रेरणादायक हैं जितनी अपने समय में थीं। इस कार्यक्रम का उद्देश्य दुष्यंत कुमार के साहित्यिक योगदान को याद करना और उनकी गज़लों और कविताओं के माध्यम से समाज में संवेदनशीलता और जागरूकता फैलाना है। “यह कार्यक्रम हिन्दी साहित्य के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है और युवा पीढ़ी को साहित्य के इस अनमोल खजाने से परिचित कराने का एक अनूठा प्रयास है।”

इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रसिद्ध शिक्षाविद और पद्मश्री से सम्मानित श्री जे एस राजपूत ने कहा, “हिन्दी अकादमी, दिल्ली और यमुना युवक केंद्र का यह प्रयास सराहनीय है। इस तरह के कार्यक्रम हमारे साहित्यिक धरोहर को सहेजने और युवाओं में साहित्यिक चेतना जागृत करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम बनते है।”

सुप्रसिद्ध शायर श्री शिवकुमार बिलगरामी ने कहा , ” दुष्यंत कुमार जन जागृति के कवि थे। उन्होंने हिन्दी कविता के नवीन बिंबो और प्रतीकों का गज़ल में प्रयोग कर , गज़ल की रूह में नई जान डाल दी।

हिन्दी अकादमी और यमुना युवक केंद्र के इस सामूहिक प्रयास से दुष्यंत कुमार की साहित्यिक धरोहर को जीवित रखने का यह आयोजन निश्चित रूप से साहित्य प्रेमियों के लिए एक अविस्मरणीय अवसर रहा। इस कार्यक्रम ने न केवल दुष्यंत कुमार की साहित्यिक यात्रा को सम्मानित किया, बल्कि यह भी दर्शाया कि हिंदी साहित्य में उनकी विरासत आज भी उतनी ही प्रासंगिक और प्रेरणादायक है जितनी उनके जीवनकाल में थी।

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