धार्मिक स्थलों के आसपास नशीले पदार्थों की दुकानों पर 100 मीटर की दूरी का नियम लागू हो
शहीद भगत सिंह फ्रंट संस्था ने दिल्ली के नेशनल स्पोर्ट्स क्लब में आयोजित एक प्रेस वार्ता में धार्मिक स्थलों के आसपास तंबाकू व अन्य नशीले पदार्थों की बिक्री पर सरकार से तुरंत रोक लगाने की मांग की है ।

संस्था के प्रतिनिधि इशप्रीत रंजीत सिंह ने कहा कि समाज में बढ़ती नशे की लत और आपराधिक घटनाओं की जानकारी हम सभी को है, और यह भी सत्य है कि इसमें लगातार वृद्धि हो रही है।ऐसे में यह अत्यंत आवश्यक है कि सरकार एवं समाज का ध्यान इस गंभीर मुद्दे की ओर आकर्षित किया जाए। धार्मिक स्थल—जैसे मंदिर, गुरुद्वारा, मस्जिद, चर्च आदि—वे स्थान हैं जहां बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं और युवा बड़ी संख्या में नियमित रूप से जाते हैं। इसलिए, इन स्थानों का सुरक्षित और स्वच्छ रहना अत्यंत आवश्यक है।
जब धार्मिक स्थलों के आसपास तंबाकू, गुटखा, सिगरेट और अन्य प्रकार के नशीले पदार्थ आसानी से उपलब्ध होते हैं, तो सुरक्षा और स्वच्छता दोनों पर ही प्रश्नचिह्न लग जाता है। हमारी टीम द्वारा की गई जांच में यह भी पाया गया है कि कई स्थानों पर इन दुकानों से गांजा, अफीम, कोकीन जैसे प्रतिबंधित नशीले पदार्थों का अवैध व्यापार भी किया जा रहा है।
नशे के प्रभाव में कई आपराधिक प्रवृत्ति के लोग धार्मिक स्थलों पर अप्रिय घटनाओं को अंजाम देते हैं। वर्तमान समय में लगभग प्रतिदिन ऐसी खबरें सुनने को मिलती हैं, जिनमें असामाजिक तत्व नशे की हालत में धार्मिक स्थलों में घुसकर कोई घटना अंजाम देते हैं, जिससे धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचती है।
आज के समय में धार्मिक स्थलों के आसपास नशीले पदार्थों की बिक्री बढ़ती जा रही है। जगह-जगह अवैध दुकानें खुल रही हैं, जहां तंबाकू, गुटखा, सिगरेट आदि उत्पाद आसानी से उपलब्ध हैं, जिससे इन स्थानों पर आपराधिक घटनाओं में भी वृद्धि हो रही है।
हम किसी भी व्यापार के विरोधी नहीं हैं, लेकिन यह भी आवश्यक है कि लोगों की आस्था और श्रद्धा का सम्मान किया जाए। धार्मिक स्थलों को स्वच्छ और सुरक्षित बनाने के लिए हमारा प्रस्ताव है कि नशीले पदार्थों की दुकानों को धार्मिक स्थलों से कम से कम 100 मीटर की दूरी पर स्थानांतरित किया जाए।
यह 100 मीटर की दूरी का नियम पहले से ही शैक्षणिक संस्थानों के लिए लागू है। हमारा सुझाव है कि धार्मिक स्थलों के लिए भी ऐसा ही नियम बनाया जाए या इस संबंध में अधिसूचना जारी की जाए, ताकि आमजन को स्वच्छ एवं सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराया जा सके।
हम यह भी प्रस्तावित करते हैं कि 100 मीटर के दायरे का नियम लागू होने के बाद इसकी निगरानी समय-समय पर की जाए, ताकि इस नियम का सही ढंग से पालन हो।