DU के गांधी भवन में यूपीएससी-सीएपीएफ के सफल प्रतिभागियों के सम्मान समारोह 40 सफल अभ्यर्थियों को किया गया सम्मानित,बड़ी संख्या में शिक्षा विद् व प्रशासनिक अधिकारी रहे

दिल्ली विश्वविद्यालय के गांधी भवन में यूपीएससी-सीएपीएफ के सफल प्रतिभागियों के सम्मान समारोह 40 सफल अभ्यर्थियों को सम्मानित किया गया । इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शिक्षा विद् व प्रशासनिक अधिकारी शामिल हुए

जलपुरुष राजेंद्र सिंह मानना है कि जो लोग आज पढ़-लिखकर अधिकारी बन जाते हैं, उनको शिक्षा व विद्या का फर्क समझना जरूरी है। नौकरशाही में शामिल होने वालों का ध्यान रखना चाहिए कि उनको देश-समाज के साझे भविष्य के लिए काम करना है। वह लोभवश धरती का दोहन कर संपदा बनाने से बचें। शिक्षा दोहन करने की सीख देती है, जबकि विद्या बेहतर भविष्य की दिशा में काम करने के लिए प्रेरित करती है। राजेंद्र सिंह मंगलवार दिल्ली विश्वविद्यालय के गांधी भवन में बोल थे। मौका सीआईएसएफ कमांडेंट राकेश निखज की पहल पर बुलाए यूपीएससी-सीएपीएफ के सफल प्रतिभागियों के सम्मान समारोह का था। इसका आयोजन इनफो वाला ग्रुप की तरफ से किया गया था।

अपनी तरह के देश के पहले आयोजन में करीब 40 सफल प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में हेलमेट मैन ऑफ इंडिया राघवेंद्र कुमार, यूपीएससी के इंटरव्यू पैनल के विशेषज्ञ व डीयू के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. विजेंद्र सिंह चौहान, लोक गायक मनोज भावुक, यमुना संसद के संयोजक रविशंकर तिवारी समेत बड़ी संख्या में अधिकारी और शिक्षाविद मौजूद थे। कार्यक्रम की शुरुआत स्लम एरिया के गरीब बच्चों की तरफ गणेश वंदना की आकर्षक प्रस्तुति के साथ हुई।

सफल प्रतिभागियों को नैतिकता की सीख देते हुए राजेंद्र सिंह ने कहा कि शिक्षा हम जीवन के फायदे के लोभ में लेते हैं। यह जी-तोड़ मेहनत मांगती है और गलाकाट प्रतियोगिता में बच्चों को ला देती है। सफल होने के बाद वह ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाने की लोभ में रहता है। वह प्रकृति का दोहन करता है। जबकि विद्या पाने वाले लोग लाभ के लिए नहीं जीते। कार्यक्रम में मौजूद पैरामिलिट्री फोर्स के नए अभ्यर्थियों को राजेंद्र सिंह की नसीहत थी कि अहम जिम्मेदारी निभाने जा रहे युवाओं को देश-समाज के साझे भविष्य को बेहतर बनाने का सपना देखना है। साथ ही उम्मीद भी जताई कि इस दिशा मेें यहां मौजूद युवा खरे भी उतरेंगे।

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