पूर्व सैन्य अधिकारियों के धैर्य की परीक्षा ना ले सरकार- कैप्टन हरीश पुरी
न्यूज़ नोलेज मास्टर NKM NEWS,भारतीय सेना से सेवानिवृत्त शॉर्ट सर्विस कमीशंड ऑफिसर एक लंबे अरसे से भारत सरकार से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर गुहार लगाते रहे हैं,लेकिन केंद्र में सरकार किसी भी दल कि हो उसके कान पर जूं नहीं रेंगती। पिछले पांच दशकों से कई सरकारी बदल चुकी हैं लेकिन पूर्व सैन्य अधिकारियों के प्रति सरकारों का रवैया एक जैसा ही रहा है ,यह कहना है कैप्टन हरीश पूरी का जो ऑल इंडिया शॉर्ट सर्विसड वेलफेयर एसोसिएशन के सदस्य हैं ।
गत माह 25 जून को नोएडा में ऑल इंडिया शॉर्ट सर्विस कमिशन वेलफेयर एसोसिएशन की एक बैठक का आयोजन हुआ । इस बैठक में सेना से सेवानिवृत्त 11 पुरुष अधिकारियों और 2 महिला SSCOs अधिकारियों ने हिस्सा लिया । वहीं एसोसिएशन के सदस्य द्वारा में मेजर गौरव आर्य को पुष्पगुच्छ देकर एसोसिएशन के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों द्वारा स्वागत भी किया गया।
सेना से सेवानिवृत्त कैप्टन हरीश पुरी ने एसोसिएशन को संबोधित करते हुए कहा कि
सरकार को इस तरह हमारे धैर्य की परीक्षा नही लेनी चाहिए । हम उम्र के जिस पड़ाव पर खड़े हैं अब तो हमारे पास इतनी सांसे भी नहीं बची कि हम अपने अधिकारों का और इंतजार कर सके । इन 55 सालों से हम लोग अर्श से फर्श पर आ चुके हैं । यह कैसी कानूनी प्रक्रिया है जो पूरा होने का नाम ही नहीं लेती । हमारे साथ नौकरी करने वाले सैकड़ों की तादाद में सेवानिवृत्त अधिकारी तो भगवान को प्यारे हो चुके हैं लेकिन सरकार है कि चेतने का नाम ही नही ले रही।
कैप्टन पूरी ने कहा कि जिस प्रकार हमारे रैंक को संविधान के द्वारा हमें दिया गया है ,हमारे अन्य अधिकार और उचित सम्मान भी सरकार को देना चाहिए । पिछले 5 वर्षों से कई सरकारें आई और गई लेकिन किसी ने भी इन शॉर्ट सर्विस कमिशन अधिकारियों की बद से बदतर होती स्थिति पर ध्यान नहीं दिया । कैप्टन पुरी ने सरकार से सवाल पूछा की जरूरत पड़ने पर सेना में भर्ती तो कर लिया जाता है हमें देशभक्ति की कसमें दिलवाई जाती हैं और शपथ दिलाई जाती है कि हम अपने जान की आहुति दे कर भी अपनी मातृभूमि की रक्षा करेंगे । जिस संविधान को साक्षी बनाकर हमे शपथ दिलवाई जाती है,लेकिन कार्यकाल पूरा हो जाने के बाद उसी संविधान को तिलांज Iलि देकर हमारे साथ अन्याय किया जाता है। कार्यकाल पूरा होने के बाद केवल टर्मिनल ग्रेच्युटी देकर हमें घर का रास्ता दिखा दिया जाता है । यह विडंबना ही है कि जब वे सैनिक सेना से घर वापिस लौटने के बाद सिविल में नौकरी के तलाशने के लिए मजबूर होता है।
हमने अपनी मांगों को लेकर सत्ता पक्ष हो या विपक्ष हर किसी से गुहार लगाई है । इसी सिलसिले में हमने कांग्रेस पार्टी के सांसद मनीष तिवारी से मुलाकात की तो वहीं केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी मुलाकात कर चुके हैं। यही नहीं हमें देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सभी अपनी समस्याओं को लेकर पत्राचार किया है। हमें यह कहते हुए बड़ा अफसोस हो रहा है कि किसी ने भी हमारी मांगों की तरफ तवज्जो नहीं दी।
हमने सरकार के सामने लंबे अरसे से दो मांगे रखी हैं । एक तो हमें पेंशन दी जाए दूसरी (ECHS) के तहत कैशलेस चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जाए जो कि हमारा बुनियादी अधिकार है।
इस बैठक में मेजर गौरव आर्य ने बताया कि हमें एक विकिपीडिया और वेबसाइट बनाने की आवश्यकता है ताकि हम अपनी कम्युनिकेशन स्ट्रेटजी को और प्रभावी बना सके ,और हमारी यह मुहिम और अधिक कारगर साबित हो सके। इसके लिए हमे यूट्यूब ट्विटर, फ़ेसबुक सरीखे डिजिटल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल भी करना चाहिए।
कैप्टन एम.एस उप्पल ने कहा कि
UPSC के 1965 के फॉर्म में यह ज़िक्र कहा गया था कि पेंशन विचाराधीन है ,लेकिन 55 वर्ष बीत जाने के बाद भी सरकार इन सैन्य अधिकारियों को पेंशन देने को तैयार नही है।उप्पल ने कहा जबकि पेंशन अधिनियम के तहत किसी अधिकारी ने जितनी सर्विस एक रेंक के तहत की है उसीके अनुसार रेगुलर कमीशन्ड अधिकारियों को पेंशन दी जाती है तो फिर शॉर्ट सर्विस्ड कमीशन्ड अधिकारियों के साथ ही भेदभाव क्यों किया जा रहा है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने भी पेंशन को लेकर 2018 से हमारी एसोसिएशन यूनियन ऑफ इंडिया के खिलाफ केस लड़ रही है और सुप्रीम कोर्ट में भी अपील कर कैशलेस ECHS का लाभ दिए जाने का केस चल रहा है। न्याय के लिए सिस्टम से लड़ते हुए समस्या का कोई निदान अभी तक नज़र नही आ रहा है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों यूनियन के एक प्रतिनिधि मंडल ने कांग्रेस पार्टी के सांसद मनीष तिवारी इस मुद्दे पर मुलाकात कर अपनी समस्याओं से अवगत करवाया। मनीष तिवारी ने इस सिलसिले में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र भी लिखा ।
कैप्टन पूरी ने इस बात पर खुशी जताई कि इस मुद्दे पर देश के रक्षा मंत्री ने मनीष तिवारी के पत्र का जवाब दिया है ।
पत्र में राजनाथ सिंह ने मनीष तिवारी को संबोधित करते हुए लिखा है की
लेफ्टिनेंट कर्नल जी.पी.एस के प्रतिनिधित्व वाला ज्ञापन पत्र मुझे मिला है जिसमे ECOs/SSCOs को OROP के तहत पेंशन, चिकित्सा सुविधा और अन्य सुविधाओं को देने कि मांग की है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस मुद्दे पर विचार करने का आश्वासन दिया है
एसोसिएशन के सदस्यों को उम्मीद है कि केंद्र सरकार इस मुद्दे पर संवेदनशीलता से विचार करेगी और विपक्षी दल भी देश की सेना से जुड़े मुद्दे पर सकारात्मक रुख अपनाएंगे ।
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