न्यूज़ नॉलेज मास्टर का डिज़ेटल आगाज़
वर्तमान युग सूचना क्रांति का युग है। इस युग में तेज़ी से बदलती तकनीक ने मीडिया कार्यशैली का पूरा ताना-बाना ही बदल दिया है। आज से कुछ दशक पूर्व जब इलेक्ट्रोनिक मीडिया के उदय ने व्यक्ति और समाज के जीवन में क्रांतिकारी और व्यापक बदलाव किए हैं। इस बदलती दुनिया में इलेक्ट्रोनिक मीडिया के बाद डिज़िटल मीडिया और न्यू मीडिया या सोशल मीडिया ने मानव जीवन शैली मे जो बदलाव किए है उसे नज़र अदाज़ नहीं किया जा सकता।बावजूद इसके देखने वाली बात यह है कि मीडिया क्रांति के दौर में जो दर्शकों-पाठकों को खबरें परोसी जा रही है वो कितनी सार्थक है। देखने वाली बात यह भी है कि खबर के नाम पर परोसे जाने वाली सामग्री की उपयोगिता क्या है।
समचार चैनल्स,समाचार पत्र,न्यूज़ पोर्टलस और सोशल मीडिया में समाचार सामग्री की बाढ़ आ गई है। ये खबरों की बाढ़ में बहता हुआ समाज-देश किस दिशा में बह रहा है इस पर मंथन करने का वक्त आ गया है। बाढ़ का बहाव सिर्फ विनाश ही लाता है। यहां इस वक्त बाढ़ पर लगाम लगाने के लिए बांध बनाये जाने क ज़रुरत महसूस की जाने लगी है। बांध मीडिया के उस व्यवसायीकरण पर बनाने की ज़रुरत है जिसने खबरों को बाज़ार बना कर रख दिया है थोड़े से ठहराव की अब ज़रुरत है। खबरिया चैनल्स पर छोटी सी बात का बतंगड़ बना देना और अति महत्वपूर्ण मुद्दों का इसी शोर-गुल में खो जाना,मीडिया की विश्वसनियता के लिए शुभ संकेत नहीं है। सुबह से लेकर शाम तक जिस तरह एंकर दो चार नेताओं और बुद्दिजीवियों को लेकर दुकान सजा कर बैठ जाते हैं और दर्शकों को टीआरपी के चक्कर में घंटों पकाते हैं उससे बाहर निकलने की ज़रुरत है।
न्यज़ नॉलेज मास्टर की ऑन लाइन शुरुआत खबरों की सार्थकता को बरकरार रखने की एक ऐसी ही कौशिश है। ये प्रयास चंद पत्रकारों का है जिनकी कौशिश पाठकों तक सही स्टीक और सार्थक खबरें पहुंचाने की है। इस कौशिश में आपकी मंगल-कामनाओं के साथ एक शुरुआत करने जा रहे हैं