अगर आप हैं दयावान, तो रहें सावधान, जानिए सेंकडो लोगों लोगों को लाखों का चूना लगाने वाली दिलफरेब महिला की करतूत
न्यूज़ नोलेज मास्टर,NKM NEWS,भारत में कहा जाता है दया परमोधर्म अर्थात दया ही सबसे बड़ा धर्म है । दयालुता अच्छी बात है लेकिन सावधान अगर आप दयावान और दयालु है और किसी ज़रुरतमंद की मदद करने से कभी पीछे नही रहते तो यह खबर आपको ज़रुर पढ़नी चाहिए। देश और विदेश में बिमारी का बहाना बनाकर लोगो से पैसा इक्टठा करने और मूर्ख बनाने वाले लोगो की कमी नही है ।
हम आपको एक ऐसी ही खबर बताने जा रहे हैं कि कैसे एक महिला ने बिमारी का बहाना बना कर सैकड़ों लोगो की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया..कैसे इस औरत ने बिमारी के इलाज के नाम पर लाखों रुपये इक्टठा कर लिये।
यह समाचार तो सात समंदर पार विदेश का है लेकिन भारत में भी फर्जी लोगो की कमी नही है । ऐसे लोग जो झूठ बोलकर बिमारी का बहाना बनाकर यां किसी अन्य मजबूरी का हवाला देकर आये दिन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मदद की गुहार लगाते दिखाई देते हैं । किसी ज़रुरतमंद की मदद करना बहुत अच्छी बात है लेकिन मदद करने से पहले थोडी जांच पड़ताल कर लेना भी बहुत ज़रुरी है। कहीं ऐसा तो नही कि जिसकी आप मदद करने जा रहे है वो आपकी भावनाओं से खिलवाड़ कर रहा हो । क्या आपके द्वारा दी जाने वाली मदद राशि का इस्तेमाल ठीक जगह हो रहा है ? क्या जो धन राशि आप मदद के लिए दे रहे है वो सही जगह सही व्यक्ति के पास पहुंच रही है।
क्राउडसोर्सिंग पलेटफॉर्म के माध्यम से लोग मदद की गुहार लगाते है । कोविड -19 महामारी के चरम के दौरान, ऐसे बहुत से लोग थे जिन्होंने मदद के लिए क्राउडसोर्सिंग प्लेटफॉर्म पर अपना पंजीकरण कराया । मेनस्ट्रेम मीडिया में ऐसी कई कहानियां भी सामने आई । जिसमे लोग एक दूसरे की मदद के लिए सामने आये। कई अच्छे लोगो की मदद से कई ज़रुरतमंद लोगों की जान भी बची । धीरे-धीरे इस तरह के प्लेटफॉर्म पिछले साल तेजी से बढ़े और आज कई जरूरतमंद पुरुष, महिलाएं और बच्चे ऐसे प्लेटफॉर्म के माध्यम से मदद लेते हैं।
ऐसी ही एक महिला, ब्रॉडस्टेयर, केंट की रहने वाली 44 वर्षीय निकोल एल्कब्बास ने लोगों को धोखा दिया और पैसे इक्ट्ठा कर उसका गलत इस्तेमाल किया..निकोल ने कैंसर रोगी होने का नाटक किया और 43 लाख रुपये इक्ट्ठा किए। डेली स्टार ने बताया, “महिला ने लोगों से झूठ बोला कि उसे डिम्बग्रंथि का कैंसर है और फिर एक क्राउडफंडिंग वेबसाइट के माध्यम से 43 लाख रुपये का फंड जुटाया। गो फंड मी नाम के इस प्लेटफॉर्म पर निकोल एल्कब्बास ने अपना झूठा पेज बनाया और दावा किया कि उन्हें डिम्बग्रंथि का कैंसर है जिसके लिए उन्हें इलाज के लिए स्पेन जाना पड़ा।
रिपोर्ट के मुताबिक करीब 700 लोगों ने उसके इलाज के लिए पैसे दान किए। बाद में, उसने पैसे का इस्तेमाल यात्रा, जुआ और खरीदारी के लिए किया गया। अदालत में अपने मुकदमे के दौरान, निकोल एल्कबास ने खुलासा किया कि उसे लगा कि वह कैंसर से पीड़ित है। उसने अदालत को आगे बताया कि उसके 3 ऑपरेशन और 6 कीमोथेरेपी हुई थी।
क्राउडसोर्सिंग प्लेटफॉर्म पर, महिला ने लिखा कि उसे कैंसर की दवा की तत्काल आवश्यकता है, जो केवल स्पेन में ही मिल सकती है, ताकि उसकी जान बच सके।
जांच अधिकारियों को पड़ताल करने पर अस्पताल में निकोल एल्कबास की कोई महिला नहीं मिली, जिसने दवा का ऑर्डर दिया हो या कोई इलाज किया हो।
निकोल को अदालत में दोषी साबित किया गया, और वह अब 2 साल 9 महीने की जेल की सजा काट रही है।