केजरीवाल को दिल्ली में लगा बड़ा झटका,MCD में भाजपा ने कर दिया बड़ा खेल
संदीप शर्मा
जेल में बंद केजरीवाल को गहरा सदमा लगा है । दिल्ली की राजनीति में आज एक बड़ा राजनीतिक उलटफेर हुआ है, आम आदमी पार्टी (AAP) के पांच निगम पार्षदों ने केजरीवाल को THENGA दिखाकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) का दामन थाम लिया है। इस घटनाक्रम से दिल्ली नगर निगम (MCD) में बीजेपी की स्थिति मजबूत हो गई है, जो आगामी स्टेंडिंग कमेटी व ज़ोन कमेटियों के चुनाव में महत्वपूर्ण हैं वहीं आगामी दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिहाज से AAP के लिए चिंता बढ़ाने वाला विषय है ।
दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा, सांसद योगेंद्र चंदोलिया, नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी, और अरविन्दर सिंह लवली की उपस्थिति में ये पांच पार्षद बीजेपी में शामिल हुए। बीजेपी में शामिल होने वाले पार्षदों की सूची इस प्रकार है:
श्री राम चंद्र (वार्ड 28)
श्री पवन सहरावत (वार्ड 30)
श्रीमती मंजू निर्मल (वार्ड 180)
श्रीमती सुगंधा बिधूड़ी (वार्ड 178)
श्रीमती ममता पवन (वार्ड 177)
इन पार्षदों के बीजेपी में शामिल होने से पार्टी को दिल्ली नगर निगम की सात वार्ड कमेटियों में बहुमत मिल गया है। अब अगर MCD के 12 जोन में चुनाव होते हैं, तो बीजेपी को इनमें से सात ज़ोन कमेटियों पर कब्जा करने का मौका मिल सकता है।
इस घटनाक्रम के साथ ही, जून 2023 में दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा दिल्ली नगर निगम की स्टैंडिंग कमेटी के तीन बीजेपी और तीन AAP सदस्यों के चुनाव को भी बरकरार रखा गया था। हालांकि, इन सदस्यों में से एक, कमलजीत सहरावत, ने लोकसभा चुनाव जीतने के बाद इस्तीफा दे दिया। उनकी जगह लेने के लिए MCD हाउस एक नया सदस्य चुनेगा, जिसके लिए मेयर द्वारा अलग से अधिसूचना जारी की जाएगी।
इस राजनीतिक घटनाक्रम से जहां बीजेपी की स्थिति और मजबूत हुई है, वहीं आम आदमी पार्टी को एक बड़ा झटका लगा है। यह दिल्ली की राजनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत है और इसके दूरगामी परिणाम आगामी दिल्ली विधानसभा चुनावों पर पड़ सकते हैं।
बीजेपी नेताओं ने इन पार्षदों का पार्टी में स्वागत किया और कहा कि उनका यह कदम पार्टी के लिए एक मजबूत बुनियाद तैयार करेगा। इन पार्षदों ने भी कहा कि उन्होंने यह निर्णय दिल्ली के विकास और जनता की भलाई के लिए लिया है। आम आदमी पार्टी में रहते हुए वे जनता की अपेक्षाओं पर पूरा नही उतर पा रहे थे क्योंकि उन्हें काम नही करने दिया जा रहा था। वहीं कुछ पार्षदों ने पार्टी छोड़ने का कारण उन्ही की पार्टी के स्थानीय विधायक से नाराजगी भी बताया
इस घटनाक्रम ने दिल्ली की सियासी तस्वीर में नए समीकरण पैदा कर दिए हैं, जो आने वाले समय में दिल्ली की राजनीति को गहराई से प्रभावित कर सकते हैं।