मेयर शेली ओबेरॉय ने पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने से किया इनकार, भाजपा ने लोकतंत्र की हत्या का लगाया आरोप

संदीप शर्मा

नई दिल्ली: मेयर डॉ. शेली ओबेरॉय ने एमसीडी वार्ड समितियों के चुनावों के लिए पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि अंतरात्मा उन्हें अलोकतांत्रिक चुनाव प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति नहीं देती। उनके अनुसार, केवल एक दिन के नोटिस के कारण कई पार्षद अपने नामांकन दाखिल करने में असमर्थ रहे, जिनसे उन्हें कई ज्ञापन प्राप्त हुए हैं।

डॉ. ओबेरॉय ने कहा, “लोकतांत्रिक प्रक्रिया की निष्पक्षता को बनाए रखने के लिए नामांकन के लिए पर्याप्त समय प्रदान करना आवश्यक है। मेरे निर्देश के बाद नगर निगम सचिव को चुनाव की अधिसूचना देने में पांच दिन लग गए, तो नामांकन दाखिल करने के लिए केवल एक दिन कैसे दिया जा सकता है?” उन्होंने यह भी कहा कि एमसीडी के इतिहास में नामांकन दाखिल करने के लिए इतना कम समय पहले कभी नहीं दिया गया।

मेयर ने एमसीडी आयुक्त को निर्देश दिया है कि नामांकन दाखिल करने के लिए कम से कम एक सप्ताह का नोटिस देकर चुनाव प्रक्रिया को फिर से शुरू किया जाए।

इस फैसले पर दिल्ली नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष राजा इकबाल सिंह ने महापौर शैली ओबेरॉय को घेरा है  सरदार राजा इकबाल सिंह ने कहा है की निगम वार्ड समितियों के पीठासीन अधिकारी ना नियुक्त करना महापौर डा. शैली ओबरॉय एवं आम आदमी पार्टी की ना सिर्फ वार्ड समिति बल्कि स्टैंडिंग कमेटी में भी हार की स्वीकृति है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा है की नगर निगम के दो साल आम आदमी पार्टी ने बर्बाद कर दिए हैं, वार्डों में विकास कार्य ठप्प हैं। ऐसी स्थिती बन गई है जहाँ नगर निगम आयुक्त को संवैधानिक प्रावधानों का पालन सुनिश्चित करवाना होगा।उन्होंने दावा किया कि भाजपा कल निगम वार्ड समिति चुनाव जीतेगी।

इस फैसले पर दिल्ली भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। भाजपा प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने  इसे लोकतंत्र की हत्या करार दिया।

उन्होंने कहा कि शेली ओबेरॉय ने मेयर के रूप में अपने संवैधानिक और नैतिक अधिकार खो दिए हैं और उन्हें तत्काल बर्खास्त किया जाना चाहिए। उनके इस निर्णय ने एमसीडी को संभावित विघटन के कगार पर धकेल दिया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *